पटना में बर्ड फ्लू का खतरा : अनिश्चितकाल के लिए बंद हुआ जू

PATNA (25 Dec): मुंगेर के बाद अब पटना वायरस की दहशत में है। संजय गांधी जैविक उद्यान में आधा दर्जन मोर की मौत के बाद जांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। एक तरफ जहां जू में पर्यटकों का प्रवेश अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है वहीं दूसरी तरफ बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति ने अलर्ट जारी कर दिया है। राज्य स्वास्थ्य समिति और पशुपालन विभाग मिलकर बीमारी से लड़ने के लिए एक्शन प्लान पर काम करने में जुट गए हैं। मंगलवार क्रिसमस डे पर जू बंद होने से लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। उद्यान निदेशक अमित कुमार ने कहा अफसरों को सूचना देकर जू बंद कराया गया है।

सरकार का अलर्ट

बर्ड फ्लू वायरस से चार दिनों में 6 मोर की मौत के बाद इसके संक्रमण से बचाने को लेकर जू बंद कर दिया गया है। जू के अंदर जितने पिंजड़े हैं और पूरे क्षेत्र को सेनेटाइज करने के बाद ही इसे आम लोगों के लिए खोला जाएगा। सरकार ने आम लोगों से सहयोग और बचाव की अपील की है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि नए साल के मौके पर अग्रिम टिकट बुक करा चुके दर्शकों के टिकट को विस्तारित करने या रिफंड की व्यवस्था की जाएगी।

जानवरों पर मंडरा रहा मौत का खतरा

डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का कहना है कि मृत 6 मोर का पोस्टमार्टम पटना में कराने के बाद उसके 'कारकस' की जांच भोपाल में कराई गई जिसमें कारण बर्ड फ्लू का एच-5 एन-1 वायरस पाया गया। इस वायरस का बाघ, जेबरा और तेंदुए में भी फैलने का खतरा बना है। ऐसे में तत्काल प्रभाव से उद्यान को बंद कर सभी पिंजड़े और पूरे क्षेत्र को फार्मालीन को पानी में मिला कर चूने के साथ छिड़काव कराया जा रहा है।

पहली बार बर्ड फ्लू की चपेट में आया जू

उद्यान निदेशक के मुताबिक संक्रमण वायरल होता है जिससे हवा से फैलने का चांस अधिक होता है। दर्शकों पर भी बर्ड फ्लू का असर पड़ सकता है।

पटना जू पहली बार इस संक्रमण की चपेट में आया है। पटना जू के अलावा आसपास रह रहे लोगों को भी अलर्ट रहना होगा क्योंकि एक्सपर्ट का कहना है कि हवा से कहीं भी इसका फैलाव हो सकता है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने 10 किमी रेडियस में निगरानी बढ़ा दी है।

वायरस को लेकर बना प्लान

स्वास्थ्य विभाग और पशुपालन विभाग ने उद्यान के एक किलोमीटर दायरे में संक्रमण से मुक्ति का प्रयास कर रहा है।

महामारी से निपटने के लिए बना एक्शन प्लान

संक्रमित एरिया के एक से दस किमी के दायरे में नजर रखी जाएगी और रोग होने की जानकारी पर इलाज की पहल होगी।

16 से 19 दिसंबर के बीच जू में हुई 6 मोर की मौत बाद राहत बचाव जारी है।

सोमवार रात 8 बजे भोपाल से रिपोर्ट आते ही मचा हड़कंप।

Posted By: Inextlive