-अधिकतर नामचीन की गाड़ी पर ब्लैक फिल्म का होता है पहरा, इनपर नहीं पड़ती पुलिस की नजर

- अपराधियों के बचाव में मददगार साबित होती है ब्लैक फिल्म

पुलिस काली फिल्म के खिलाफ अभियान चलाती है। चेकिंग के दौरान चौराहों पर पुलिसवाले गाडि़यों से काली फिल्म उतारते भी हैं। फिर भी आप शहर में काली फिल्म वाली गाडि़यों को फर्राटा भरते हैं। आप सोच रहे होंगे कि क्या इन लोगों को पुलिस ने कोई छूट दी है। तो जनाब हम आपको बता रहे हैं इसके पीछे का राज। दरअसल ऐसी गाडि़यों पर लगे राजनीतिक पार्टियों के झंडे ब्लैक फिल्म लगाने का अघोषित पास होते हैं। पुलिस वाले चाहकर भी इन गाडि़यों से काली फिल्म उतारने की हिमाकत नहीं करते। पुलिस का चाबुक नहीं चलना और काले शीशों का चलन बढ़ना अपराधियों के हौसलों को और बढ़ावा देना ही है।

आंखों के सामने से गुजरते हैं वाहन

अपराधियों की पहली पसंद ब्लैक ही माना जाता है। ब्लैक गाड़ी और ऊपर से ब्लैक फिल्म चढ़ाकर दबंगई का जलवा दिखाने वालों का शहर में इन दिनों बाढ़ जैसी स्थिति है। जिले और गैर जिलों के चर्चित माननीय हो या फिर छुटभैये सभी के लिए ब्लैक गाड़ी विद ब्लैक फिल्म जैसे स्टेटस सिम्बल बन गयी है। काली गाडि़यों का काफिला और सभी पर ब्लैक फिल्म चढ़ाकर शहर में सुबह-शाम घूम रहे हैं लेकिन चौराहों पर तैनात ट्रैफिक पुलिस सहित पुलिस प्रशासन को दिखाई नहीं देता। यह खौफ नहीं है तो फिर क्या है? अमूमन हेलमेट और ट्रिपलिंग देख रोकने वाले पुलिस कर्मियों को ब्लैक फिल्म नहीं दिखाई देती।

शहर को पता मगर पुलिस अनजान

अधिकतर गाडि़यों पर ब्लैक फिल्म चढ़ाकर घूमने वाले माननीय, ठेकेदार, बिजनेसमैन से पूरा शहर वाकिफ है। गाड़ी का नंबर देख शहरवासी बता सकते हैं कि यह गाड़ी किसकी है। मगर पुलिस प्रशासन इससे अनजान बना हुआ है। सत्ता पक्ष से जुड़े और सत्ता से बाहर रहने वाले भी ब्लैक फिल्म चढ़ाकर ताव से बनारस-लखनऊ एक कर रहे हैं।

काले को बना रहे ढाल

शहर से फरार चल रहे टॉप इनामियों में एक की सुगबुगाहट कुछ दिनों पहले ही सिटी में मिली थी। ब्लैक गाड़ी पर चढ़े ब्लैक शीशे के अंदर इनामी अपराधी ने शहर का भ्रमण भी किया था। ऐसे ही अन्य अपराधी भी काले शीशे को ढाल बनाकर शहर से अंदर बाहर एक किए हुए है। कुछ संदिग्ध भी आजकल ब्लैक शीशे चढ़ाकर घूम रहे हैं। जिन पर खाकी का कोई खौफ नहीं रह गया है।

समय-समय पर अभियान चलाकर ब्लैक फिल्म लगे शीशे उतरवाए जाते हैं। गाडि़यों का चालान तक किया जाता है। ट्रैफिक पुलिस लगातार ऐसे वाहनों पर निगाह बनाए रहती है।

सुरेश चंद्र रावत, एसपी ट्रैफिक

Posted By: Inextlive