आगरा. यूनिवर्सिटी कर्मचारियों को अगर अपनी तनख्वाह पूरी चाहिए तो उन्हें समय पर दफ्तर पहुंचना होगा. अब वह दिन लग गए कर्मचारी अपनी मनमानी करते थे. सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक की ड्यूटी को वह दोपहर बारह बजे से तीन बजे तक में निपटा देते थे. लेकिन अब बायोमेट्रिक मशीन के थ्रू हर कर्मचारी के आने-जाने का टाइम रिकॉर्ड होगा और सैलरी भी उसी के अनुसार बनाई जाएगी.


लगाई जाएंगी बॉयोमेट्रिक मशीन  यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी प्रो। डीएन जौहर ने बॉयोमेट्रिक मशीन लगाने पर जोर दिया था, उसके बाद नवागत वीसी मो। मुजम्मिल ने इस पर ध्यान दिया। कुछ ही दिनों में यूनिवर्सिटी वीसी ऑफिस और रजिस्ट्रार ऑफिस में बायोमेट्रिक मशीन लगा दी जाएंगी। मिलती थीं कंप्लेंस यूनिवर्सिटी में 800 कर्मचारी हैं। इनमें से 600 क्लर्क हैं। सालों से वीसी और रजिस्ट्रार ऑफिस में कर्मचारियों के समय पर नहीं आने की वजह से लोगोंं और स्टूडेंट्स को हो रही परेशानियों की शिकायतें मिलती थीं। यही नहीं, कर्मचारी छुट्टी लेकर भी दूसरे दिन रजिस्टर में अपनी अटेंडेंस लगाकर पूरी सैलरी ले लेते थे। इस पर रोक लगाने के लिए रजिस्टर को रजिस्ट्रार ऑफिस में रखा गया लेकिन यहां पर भी कर्मचारियों ने इसे समय पर नहीं भरा और उठा कर रख दिया।लेट आने पर कटेगी सैलरी


बॉयोमेट्रिक मशीन के लगने से अब इस स्थिति को कंट्रोल किया जा सकेगा। कर्मचारियों के उंगली के निशान लेकर उसे जॉब कार्ड इश्यु होगा। यही जॉब कार्ड मशीन से अटेंडेंस लगाएगा। मशीन को सीधे कंप्यूटर से जोड़ दिया जाएगा। जिसके बाद फाइनेंस अधिकारी के कंप्यूटर से जोड़ा जाएगा। बता दें कि यहां से सेलरी सभी कर्मचारियों के खाते में जाती है। अगर कर्मचारी के टाइम टेबिल में अंतर होगा जो कि गवर्नमेंट की तरफ से तय है उसकी सेलरी कट कर दी जाएगी।पंचिंग मशीन के फायदेइसमें सारा सिस्टम कम्प्यूटराइज्ड होता है। पंचिंग मशीन में उंगली की छाप से अटेंडेंस दर्ज हो जाती है। इसमें गड़बड़ी की संभावना कम है। इसमें अगर कोई कर्मचारी किसी डेट को नहीं आया है तो अगले दिन वो रजिस्टर की तरह पिछले दिन का साइन नहीं कर सकता है। इससे पता चलता रहता है कि किस दिन कितने लोग ऑफिस आए और कितने नहीं आए। साथ ही कोई और किसी के साइन नहीं कर सकता। इसमें पेन से साइन करने की जरूरत नहीं पड़ती। पूरे महीने की अटेंडेंस दर्ज रहती है। प्रशासनिक स्तर से निगरानी की जा सकती है। सीसीटीवी कैमरे की भी जरूरत डॉ। बीआर अम्बेडकर यूनिवर्सिटी में बॉयोमेट्रिक मशीन लगने के बाद स्टॉफ पर टाइम से आने का दबाव तो बढ़ेगा लेकिन गारंटी नहीं है कि हालात सुधरें। यदि इसके साथ सभी विभागों में सीसीटीवी कैमरे लगते हैं तो जरूर चमत्कारिक बदलाव आ सकता है।

यहां के स्टॉफ को अपनी सीट पर उपलब्ध न रहने की आदत है। अभी तक व्यवस्था है कि डिपार्टमेंट के हेड अपने आफिस में हाजिरी रजिस्टर  रखते हैं। इससे प्रत्येक कर्मचारी से डेली उनकी मुलाकात होती है ऐसे में हेड के पास यदि किसी कर्मचारी के खिलाफ शिकायत है तो उसे टोकने का ईजली  मौका मिल जाता है। बॉयोमेट्रिक मशीन लगने से कर्मचारी और हेड की मुलाकात तभी होगी जब दोनों को एक दूसरे से मिलने की जरूरत महसूस होगी। यही नहीं यूनिवर्सिटी के कर्मचारी इन और आउट भले ही टाइम से करते हैं लेकिन इस बात की गारंटी नहीं है कि वह अपनी-अपनी सीट पर उपलब्ध ही होंगी। बीके पांडे, रजिस्ट्रार यूनिवर्सिटी कर्मचारियों के लेट आने की बार बार कंप्लेन आती रही है। इसलिए इस लिए इस बात को गंभीरता से लिया गया है। प्रो। मुहम्मद मुजम्मिल वीसी यूनिवर्सिटी जो टाइम है उस पर सभी कर्मचारियों को आना होगा। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उसको इंतजाम कर दिया गया है.

Posted By: Inextlive