RANCHI: पुराने फ्रेंड्स से मिलने की खुशी क्या होती है इसका नजारा थर्सडे को बीआईटी मेसरा कैंपस में नजर आया. कोई यहां यूएसए से पहुंचा था तो कोई दिल्ली और गुडग़ांव से. इस दौरान सभी यही बातें करते नजर आए कि अरे यार बीआईटी का कैंपस पूरी तरह से बदल गया है. यहां तो पहले इतनी बिल्डिंग्स नहीं हुआ करती थीं अब तो बिल्डिंग ही बिल्डिंग नजर आ रही है. वहीं दूसरे ने कहा कि अरे देखो हॉस्टल्स की संख्या भी बढ़ गई है. हमलोगों के समय तो चार ही हॉस्टल हुआ करते थे. ये सभी जुटे थे बीआईटी मेसरा में शुरू हुई अलुमिनाई मीट में. यह अलुमिनाई मीट 1959-63 बैच के स्टूडेंट्स के लिए ऑर्गनाइज की गई थी. प्रोग्राम में पार्टिसिपेट करनेवाले अलुमिनाई भले ही उम्रदराज हों लेकिन उनका एक्साइटमेंट सिर चढ़कर बोल रहा था.


जुटे हैं 75 अलुमिनाई जब कॉलेज के पुराने दिनों की यादों को ताजा करने की बात हो तो कोई कहीं से भी खिंचा चला आता है। बीआईटी, मेसरा के डीन ऑफ एक्सटर्नल रिलेशन बीबी पंत ने बताया कि हमलोगों ने इस बैच के सभी लोगों को जब इंस्टीट्यूट में इनवाइट किया तो सभी लोग आने को तैयार हो गए। इस अलुमिनाई मीट में 50 साल पुराने बैच के 75 अलुमिनाई आए हुुए हैं।50 साल बाद मिले फ्रेंड्स से
रवि जैन यूएसए से अपने पुराने फ्रेंड्स से मिलने के लिए बीआईटी, मेसरा आए हुए हैं। उन्होंने बताया कि हमलोगों को बीआईटी, मेसरा में आने के लिए जैसे ही इनवाइट किया गया, हमारी पुरानी यादें ताजा होने लगी। मंै यूएसए से अपने पुराने फ्रेंड्स से मिलने के लिए यहां आया हूं। उन्होंने बताया कि थर्सडे को कई ऐसे फ्रेंड्स से भी मुलाकात हुई, जिनसे 50 साल के बाद मिल रहे हैं।

Posted By: Inextlive