-डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने की राशि बंटवारा करने की मांग

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क्कन्ञ्जहृन्: पंद्रहवें वित्त आयोग से बिहार ने सेस और सरचार्ज से प्राप्त होने वाली राशि का भी राज्यों में बंटवारा करने की मांग की है। अभी तक सेस व सरचार्ज को केंद्रीय करों के विभाजक पूल का हिस्सा नहीं माना गया है। यह बातें डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कही। उन्होंने कहा कि सात निश्चय जैसी राज्य केंद्रीत योजनाओं के लिए एक लाख करोड़ की मांग की गई है। सचिवालय स्थित अपने कक्ष में मीडिया से बातचीत में मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार को सेस से 267423 करोड़ और सरचार्ज से 108606 करोड़ अर्थात् 376029 करोड़ रुपए प्राप्त होता है। अन्य केंद्रीय करों की तरह इसे विभाजक पूल का हिस्सा बना दिया गया तो बिहार जैसे पिछड़े राज्य का कल्याण होगा। वित्त आयोग से बिहार ने विभाजक पूल में राज्यों की मौजूदा हिस्सेदारी को 42 फीसद से बढ़ाकर 50 करने की भी मांग की है।

मांगी एक लाख करोड़ की राशि

वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार ने सात निश्चय जैसी राज्य केंद्रित योजनाओं के लिए एक लाख करोड़ की राशि की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पंचायत में 38460 माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना के लिए 5718 करोड़, आसरा गृहों के निर्माण के लिए 871 करोड़ और कृषि रोड मैप के लिए 14121 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता मांगी गई है।

जनसंख्या घनत्व बने आधार

मोदी ने कहा कि आबादी के अत्यधिक दबाव के कारण बिहार को आधारभूत संरचनाओं के विकास में अधिक राशि खर्च करनी पड़ती है। बिहार ने जनसंख्या के साथ-साथ आबादी के घनत्व को भी आधार बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पटना- बिहटा फोरलेन के लिए एक किमी जमीन अधिग्रहण पर सरकार को 110 करोड़ मुआवजा का भुगतान करना पड़ता है जबकि सड़क निर्माण की लागत प्रति किमी करीब 20 करोड़ रुपए ही होती है।

Posted By: Inextlive