क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ:अलर्ट, रांची एयरपोर्ट और आसपास के इलाकों का एयर ट्रैफिक इन दिनों पक्षियों के कब्जे में है. चुनाव नजदीक है और प्रचार-प्रसार के लिए बड़े सेलिब्रिटीज और नेताओं का आना-जाना लगा रहेगा. एयर ट्रैफिक पर प्रेशर बढ़ने वाला है जिसके कारण एयरपोर्ट अथॉरिटी भी तैयारियों में जुटा हुआ है. ऊंची बिल्डिंग्स और मांस मछली की दुकानों के कारण पक्षियों का बसेरा बढ़ता ही जा रहा है जिसके कारण एयरपोर्ट में विमानों की लैडिंग और टेकऑफ के दौरान बर्ड हिट का खतरा कई गुणा बढ़ गया है. आंकड़े बता रहे हैं कि पिछले कुछ सालों में लगातार बर्ड हिट की घटनाएं होती रही हैं. इस कारण विमान यात्रा करना दिनोंदिन खतरनाक होता जा रहा है. न तो एयरपोर्ट पर पूरे समय बर्ड चेजर की टीम तैनात रहती है और न ही उनके पास आधुनिक तकनीक है. 24 घंटे विमान सेवा शुरू करने की तैयारी तो रांची एयरपोर्ट पर कर ली गई है, लेकिन अब तक बर्ड हिट से निपटने के लिए कोई ठोस रास्ता नहीं अपनाया गया है. एयरपोर्ट के आसपास मांस की बिक्री हो रही है जिसके कारण रात में बर्ड हिट के मामले भी अब आने लगे हैं. चिंता की बात यह है कि रात में इसे रोकने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं है.

बर्ड चेजर टीम सिर्फ दिन में

विमान से पक्षी टकराने की संभावना अक्सर विमान के टेकऑफ और लैंडिंग के समय होती है. रांची एयरपोर्ट पर बर्ड हिट की संभावना को खत्म करने के लिए बर्ड चेजर की टीम रनवे पर केवल सात बजे सुबह से सात बजे शाम तक ही तैनात रहती है. ज्ञात हो कि रांची एयरपोर्ट पर अब तक अंतिम विमान रात 9 बजकर 30 मिनट पर उड़ान भरता है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ने रात में विचरण करने वाले पक्षियों से विमान की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं किए हैं. ऐसे में बर्ड हिटिंग से बड़ी दुर्घटना की संभावना बनी रहती है.

नहीं है इलेक्ट्रानिक ऑटोमेटिक डिवाइस

रांची एयरपोर्ट के पास बर्ड हिट से निपटने के लिए ऑटोमेटिक इलेक्ट्रानिक डिवाइस उपलब्ध नहीं है. चेजर टीम के सदस्यों द्वारा रिफ्लेक्टर रीवन, गुलेल, पटाखा, जोन गन, लेजर टॉर्च, विंगावेलर के सहारे पक्षियों को दूर भगाया जाता है. विमान लैंडिग के दौरान भी एयरपोर्ट के अंदर पक्षियों का झुंड मंडराता रहता है.

मांस-मछली के गंध से आ रहे पक्षी

एयरपोर्ट के तीन किमी का दायरा मांस बिक्री के लिए प्रतिबंधित होता है, लेकिन बिरसा चौक, विधान सभा के पास, सेक्टर टू मार्केट, हिनु चौक, डोरंडा, आदि क्षेत्रों में खुले में मांस. मछली बिकते हैं. इसका गंध पाकर पक्षी इस ओर आकर्षित होते हैं. एयरपोर्ट अथॉरिटी और नगर निगम की इंफोर्समेंट टीम समय-समय पर प्रतिबंधित क्षेत्र में खुले में मांस, मछली बेचने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर जुर्माना भी वसूलती है, लेकिन मांस मछली की दुकान पहले की तरह फिर से सज जाती हैं. एयरपोर्ट सुरक्षा के तमाम नियमों को ताक पर रखकर लगाया जा रहा यह बाजार हर दिन दुर्घटना को न्योता दे रहा है.

बिना परमिशन की बिल्डिग्स ने एयरपोर्ट को घेरा

बिरसा चौक से हवाई नगर जाने वाली सड़क ठीक रनवे मैदान से सटी हुई है. इस सड़क के किनारे जी प्लस 4 भवनों का नक्शा पास किया जा रहा है. एयरपोर्ट और विमान की सुरक्षा की दृष्टी से इस एरिया में इतने उंचे भवनों को नहीं अनुमति मिलनी चाहिए लेकिन नगर निगम की सांठगांठ से यह काम जबरदस्त गति से चल रहा है. कई भवन तो बिना परमिशन के भी खड़े कर दिए जा रहे हैं. इन उंचे भवनों, अपार्टमेंट्स, होटल आदि की छतों पर पंक्षियों का जमघट लगा रहता है. पक्षियों ने बाकायदा अपना डेरा जमा लिया है जहां सैकड़ों की संख्या में यह नजर आते हैं. इन्ही पंक्षियों का झुंड अक्सर उड़ते हुए रनवे पर विमान से टकरा जाता है.

वर्जन

पंक्षियों से बचाव के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. एयरपोर्ट की टीम लागातार आसपास के इलाकों में ऑपरेशन करती रही है. बर्ड चेजर की टीम भी अलर्ट पर रहती है.रात्रि में अभी तक किसी तरह के बर्ड हिट की घटना नहीं हुई है और इसके चांसेज भी काफी कम होते हैं.

प्रभात बेवरिया

एयरपोर्ट डाएरेक्टर

प्रतिबंधित क्षेत्र में दुकान लगाने वालों के खिलाफ एयरपोर्ट की टीम के साथ लगातार कार्रवाई की जाती रही है. पुलिस टीम का पूरा प्रयास रहता है कि एयरपोर्ट के आसपास के इलाके सुरक्षित रहें.

अनीश गुप्ता

रांची एसएसपी

समय समय पर कार्रवाई की जाती रही रहै लेकिन उसके बावजूद भी यह लोग अवैध तरीके से दुकान लगा देते हैं. नगर निगम लगातार इनको नोटिस देता रहा है और छापामारी के साथ साथ जप्ती की प्रक्रिया भी की जाती रही है.

रामकृष्ण कुमार

सहायक कार्यपालक पदाधिकारी

नगर निगम

Posted By: Prabhat Gopal Jha