लोक संस्कृति की दुनिया में अपने सुरों के जादू से पहचान बनाने वाली गायिका फाल्‍गुनी पाठक का आज बर्थडे है. फाल्गुनी पाठक के सुरों पर आज हजारों लोग झूमते हैं और लोग उन्‍हें 'डांडिया क्‍वीन' भी कहते हैं. इनका जन्‍म 12 मार्च 1964 को हुआ था. मुंबई में रहने के बावजूद राजस्थानी कला और संगीत से प्रेरित होकर उन्होंने अपने संगीत की थीम गरबा रखी. इसके अलावा फाल्गुनी पाठक का पहला ही एलबम बहुत हिट हुआ था. इसके बाद इन्‍हें कई एलबम में लव बेस फोक सॉन्‍ग गाये हैं. आइये जानें फाल्‍गुनी पाठक से जुड़ी कुछ खास बातें...

फाल्‍गुनी पाठक के टॉप 5 
1988 में अपने प्रोफेशनल कैरियर की शुरुआत करने वाली फाल्गुनी पाठक का पहला ही एलबम जबरदस्‍त हिट हुआ. याद पिया की आई के नाम से आया यह एलबम संगीत के रुह को छू जाता है. जिससे फाल्गुनी पाठक को इस एलबम के बाद कई ऑफर मिले खासकर प्रेमगीत गाने के लिए. उन्होंने हर मौके को सही से भुनाया और गुजराती रस में डुबाकर कई गीतों को आम जनता के दिलों में बसा दिया. फाल्‍गुनी के टॉप 5 गानों में आज भी मैंने पायल है छनकाई...नंबर भी शामिल है. इसके अलावा गीत, याद पिया की आने लगी...मेरी चूनर उड़ उड़ जाये...पल पल तेरी याद सताये...आई रे मिलन रुत सावन की...आदि शामिल हैं.

 

घाघरा चोली व सलवार कमीज से दूर
आज भी फाल्गुनी पाठक का पहला प्यार गुजरात और गुजराती गरबा ही है. उनका हर गीत गरबे पर नाचने पर मजबूर करता है. फाल्‍गुनी के बारे में सबसे रोचक बात यह है कि वह गरबा जैसे गानो की मल्‍िल्‍ाका होते हुये भी घाघरा चोली व सलवार कमीज से दूर रहती हैं. इसकी जगह पर वह हमेशा जींस शर्ट पहनना पसंद करती हैं. घाघ्‍ारा चोली जैसी पोशाकों उन्‍हें देखने में अच्‍छी लगती हैं पर पहनने में उन्‍हें कंफर्ट नहीं देती हैं. वह अब तक अनगिनत गाने गा चुकी हैं. फाल्‍गुनी हमेशा अपने श्रोताओं को झूमाने के लिये कुछ न कुछ नया करती रहती हैं. सबसे खास बात तो यह है कि वह अधिकतर समय विदेश में स्टेज शो करते हुए बिताती हैं, लेकिन नवरात्र आते ही अपने देश लौट आती हैं.

 

1.6 करोड़ रुपये की फीस
नवरात्र आते ही उनके शो की डिमांड एकदम से बढ़ जाती है. फाल्‍गुनी के गानों की थीम प्‍यार है, लेकिन नवरात्रों के ऊपर भी उन्होंने कई हिट गाने बनाए हैं. जिससे इन्‍हें डांडिया क्वीन भी कहा जाता है. इसके लिये वह पूरी तैयारी करती है कि उनके श्रोता क्‍या सुनना चाहेंगे और किस धुन पर पूरी तरह से झूम उठेंगे. शायद इसी लिये उनकी डिमांड भी काफी बढ़ चुकी है. साल 2012 में उन्‍होंने मंगल मनोरंजन और रॉक 3 मल्टीमीडिया नवरात्रि के लिए 1.6 करोड़ रुपये की फीस ले चुकी हैं. उनका ‘Indhana vinva gayee thi’ सॉन्‍ग आज भी बहुत पंसद किया जाता है. यह रॉक सॉन्‍ग श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर देता है.

 


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वह अकेले भी काफी खुश
क्षेत्रीय और लोक संस्कृति के बल पर अपने गायन को आगे बढ़ा रही फाल्‍गुनी को गरबा और फोक सॉन्‍ग के अलावा हिंदी मूवीज के गाने बहुत पसंद हैं. वह जब भी खाली समय में होती हैं तो वह इन गानों को सुनती हैं. इसके अलावा वह लाइफ को रियल मिरर में देखना काफी हद तक पसंद करती हैं. फाल्‍गुनी को फेसबुक जैसी सोशल साइट्स पर स्‍टेटस में मैरिड, अनमैरिड जैसे और भी कई इंफॉरमेशन गलत डालना अपडेट करना बिल्‍कुल पसंद नहीं है. हालांकि अभी तक फाल्‍गुनी पाठक ने अपनी मैरिज के बारे में कोई खुलासा नहीं किया है. उनका मानना है कि वह अकेले भी काफी खुश हैं. सिंगल रहने का भी मजा कम नहीं होता है. इसलिये अभी वह अपने काम में बिजी हैं.

 

उनके एलबम ने धमाल मचाया
फाल्‍गुनी का एल्‍बम मैने पायल है छनकाई ने काफी धमाल मचाया था. इसके बाद उन्‍होंने 2012 में इन्‍होंने नवरात्रि पर एल्‍बम तैयार किया. इतना ही नही उन्‍होंने इसके लिये बकायदा एक वीडियो भी बनवाया. इसके अलावा फाल्‍गुनी टीवी पर आने वाले सिंगिंग रियलिटी शो मे जज की भूमिका भी सकती हैं. उनका मानना है कि वह इतनी ज्‍यादा परफेक्‍ट तो नहीं हैं लेकिन अगर उन्‍हें मौका मिला तो वह इसमें भी शामिल होंगी. फाल्‍गुनी पाठक थोड़ा शर्मीले मिजाज की हैं. वह अपने काम को हाईलाइट कराने के लिये मीडिया के चक्‍कर नहीं काटती हैं. शायद इसीलिये बहुत सारे लोग मानते हैं कि वह सिर्फ नवरात्रि या गरबा में ही बिजी रहती हैं, लेकिन ऐसा नहीं हैं.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh