लव इज ब्लाइंड. लेकिन ऐसा भी क्या प्यार कि उसके लिए किसी मासूम को मौत के घाट उतार दिया जाये. बबलू ने भी प्यार के पागलपन में अपने चचेरे भाई का किडनैप करने के बाद उसे मौत के घाट उतार दिया. और वजह भी बस इतनी कि फिरौती के रुपयों से वह अपनी शादीशुदा प्रेमिका से दोबारा विवाह करना चाहता था.


Lucknow: ठाकुरगंज के रस्तोगीनगर में रहने वाले राजाराम तिवारी के बेटे शुभम का अपहरण और उसकी हत्या शुभम के ही चचेरे भाई बबलू ने की थी। पुलिस ने बबलू को ठाकुरगंज से अरेस्ट कर लिया है।
साफ्ट टारगेट था शुभम
बबलू उर्फ कमल किशोर एक लड़की से प्यार करता था। उसके प्यार में वह इस कदर पागल था कि लड़की को अपने खून से उसने कई लव लेटर लिख डाले। लेकिन लड़की ने बबलू के इस पागलपन पर कोई ध्यान नहीं दिया और उसकी 11 फरवरी को शादी हो गयी। इसके बाद भी बबलू उसके साथ शादी के सपने संजो रहा था कि जब उसके पास पैसे हो जाएंगे तो उसकी प्रेमिका उसके पास वापस आ जाएगी.
इसके बाद से वह पैसे कमाने के शार्टकट के बारे में सोचने लगा और उसने अपने चाचा राजाराम को ही साफ्ट टार्गेट चुना। बबलू ने घर के बाहर खेल रहे राजाराम के बेटे शुभम को चाकलेट दिलाकर अपने साथ ले गया। रास्ते में उसे कोल्ड ड्रिंक पिलाई। बबलू का घर राजाराम के घर से तीन सौ मीटर दूर था। वह बच्चे को अपने साथ ले गया और घर पर सुला दिया.
इसके बाद उसने बदली हुई आवाज में राजाराम के घर पर मोबाइल पर फोन किया और तीन लाख रुपये की फिरौती मांगी। उसने पुलिस को सूचना देने पर बच्चे की हत्या करने की धमकी भी दी। इसके बाद वह राजाराम के घर आया माहौल का जायजा लेने के लिए। वहां पता चला कि राजाराम पुलिस के पास गये हैं तो उसके होश उड़ गये.
वह वापस अपने घर आया और आगे का प्लान बनाने लगा। रात लगभग ढाई बजे उसने शुभम को जगा कर उसके बाप से बात करायी। इसके बाद वह शुभम को लेकर बरीकलां के जंगल गया और शुभम का गला दबा कर हत्या कर दी।
अपने खून से लिखा लव लेटर
पुलिस ने बताया कि बबलू उन्नाव के असोहा थाने के दऊ गांव का रहने वाला है। उसी गांव में रहने वाली एक प्रतिष्ठित फैमिली की लड़की से इसका छह साल से अफेयर चल रहा था। बबलू ने अपने खून से दर्जनों लव लेटर लिखे। कुछ उस लड़की तक भी पहुंचे। बबलू ने अपनी प्रेमिका के साथ कई बार भागने का भी प्लान बनाया, लेकिन लड़की ने मना कर दिया। 23 साल का बबलू क्लास तीन तक पढ़ा हुआ है। वह डेढ़ साल कोलकाता में रहा और फिर लखनऊ आकर पुताई का काम करने लगा। लेकिन उसकी कमायी इतनी नहीं थी कि वह पैसे बचा सके.
पहले पुलिस को दिया चकमा
डीआईजी डीके ठाकुर ने बताया कि पुलिस ने जब शक के आधार पर इसे थाने बुलाया तो उसने थाने पहुंचते ही एसओ अरुण कुमार से कहा कि आपने शुभम के बारे में पूछताछ के लिए बुलाया है ना। उसके बारे में मैं कुछ नहीं जानता। बबलू के पास से मिले कुछ सिम की जब पुलिस ने डिटेल खंगाली तो एक नम्बर बस्ती के एक युवक अर्जुन के नाम एलॉट किया गया था.
पुलिस बस्ती से उस युवक को भी पकड़ लायी लेकिन उस युवक की इस घटना में कोई भूमिका ना होने पर उसे छोड़ दिया गया। अर्जुन ने बताया कि उसने मोबाइल को काफी पहले बंद कर दिया था।
खूनी खत
हमारे लहू के हर कतरे पर सिर्फ आपका नाम लिखा है। आपके बिना जिंदगी अधूरी है। जब तक आप हमारी जिंदगी में वापस नहीं आओगी तब तक हमारा खून ऐसे ही बहता रहेगा। जबतक मेरी सांसे चलेंगी तब तक हम आपको याद करते और यह दर्द सहते रहेंगे। अगर आप चाहती हैं कि आपको इन सब चीजों से छुटकारा मिल जाए तो अपने हाथों से मुझे जहर दे दीजिये या फिर वापस आने का कष्ट करें, महान दया होगी। धन्यवाद मेरी----
--- तुम आओगी हम आपकी राहों में अपनी पलकें बिछाये बैठे हैं.  कहीं ऐसा न हो कि मेरी आंखे हमेशा के लिए बंद हो जाएं। प्यार किया सिर्फ तुम्हें, सपने देखे सिर्फ तुम्हारे, ख्वाब देखा सिर्फ तुम्हारा, ख्यालों में सिर्फ तुम, अरमान सजाये सिर्फ तुम्हारे, दिल में बसाया सिर्फ आपको, खुदा से मांगा सिर्फ आपको, मेरी जान सिर्फ और सिर्फ आप हैं,
--- अब तो वापस आ जाओ क्या मेरी जान लेकर रहोगी? तुमको मेरी जिंदगी में वापस आना ही होगा। वरना हम आपकी कसम खाते हैं कि हम इस जिंदगी को तहस नहस कर देंगे और अपने हाथ पैर काट डालेंगे आपकी कसम। जीना सिर्फ तेरे लिये, मरना भी सिर्फ तेरे लिये। हमारा दिल आपके लिए धड़कता था लेकिन आपके दूर जाने से इस दिल की धड़कनें रुकने लगीं हैं। कहीं आपको आने में देर ना हो जाए।
डीआईजी ने दिया रिवार्ड
डीआईजी डीके ठाकुर ने इस घटना के चौबीस घंटे के अंदर खुलासा करने वाली टीम को ढाई-ढाई हजार रुपये का नगद इनाम दिया। उन्होंने एसओ ठाकुरगंज अरुण कुमार द्विवेदी और सर्विलांस सेल के योगेंद्र को ढाई-ढाई हजार रुपये बंद पैकेट में थमाये.

Posted By: Inextlive