Bareilly: रूपवती गुणवती पत्नी मृणाल. समाज के प्रति उसका नजरिया और बिंदू की कहानी के जरिये उसके बदलते भाव. यही नाटक पत्नी का पत्र की कहानी है.


मृणाल की शादी 12 वर्ष की उम्र में एक धनी परिवार में उसकी सुंदरता की वजह से होती है। ससुराल जाकर उसे कदम-कदम पर पुरुष प्रधान समाज का सामना करना पड़ता है। इसी बीच उसके घर में बिंदू रहने आती है और गरीब होने की वजह से उसकी शादी धोखे से एक मंदबुद्धि व्यक्ति से कर दी जाती है। मृणाल इसका विरोध करती है पर उसकी सारी कोशिशें बेकार जाती हैं और बिंदू आत्महत्या कर लेती है। समाज के दोगले स्वरूप और व्यवहार से परेशान मृणाल घर छोड़कर तीर्थयात्रा पर चली जाती है। नाटक में आग लगने से स्त्रियों की मौत की घटनाओं पर करारा कटाक्ष किया गया है। मृणाल के संवाद, 'आग केवल बंगाली औरतों की साड़ी में ही लगती हैÓ, 'बंगाली बाबुओं की धोती में नहींÓ समाज की विडम्बना को परिलक्षित करता है। मृणाल के रूप में कलाकार सविता कुंद्रा ने नाटक को जीवंत किया है और पुरुष प्रधान समाज पर सवाल खड़े किये हैं।

Todays showनाटक : बेगम का तकियासमय : दोपहर साढ़े तीन बजेस्थान : इन्वर्टिस ऑडिटोरियमकलाकार : नवीन सिंह ठाकुर, प्रमोद कुमार, सुनील उपाध्याय, पुंज प्रकाशनाटक : इन्फाइनाइट स्टूपिडिटीसमय : शाम साढ़े सात बजेस्थान : आईएमए ऑडिटोरियम
कलाकार : संजीव शर्मा, नरेश नारायण, अयान दास गुप्ता, सीना निकोलस

Posted By: Inextlive