कच्‍चे तेल के दामों में लगातार हो रही गिरावट को देख्‍ाते हुए दुनिया की सबसे बड़ी मनी मैनेजर कंपनी ब्‍लैकरॉक इंक के सीईओ लॉरेंस डी.फिंक ने आशंका जताई है कि इस तेल के दामों में गिरावट की वजह से 400 कंपनियों का अस्तित्‍व मिट सकता है। लॉरेंस ने कहा कच्‍चे तेल में लगातार गिरावट का माहौल बने रहने की वजह से कंपनियों को कर्ज से उबरने में मुश्किल आ रही है।


तेल कंपनियों को होगा बहुत नुकसान बुधवार को न्यूयॉर्क में एक प्रजेंटेशन के दौरान फिंक ने कहा पेट्रो उत्पादों में आने वाले लंबे समय तक गिरावट का दौर बना रह सकता है। फिंक ने कहा कि कर्ज में डूबी कंपनियों को सिर्फ कीमतों में इजाफे से ही रहत मिल सकती है जो आने वाले दिनों में संभव नहीं है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट की माने तो तेल की कीमतों को लेकर कोई भविष्यवाणी नहीं की गई है। किन कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है यह भी दावा नहीं किया गया है। लॉरेंस ने कहा कि कच्चे तेल के बाजार में मंदी का नहीं आत्मसमर्पण का दौर है जो खतरनाक है। तेल बाजार में हुई 15 प्रतशित की कमी
अमेरिकी बाजार में तुलनात्मक सुस्ती और ईरान की ओर से अधिक तेल उत्पादन के चलते इस साल कच्चे तेल की कीमतों में 15 प्रतिशत की कमी हुई है। स्वतंत्र अमेरिकी तेल अन्वेषकों का अनुमान है कि 2015 में तेल की कीमतों में गिरावट के चलते अमेरिकी कंपनियों को 14 अरब डॉलर यानी करीब 95420 करोड़ रुपये का नुकासान होगा। फिंक ने कहा कि क्रूड की कीमतों में गिरावट से कंपनियों में हाहाकार मचेगा लेकिन उपभोक्ताओं को फायदा होने वाला है। तेल की गिरी कीमतों से 4 अरब लोगों को होगा फायदा क्रूड ऑयल के दाम में गिरावट से करीब 4 अरब लोगों को फायदा होगा। फिंक ने कहा कि वह यूरोपियन यूनियन के भविष्य के लिए चिंतित हैं। उन्होंने आने वाले दिनों में चीन के बाजार के लिए सबसे बड़ी चिंता जताई है। निवेशक चीन के बाजारद से अपने पैर खींच रहे हैं। फिंक ने अनुमान लगाते हुए बताया कि इस साल जापान की इकॉनमी 1 से 1.5 प्रतशित की ग्रोथ करेगी। उन्होंने जापान की डेमोग्रैफी को चिंता का सबब करार दिया है।

Posted By: Prabha Punj Mishra