- पटना में दिनों-दिन बढ़ रहें हैं सेपक टाकरा के खिलाड़ी

- मलेशिया के नेशनल गेम को अपना रहें है नए खिलाड़ी

- सेपक टाकरा की गेंद भी है पेंच आगे बढ़ने में

PATNA : बिहार खेल सम्मान-ख्0क्भ् में इस बार कई ऐसे खेल के नाम सामने आए हैं जो परंपरागत तरीके से नहीं खेले जाते थे, लेकिन अब यही खेल बिहार का नाम रौशन करेगा। सेपक टाकरा खेल की नेशनल चैम्पियन नमिता सिन्हा पटना की खिलाड़ी हैं। वैसे तो यह खेल मलेशिया की नेशनल गेम है, लेकिन बिहार में अब यह पटना सहित क्7 जिलों में खेला जाता है। बिहार सेपक टाकरा एसोसिएशन के सेक्रेटरी विजय कुमार शर्मा ने बताया कि इस खेल का आकर्षण बहुत है। आम तौर पर दक्षिण एशिया के देशों में खेला जाने वाला यह खेल क्98ख् में भारत आया था।

एसियाड से अब तक

जानकारी हो कि क्98ख् में दिल्ली में आयोजित एशियाई खेल में पहली बार देश में इस खेल का नाम सुना। जिसमें मलेशिया, सिंगापुर, ब्रुनेई, फिलिपीन्स के बीच मैच खेला गया था। इसके बाद इसी वर्ष नागपुर में इस खेल का नेशनल फेडरेशन स्थापित किया गया। अब यह पूर्वी भारत के राज्यों में काफी लोकप्रिय हो गया है। बिहार सेपक टाकरा एसोसिएशन के कोच पंकज कुमार रंजन ने बताया कि यह खेल बास्केटबॉल से मिलता-जुलता है। इसमें हाथ का प्रयोग नहीं करते हैं और गेंद को नेट के दूसरी ओर भेजना होता है। इस खेल में खेलने के लिए शरीर का लचीला होना बहुत जरूरी है।

पटना में हैं इसके कई खिलाड़ी

सेपक टाकरा के कई खिलाड़ी पटना में भी हैं। इसमें नेशनल लेवल से लेकर जूनियर और ट्रेनिंग ले रहे खिलाड़ी भी शामिल हैं। पंकज कुमार रंजन ने बताया कि कंकड़बाग स्थित कोकोनट पार्क में सेपक टाकरा के खिलाड़ी प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। इसी साल इसके नेशनल टीम में पटना के संजु सिंह और बक्सर के रमाकांति सिंह ने पार्टिसिपेट किया था। इसके बाद नमिता सिन्हा ने ख्00फ् से लेकर अब तक कई नेशनल और इंटरनेशनल गेम्स में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी हैं।

स्कूल लेवल से हो शुरुआत

बिहार खेल सम्मान से सम्मानित और एशियाड चैम्पियन नमिता सिन्हा ने आई नेक्स्ट से बातचीत में कहा कि यह खेल एशियाड में खेला जाता है। अगर स्कूल स्तर पर ही प्रशिक्षण और सुविधाएं मिले तो इसके नए खिलाडि़यों की एक पीढ़ी तैयार करने में बड़ा लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। जानकारी हो कि इस खेल का गेंद एक हजार से डेढ़ हजार रुपए की लागत आती है।

पटना में हैं कई खिलाड़ी

सेपक टाकरा के कोच पंकज कुमार रंजन ने बताया कि पटना जिला से कई खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहें है क्योंकि इसके लिए रेग्यूलर ट्रेनिंग आदि की सुविधा लेते हैं। जूनियर वर्ग के खिलाडि़यों में नीतीश, ऋतिक, शिवम, अभिषेक, अंकित, नमन और आकाश शामिल हैं। जबकि ग‌र्ल्स टीम में पूजा, सुभांगी, शेफाली, सुबी, शिरीन काफी अच्छा खेलती हैं। बिहार सेपक टाकरा एसोसिएशन के सेक्रेटरी विजय कुमार शर्मा ने बताया कि एसोसिएशन का प्रयास है कि हम अधिक से अधिक नए प्रतिभा को उभारकर नेशनल लेवल पर खेलने का अवसर दें। एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष कुमार जामवार ने बताया कि नमिता सिन्हा के राज्य खेल सम्मान मिलने के बाद और कई उभरते खिलाडि़यों का उत्साह बढ़ा है।

अगर स्कूल लेवल पर ही इस खेल की शुरुआत और साधन मिले तो नए खिलाडि़यों के उभरने की संभावना को बल मिलेगा। नए खिलाडि़यों की नई फौज तैयार होगी। साथ ही मीडिया की भूमिका भी महत्वपूर्ण है।

- नमिता सिन्हा, सेपक टाकरा की नेशनल खिलाड़ी

कम संसाधन में बिहार के सेपक टाकरा खिलाड़ी नेशनल स्तर पर अपनी पहचान बना सकते हैं तो अगर सरकार द्वारा सुविधा मिले, तो इस खेल में खिलाडि़यों से और और बेहतर की उम्मीद की जा सकती है।

- पंकज कुमार रंजन, कोच सेपक टाकरा एसोसिएश्न

Posted By: Inextlive