-हाईकोर्ट का आदेश, सुधार के लिए दिए गए सुझाव पर भी देना है जवाब

PATNA: राजधानी में ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार को लेकर पटना हाईकोर्ट सख्त है। एक याचिका पर सुनवाई कर बिहार सरकार को 2 सप्ताह में विस्तृत एक्शन प्लान प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश ए.पी। शाही और न्यायाधीश अंजना मिश्रा की दो सदस्यीय खंडपीठ ने पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन फोरम एवं उनके वकील शशि भूषण कुमार द्वारा दायर याचिका मामले में यातायात की खराब व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर की। याचिकाकर्ता ने ट्रैफिक समस्या से बचने के लिए बीस सूत्री सुझाव कोर्ट में पेश किया था। जिसमें कहा गया था कि पटना की प्रमुख सड़कों पर पीक आवर में ट्रैफिक भार कम करने के लिए भारी वाहन नहीं चलाए जाए। पटना के घनी आबादी वाले कॉलोनी में ऑफिस टाइम में ट्रैक्टर, रिक्शा के परिचालन पर रोक लगे। रोड से अतिक्रमण हटाकर बाउंड्री वाल बनाएं जाएं। चौक-चौराहे पर अनावश्यक भीड़ लगाने पर जुर्माना लगाया जाए।

2003 से दें ट्रेंड टीचर का वेतन

एक अन्य मामले में पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य में जिन टीचर्स ने 2007 में ट्रेनिंग की पूरक परीक्षा पास की है, उन्हें 1 अक्टूबर 2003 से ट्रेंड टीचर का वेतन दिया जाए। ऐसा नहीं होने पर अगले सप्ताह शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव हाजिर हों। यह आदेश बुधवार को न्यायाधीश दिनेश कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने दिया। दिलीप कुमार और अन्य की याचिका पर अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग केवल बांका के ट्रेंड टीचर को वेतनमान देने को तैयार है। अन्य टीचर्स के बारे में कोई जवाब नहीं दिया गया है। बताते चलें कि अनट्रेंड टीचर्स ने 2003 में पूरक परीक्षा दी थी, लेकिन 2007 में रिजल्ट निकाला गया। इसलिए इन टीचर्स को 2007 से ट्रेंड टीचर का वेतनमान दिया जा रहा है। जबकि याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि रिजल्ट लटका कर रखने के लिए टीचर जिम्मेदार नहीं हैं।

Posted By: Inextlive