बिहार चुनाव में हार को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी का कहना है कि इसके लिए सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी अमित शाह और अरुण जेटली को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। आगे उन्‍होंने ये भी कहा कि अब देखना ये है कि शर्तिया पार्टी में नेतृत्‍व के खिलाफ शांत असहयोग आंदोलन अब और भी ज्‍यादा गहराएगा।


ऐसा बोले शौरी उनका कहना रहा कि बीते दिनों में किए गए वादों के पूरा न होने के कारण ऐसा हुआ। ऐसा होने से मोदी केंद्रित अभियान में विश्वसनीयता की कमी नजर आई। ऐसे में ये भी साफ है कि इस हार के लिए भाजपा की विभाजग नीतियां जिम्मेदार हैं। याद दिला दें कि शौरी बाजपेयी सरकार में मंत्री के पद पर रह चुके हैं। विपक्षी दलों की बताई खासियत शौरी ने शाह और जेटली दोनों पर मोदी के खिलाफ एक ऐसा घेरा बनाने का आरोप लगाया है कि जिसके कारण विपक्षी दलों ने एकजुट होकर गठबंधन कर लिया। इसी गठबंधन ने महागठबंधन के रूप में बाजी मार ली। उन्होंने ये भी कहा कि भाजपा सिर्फ 31 प्रतिशत मतों के साथ सिर्फ और सिर्फ मोदी की लोकप्रियता की वजह से सत्ता में आई थी। इसके इतर इसको लेकर अन्य कोई कारण उत्तरदायी नहीं है।
इनको ठहराया जिम्मेदार


शौरी से यह पूछे जाने पर कि हार के लिए असल मायने में किसे जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने जवाब दिया कि मुख्य रणनीतिकार शाह और जेटली हैं। ये वही थे, जिन्होंने कहा कि पार्टी या सरकार में कोई चौथा अन्य व्यक्ति नहीं है। इसके आगे उनसे ये भी पूछा गया कि बिहार में पार्टी के प्रचार अभियान में उनके अनुसार क्या गलत हुआ। इस पर शौरी ने सिर्फ एक शब्द में जवाब दिया और कहा कि सबकुछ।  वादों के जिक्र पर याद दिलाया ये मोदी की ओर से किए गए वादों पर शौरी ने लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान मोदी के इस दावे का जिक्र किया कि अगर वह सत्ता में आए तो काला धन भारत वापस लाकर रहेंगे। उसमें से हर किसी को 15 लाख रुपए मिलेंगे। शौरी ने ये भी बताया कि और फिर बाद में भाजपा अध्यक्ष ने ये कह दिया कि वह महज एक जुमला था, इसलिए जब आप नए वादे करेंगे तो लोग आपको गंभीरता भला कैसे लेंगे।inextlive from India News Desk

Posted By: Ruchi D Sharma