- थैलेसीमिया के शिकार बच्चों को बचाने की डोनर्स ने उठाई जिम्मेदारी

- विश्व रक्तदाता दिवस पर 360 लोगों ने किया रक्तदान

बरेली : व‌र्ल्ड ब्लड डोनर डे पर बरेलियंस ने दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए शहर में लगे ब्लड डोनेशन कैंप में 360 यूनिट रक्तदान किया. डोनर्स ने लोगों को रक्तदान करने का संदेश भी दिया. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि उनके द्वारा दान किया गया रक्त किसी की जिंदगी बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

डोनर ने लिया बढ़चढ़कर हिस्सा

आईएमए ब्लड बैंक में लगे ब्लड डोनेशन कैंप में सुबह से शाम तक दो सौ लोगों ने ब्लड डोनेट किया. इसके अलावा जिला अस्पताल व रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज समेत विवि में लगे ब्लड कैंप में भी लोगों ने खूब बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया. इस दौरान आईएमए ब्लड बैंक की डायरेक्टर डॉ. अंजू उप्पल, डॉ. पारूल प्रिया आदि का विशेष योगदान रहा.

थैलेसीमिया से बचाएंगे

रक्तदान शिवर में करीब बीस से ज्यादा ऐसे डोनर आए जिन्होंने जिले में थैलेसीमिया से पीडि़त अनेक बच्चों की जिंदगी बचाने की जिम्मेदारी उठा रखी है. जगतपुर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में तैनात लैब टेक्नीशियन मो. ताहिर का कहना है कि अगर वह ब्लड डोनेट नहीं करेंगे तो थैलेसीमिया से पीडि़त बच्चों के लिए हर माह खून की जरूरत कैसे पूरी होगी. उन्होंने बताया कि वह यही सोचकर पिछले पांच साल से लगातार रक्तदान कर रहे हैं.

परिवार संग किया ब्लड डोनेट

आईएमए ब्लड बैंक में लगे कैंप में कई डोनर परिवार समेत भी आए. जिन्होंने अपने परिवार के साथ ब्लड डोनेट किया. अमरीश कुमार सक्सेना ने बताया कि वर्ष 1997 से वह रक्तदान कर रहे है. उन्हें खुशी है कि अब उनका बेटा चित्रांश भी रक्तदान करने के लिए साथ में आया है.

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सैकड़ा पार कर चुके हैं रजनीश

राजेंद्र नगर निवासी रजनीश कुमार सक्सेना पिछले कई साल से ब्लड डोनेट कर रहे हैं. उनका कहना है कि वह अब तक 100 से ज्यादा बार रक्तदान कर चुके हैं. वह हर तीन महीने बाद रक्तदान करते हैं.

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वर्जन

रक्तदान करने से किसी की जिंदगी बच सकती है. इसी सोच के साथ वह हर बार ब्लड डोनेशन कैंप में रक्तदान करते हैं.

शुभम, मॉडल टाउन

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रक्तदान मेरा शौक बन गया है. तीन महीने बाद जब भी रक्तदान शिविर लगता है तो रक्तदान करने जरूर जाता हूं. अब तक सवा सौ बार रक्तदान कर चुका हूं.

अक्षत, बड़ा बाजार कुतुबखाना

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ब्लड डोनेट करने से कोई कमजोरी नहीं आती है. हर कैंप में डाक्टरों के चेकअप के बाद ही ब्लड डोनेट करते है. अन्य लोगों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित करते हैं.

अनुज रस्तोगी, मॉडल टाउन

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पहली बार ब्लड डोनेट करके गर्व महसूस हो रहा है. मेरा दान किया गया ब्लड किसी की जान बचा सकता है. रक्तदान करने से कोई कमजोरी आती है यह डर भी दूर हो गया.

शाहिन अनवर, गढ़ी चौक

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पांच साल पहले एक रक्तदान शिविर में रक्तदान किया था. इसके बाद से हर साल रक्तदान कर रहे हैं. हर स्वस्थ व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए.

चित्रांश सक्सेना, मॉडल टाउन

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ब्लड देने को रहते हैं एक्टिव

शहर के कुछ डोनर ऐसे भी हैं जो जरूरतमंदों की मदद के लिए हर समय तैयार रहते हैं. एक कॉल पर ये डोनर रक्तदान के लिए पहुंच जाते हैं.

अक्षत - 9690343818

रजनीश सक्सेना - 8869848653

आकाश सक्सेना - 9837289340

डॉ.जेपी सेठी - 9837264641

मो. ताहिर - 7017845328

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खास बातें

25 - साल पहले शुरू हुआ था आईएमए में रक्तदान शिविर

360- लोगों ने व‌र्ल्ड ब्लड डोनर डे पर किया रक्तदान

5 - मिनट लगते हैं ब्लड डोनेट करने में

18-65 वर्ष तक का स्वस्थ व्यक्ति कर सकता है रक्तदान .

7- दिन में होती है रक्तदाता के शरीर में रक्त की आपूर्ति

36-42 दिन - में खराब हो जाता है एकत्रित किया गया रक्त

आईटीबीपी जवानों ने दिया ब्लड

वहीं, दूसरी ओर गंगाचरण ब्लड बैंक में आईटीबीपी के 25 जवानों ने रक्तदान किया. जिसमें 25 यूनिट ब्लड एकत्रित हुआ. इसके साथ जिला अस्पताल में 55 यूनिट ब्लड एकत्रित हुआ. इसके साथ रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज में 80 यूनिट ब्लड एकत्रित किया गया.

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आईएमए हॉल में लगे कैंप में लोगों ने काफी रुचि दिखाई. करीब 200 यूनिट ब्लड एकत्रित किया गया.

डा. जेपी सेठी - मेडिकल ऑफिसर आईएमए ब्लड बैंक

इनको ब्लड की ज्यादा जरूरत

-थैलेसीमिया से पीडि़त लोग

-डायलिसिस के मरीज

-कैंसर के मरीज

-प्रसव के दौरान

-जले हुए मरीजों के लिए

-एक्सीडेंट में घायलों के लिए

Posted By: Radhika Lala