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- एचआईवी/एड्स की रोकथाम की कोशिशों पर पानी फेर रहे अधिकारी

- इमरजेंसी गेट के बाहर प्रयोग में लायी गयी सीरिंज, सुई, ग्लब्ज मिले

ROORKEE (JNN) : यह तो लापरवाही की हद हो गई. जिले के बड़े अस्पतालों में शामिल सिविल अस्पताल में भी बायोमेडिकल वेस्ट खुले में ही फेंक दिया जा रहा है. संडे को इमरजेंसी गेट पर बड़ी तादाद में प्रयोग में लायी गयी सीरिंज, सुई, ग्लब्ज आदि पड़े मिले. हॉस्पिटल स्टाफ की लापरवाही कैमरे में कैद होने की भनक लगते ही सफाई ठेकेदार ने आनन-फानन इसे नंगे हाथों से उठाकर डस्टबिन में डाल दिया.

ऐसे कैसे होगी रोकथाम

एचआईवी/एड्स की रोकथाम को सरकार भले गंभीर हो लेकिन उनके मातहत ही कोशिशों पर पानी फेरने में लगे है. इस्तेमाल की गई सीरिंज, सुई के जाने-अंजाने इस्तेमाल से एचआईवी के खतरों के बावजूद इसे खुले में फेंक दिया जाना वाकई बड़ी लापरवाही है. रविवार को अस्पताल की इमरजेंसी गेट पर बड़ी तादात में इस्तेमाल में लाई गई सीरिंज, निडिल, हैंड ग्लब्ज आदि पड़े मिले. जब इसे कैमरे में कैद करना शुरू ही किया गया तो इसकी भनक अस्पताल की धुलाई करा रहे ठेकेदार को लगी. जिस पर उसने आनन-फानन बगैर सतर्कता बरते इन्हें उठाकर पास में रखे डस्टबिन में डालना शुरू कर दिया.

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बताया मामूली सी बात

हैरत की बात यह रही कि इस लापरवाही को भी ठेकेदार मामूली बात बताकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ता रहा. बताते चलें कि बायो मेडिकल वेस्ट के समुचित निस्तारण को अस्पताल प्रबंधन ने एक निजी कंपनी को ठेका दे रखा है. संबंधित कंपनी के कर्मी निर्धारित अवधि पर अस्पताल से कचरे को इकट्ठा करते हैं. प्रावधान तो कटर से निडिल को काटकर फेंकने की भी है.

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'बायोमेडिकल वेस्ट को खुले में फेंकना वाकई लापरवाही है. स्पष्ट निर्देश हैं कि प्रयोग में लाई गई सीरिंज, निडिल, ग्लब्ज आदि को निर्धारित डस्टबिन में ही फेंकी जाय. लापरवाही बरतने वाले कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी.'

- डॉ. रविंद्र थपलियाल, सीएमएस, सिविल अस्पताल

Posted By: Ravi Pal