भाजपा विधायक का करारा जवाब, मथुरा में एएसपी की हत्या हुई तो तब क्या चूडिय़ां पहन ली थी
lucknow@inext.co.inLUCKNOW : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस्तीफा मांगने वाले 83 पूर्व नौकरशाहों को बुलंदशहर के अनूपशहर से भाजपा विधायक संजय शर्मा ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने पूर्व अधिकारियों के नाम खुला पत्र लिखकर पूछा कि जब मथुरा में एएसपी मुकुल द्विवेदी की पागल भीड़ व तत्कालीन सरकार से संरक्षण प्राप्त लोगों द्वारा हत्या की गयी थी तब क्या आपने चूडिय़ां पहन रखी थी। तब उस सरकार के बारे में आपकी कोई प्रतिक्रिया दिखाई नहीं दी। उन्होंने लिखा कि आपका यह कृत्य राजनीति से प्रेरित लगता है। अगर राजनीति करनी है तो हिम्मत करके चुनाव लडि़ए। जो पार्टियां आपसे पत्र लिखवा रही हैं वे आपको टिकट भी दे देंगी। मैं भी सरकारी सेवा छोड़कर राजनीति के माध्यम से सेवा करने आया हूं।दुर्भावना होती तो न कराते कार्यक्रम
संजय शर्मा ने लिखा कि आप ऐसे मुख्यमंत्री पर एक समुदाय के प्रति दुर्भावना रखने का आरोप लगा रहे हैं जिसने उसी जनपद में उस समुदाय का तीन दिवसीय विशाल कार्यक्रम कराने की अनुमति दी। इसे सफलतापूर्वक संपन्न भी कराया जैसा इस देश में आज तक नहीं हुआ। जिस प्रदेश में पिछली सरकार में रामलीला करने की अनुमति भी नहीं दी जाती थी, वहां पूरा प्रशासन इस कार्यक्रम को कराने में जुटा रहा। आपने आरएसएस पर भी टिप्पणी की है जिसका एक-एक प्रचारक अपने घर व परिवार को छोड़कर इस देश के प्रति स्वयं को समर्पित कर देता है। जिसे देश से आपकी तरह कोई वेतन या पेंशन नहीं मिलती है। उन्होंने नौकरशाहों द्वारा लिखे गये इस निराधार पत्र, राष्ट्रविरोधी व समाज में सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने वाली भाषा, आरोपों और सोच की निंदा भी की।गायों की मौतें नजर नहीं आई
उन्होंने आगे लिखा कि बुलंदशहर की घटना में आपको मात्र दो मौतें नजर आ रही हैं। आपको 21 गौमाता की मौतें दिखाई नहीं दी। जिस प्रदेश में किसान दो साल से गोवंश के कारण अपनी फसल का नुकसान का दंश भी इस लिए झेल रहा है कि कम से कम गौमाता कट तो नहीं रही। यदि गोकशी न हुई तो यह घटना भी न होती। जिस समुदाय के लोगों को गलत पकड़ा गया, उन्हें छोड़कर गलती को दुरुस्त भी किया गया। दुर्भाग्य से सही आरोपी भी उसी समुदाय से आते है। उन्होंने लिखा कि आपने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से कई बार इस्तीफा मांगा जबकि संविधान के अनुसार यह निर्णय जनता को करना है, आप जैसे कुछ सिरफिरे लोगों को नहीं जो एक संवैधानिक संस्था और तंत्र को चैलेंज कर रहे है।
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