Jamshedpur: जेनरल इलेशन में अब कुछ ही दिन बचे हैं लेकिन जमशेदपुर सीट के लिए झारखंड विकास मोर्चा जेवीएम को छोड़ कर किसी भी पॉलिटिकल पार्टी ने कंडीडेट एनाउंस नहीं किया है. राजनीतिक हलके में ऐसी चर्चा है कि डॉ अजय कुमार के सामने किस कंडीडेट को उतारा जाए ताकि उन्हें कड़ी चुनौती दे सके. इसे लेकर सभी पॉलिटिकल पार्टीज गहन मंथन में जुटे हैं.

जेवीएम ने स्टार्ट कर दी इलेक्शन की तैयारी
इधर, दूसरे दल अभी तक अपने कंडीडेट्स को लेकर कंफ्यूजन में हैं, वहीं जेवीएम ने इलेक्शन की तैयारी स्टार्ट कर दी है। थर्सडे को पार्टी के सेंट्रल सेक्रेटरी अभय सिंह ने चुनाव संचालन समिति की घोषणा कर दी। 99 मेम्बर्स वाली इस कमिटी में असेंबली कंस्टीट्एंसी और

बूथ वाइज प्रभारियों  के नामों की घोषणा
की गई। अभय सिंह ने कहा कि जमशेदपुर लोकसभा सीट पर डॉ अजय कुमार की जीत तय है, इतने कम समय में उनके द्वारा किए
गए कार्यो को जनता सराहा रही है। यही कारण है कि दूसरे दलों को समझ में नहीं आ रहा है कि उनके सामने किसे चुनाव के मैदान में उतारा जाए।

बीजेपी के अंदर उहापोह की स्थिति
जहां एक ओर जेवीएम ने इलेक्शन की पुरजोर तैयारी शुरू कर दी है वहीं बीजेपी के अंदर कंडीडेट्स को लेकर बवाल मचा हुआ है। पार्टी के कुछ लीडर्स इलेक्शन लडऩा नहीं चाहते तो कुछ की दावेदारी को पार्टी मजबूत नहीं मान रही है। राजनीतिक गलियारे में ऐसी चर्चा है कि अर्जुन मुंडा अच्छे कंडीडेट हो सकते हैं, लेकिन वे लोकसभा इलेक्शन लडऩा नहीं चाहते। दूसरे रघुवर दास ने भी अपनी अनिच्छा जाहिर कर दी है। दो बार सांसद रह चुकी आभा महतो की दावेदारी को पार्टी मजबूत नहीं मान रही। हाल ही में पार्टी में शामिल हुए पूर्व आइएएस विमल कीर्ति सिंह को टिकट दिए जाने की चर्चा जोरों पर है। इसके अलावा सीनियर लीडर सरयू राय, शैलेन्द्र महतो को भी टिकट देने पर विचार किया जा रहा है।

JMM को नहीं मिल रहा कंडीडेट
कांग्रेस-जेएमएम गठबंधन में जेएमएम के कोटे में जमशेदपुर सीट है, लेकिन जेएमएम को कोई स्ट्रांग कंडीडेट नहीं मिल पा रहा है, जो डॉ अजय को कड़ी टक्कर दे पाए। पार्टी के अंदर कई नामों पर विचार चल रहा है। इनमें सबसे ज्यादा चर्चा चंपाई सोरेन के नाम पर है। इसके अलावा केंद्रीय सचिव मोहन कर्मकार, रमेश हांसदा भी इस सीट पर अपनी दावेदारी कर चुके हैं।

आजसू नफा-नुकसान के फेर में
इन सब के बीच आजसू अपना पत्ता खोलने को तैयार नहीं है। आजसू कंडीडेट तो उतारना चहती है, लेकिन उसकी जीतने की संभावना कम है किसी के खेल को बिगाडऩे के लिए आजसू की भूमिका अहम होगी। ऐसे पिछली बार आजसू ने आस्तिक महतो को टिकट देकर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई थी। आस्तिक महतो को 90 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। अगर इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ तो त्रिकोणीय मुकाबले में किसी एक दल को नुकसान हो सकता है। हालांकि अभी तक आजसू ने कंडीडेट की न तो घोषणा की है और न ही किसी के नाम की चर्चा ही है। इलेक्शन सर पर है टिकट के दावेदार लीडर डेरा जमाए हुए हैं। इनसे हर कोई जानना चाहता है कि उनका क्या हुआ? प्रेस वाले फोन कर बार-बार सवाल पर सवाल कर रहे हैैं। ऐसे में ये लीडर्स खुद को नॉट रिचेबल करने में ही अपनी समझदारी समझ रहे हैं।

Report by: jamshedpur@inext.co.in

Posted By: Inextlive