- धरना-प्रदर्शन करने के बाद शाम 4 बजे तक डीएम ऑफिस पर जमाए रखा डेरा

- भाजपाईयों ने की डीएम-एसएसपी से की मुलाकात, रिहाई की सिफारिश की

- दोनों अधिकारियों ने नियम और कानून के तहत कार्रवाई करने का दिया आश्वासन

- डीएम-एसएसपी से दु‌र्व्यवहार को लेकर गिरफ्तार किया गया था मुखिया गुर्जर

- तीनों को डीएम के आदेशों के बाद न्यायिक हिरासत में भेजा था

Meerut : मुखिया गुर्जर की रिहाई की मांग को लेकर डीएम और एसएसपी के पास पहुंचे भाजपा नेताओं ने दोनों ही अधिकारियों ने साफ कर दिया कि जो भी कार्रवाई की जाएगी वो कानून के दायरे में होगी। इसमें किसी तरह की कोई रियायत नहीं बरती जाएगी। इससे पहले भाजपाइयों ने चौधरी चरण सिंह पार्क से रैली निकालते डीएम कार्यालय पहुंचे। जहां डीएम की गैरमौजूदगी के बाद कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए।

भाजपाईयों की गिड़गिड़ाहट

करीब चार घंटे के इंतजार के बाद जब डीएम और एसएसपी कलक्ट्रेट पहुंचे तो भाजपाई जोर-जोर से पुलिस, प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारे बाजी करने लगे। उसके बाद 20 लोगों का एक प्रतिनिधि मंडल डीएम और एसएसपी से मिलने के लिए अंदर गया, जहां कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने बात रखी। उन्होंने कहा कि कैली रामपुर में तो घटित हुआ वो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए था। अब जो होना था, वो हो चुका। इस मामले को आगे न बढ़ाते हुए इस मामले का निपटारा किया जाए और मुखिया गुर्जर को रिहा किया जाए।

हम लेते हैं जिम्मेदारी

सत्य प्रकाश अग्रवाल ने महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज, दक्षिण विधायक रविंद्र भड़ाना, मेयर हरिकांत आहलुवालिया और अन्य भाजपाईयों के सामने कहा कि अभी तक प्रशासन और पुलिस ने काफी शांतिपूर्ण मतदान कराया है। हम भी चाहते हैं कि वहां पर शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव हो। चुनाव को शांतिपूर्वक कराने में आप लोगों की मदद करेगा। लेकिन इस बार मुखिया गूर्जर को रिहा कर दीजिए। चुनाव में कोई भी हमारी पार्टी का ऐसा कोई कृत्य नहीं करेगा जिससे मतदान में कोई व्यवधान पड़े।

मेरे साथ हुई बेइज्जती

सभी को सुनने के बाद डीएम ने साफ कहा कि जब झड़प हो रही थी तो आप में से कोई भी मौके पर मौजूद नहीं था, मैं था। मुखिया गुर्जर ने एसएसपी के साथ दु‌र्व्यवहार किया। उनके साथ बदतमीजी की और काफी कुछ कहा। ये सब मेरे सामने हुआ। उनसे कई बार पूछा गया कि वो किस हैसियत से वहां बैठे हुए हैं। वो और भी ज्यादा भड़के। जो कि नाकाबिल-ए-बर्दाश्त है।

'मैं एसएसपी के साथ हूं'

डीएम ने साफ कहा कि मैं एसएसपी के साथ हूं। उनके द्वारा जो भी कार्रवाई की जाएगी में उसका समर्थन करूंगा। उन्होंने कहा कि अभी तक जो धाराएं लगी हैं वो सिर्फ 151 की धारा शांति भंग में गिरफ्तार और कार्रवाई हुई है। जिस तरह की हरकत और कृत्य मुखिया गुर्जर ने किया है उसके तहत और भी कई धाराएं बनती हैं। जो कि जांच के बाद भी आगे सामने आ सकती हैं। इस मामले में एसएसपी की ओर से जो भी जैसी भी कार्रवाई की जाएगी। उसका पूरा समर्थन किया जाएगा।

होगा वेरीफिकेशन

एसएसपी ने साफ कर दिया कि जमानत से पहले आरोपी और जमानत देने वाले लोगों का पूरी तरह से वेरीफिकेशन होगा। भाजपाईयों ने इस पर कहा कि हम ही जमानती हैं। हम सभी को जानते हैं अब हमारा भी वेरीफिकेशन होगा। उन्होंने कहा कि आरोपी का वेरीफिकेशन तो कराना होगा ही। भाजपाईयों ने जल्द से जल्द वेरीफिकेशन कराकर रिहाई की मांग की। जिस पर एसएसपी ने आश्वासन दे दिया है। उसके बाद सभी भाजपाई ऑफिस के बाहर आ गए।

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चार घंटे तक किया इंतजार

जब चौधरी चरण सिंह पार्क से सभी भाजपाई एकत्रित हुए और डीएम आफिस पर नारे लगाते हुए पहुंच गए। जब वो अंदर पहुंचे तो देखा कि एडीएम सिटी और एसपी सिटी लोगों से मुलाकात करने के लिए बैठे हुए हैं, जिस पर दोनों ही विधायकों ने कहा कि यहां कोई सक्षम अधिकारी नहीं है। डीएम और एसएसपी से ही मुलाकात की जाएगी। जिसके बाद फोन पर डीएम ने उन्हें चार बजे का समय दिया। करीब 12 बजे से चार बजे तक भाजपाई बैठे रहे।

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गांव में नहीं मुखिया का वोट

डीएम के मुताबिक उन्हें बताया गया कि वह अपने बेटे का वोट डलवाने के लिए आया था। जबकि जब में मौके पर पहुंचा तो वहां मुखिया तो था लेकिन बेटा नहीं था। जबकि गांव में मुखिया का वोट भी नहीं था। ऐसे में वो धारा 144 के दौरान इतने ज्यादा लोगों के साथ क्या कर रहा था।

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एसएसपी ने बताया चरित्र

एसएसपी दिनेश चंद्र दुबे ने कहा कि मुखिया गुर्जर का व्यवहार किसी गुंडे से कम नहीं था। जिस तरह से कोई माफिया बात करता है, उसी तरीके से बात कर रहा था।

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डीएम ऑफिस में हंगामा

जब 20 लोगों का प्रतिनिधिमंडल अंदर पहुंचा तो भाजपा के प्रदेश मंत्री अवनीश त्यागी ने जब सभी का परिचय देना शुरू किया तो डीएम ने कहा कि परिचय की कोई जरुरत नहीं है। इस पर हंगामा खड़ा हो गया। पीछे खड़े भाजपाइयों ने इसे अपमान की श्रेणी में रख दिया। वरिष्ठ नेताओं ने लोगों को शांत कराया।

वर्जन

मैं एसएसपी द्वारा की जा रही कार्रवाई में उनके साथ हूं। मैं भी प्रत्यक्षदर्शी हूं। हमारी ओर से अभी तक जो भी कार्रवाई हुई है वो निष्पक्ष तरीके से हुई है। इस मामले में पूरी तरह से निष्पक्षता बरती जाएगी।

- पंकज यादव, डीएम

हम पूरी तरह से कानूनी कार्रवाई का पालन करेंगे। पूरे चुनाव में कानून का पालन किया गया है। इस मामले में जल्द से जल्द वेरीफिकेशन कर आगे की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा।

- दिनेश चंद्र दुबे, एसएसपी

इस मामले में अभी तक जो भी घटित हुआ है वो काफी दुर्भाग्यपूर्ण हैं। हमने डीएम और एसएसपी से कहा है इस मामले में जल्द से जल्द निपटाया जाए। साथ ही आगे इस तरह की कोई घटना नहीं होगी।

- सत्यप्रकाश अग्रवाल, कैंट विधायक

Posted By: Inextlive