-खून के दलालों के चंगुल में शहर के ब्लड बैंक, मिलीभगत से जरूरतमंदों को ठगने का खेल

-जीएसवीएम ब्लड बैंक में सक्रिय दलालों की स्टॉफ से मिलीभगत, पहले भी पकड़े जा चुके हैं दलाल

KANPUR: 'सर, मेरे पास डोनर है। मुझे एबी निगेटिव ब्लड की अर्जेट जरूरत है। कुछ भी करिये लेकिन मुझे ब्लड दिला दीजिए। मेरे पिता की हालत नाजुक है' 'अभी रुको, ब्लड टेस्ट हो रहा है। तीन चार घंटे का टाइम लगेगा इंतजार करो। (चार घंटे बाद)'मुझे ब्लड दे दीजिए या फिर इतना ही बता दें कि ब्लड है या नहीं? ऑनलाइन तो उपलब्ध दिखा रहा है.' 'अभी ब्लड क्रॉसमैच नहीं हुआ है। सुबह तक होगा। सुबह आ जाओ मिल जाएगा.' (अगले दिन सुबह) 'अब तो इंतजाम हो गया होगा दे दीजिए ब्लड.' 'अभी नहीं, 2 बजे के बाद मिल पाएगा.' ब्लड के लिए 24 घंटे परेशान होने के बाद भी तीमारदार को पेशेंट के लिए ब्लड नहीं मिला। इसी बीच तीमारदार के मोबाइल फोन आता है। फोन करने वाला खुद को डॉ.आनंद बताते हुए खून की जरूरत के बारे में पूछता है। तीमारदार चौंकता है कि उसे यह फोन कैसे आया? फोन करने वाले ने बोला कि 3700 रुपए में वह एक यूनिट ब्लड दिला देगा। वो भी बिना डोनर केयह बातचीत फोन पर एक खून के एक दलाल और जरूरतमंद के बीच हुई। जिसमें यह पुख्ता हो गया कि दलाल ने मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक की मिलीभगत से उसने जरूरतमंद के नंबर का जुगाड़ किया। उसके बाद उसे रेयर गु्रप का ब्लड भी पैसे के दम पर देने की बात की।

ब्लड बैंक मिसमैनेजमेंट से बढ़ी दलाली

पिछले काफी दिनों से शहर के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक में ब्लड की काफी कमी हो गई है। इस दौरान ब्लड बैंक को मेडिकल कॉलेज से हैलट कैंपस में बनी नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया। इस दौरान जरूरतमंदों को ब्लड देने की प्रक्रिया में लगातार देरी होने लगी। जिसकी शिकायतें भी हुई। घायल भाजपा नेता के ऑपरेशन के लिए ब्लड देने में देरी पर तो डीएम को फोन करना पड़ गया। इन सब कमियों का फायदा तेजी से दलालों ने भी उठाया।

सिस्टम में घुसे दलाल

मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक से ब्लड की प्रतिदिन 50 से ज्यादा यूनिट की डिमांड होती है। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों के अलावा शहर के ज्यादातर बड़े प्राइवेट अस्पताल भी यहीं से ब्लड लाने को कहते हैं क्योंकि इसे काफी सुरक्षित माना जाता है, लेकिन निगरानी की कमी और नए संसाधनों को अपनाने से दूरी की वजह से खून के दलालों ने सिस्टम के अंदर तक अपनी पैठ बना ली है। इन दलालों के पास न सिर्फ ब्लड बैंक की रसीदें रहती हैं बल्कि ब्लड बैग में लगाए जाने वाले स्टीकर भी आसानी से मैनेज कर लेते हैं।

दलाली से दागदार ब्लड बैंक

- 10 मई 2014- मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक में खून की दलाली करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ सरगना समेत 7 गिरफ्तार

- 4 जून 2014- मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक के तीन गार्ड गिरफ्तार, कई और कर्मचारियों की मिलीभगत का खुलासा

- 30 जून 2017- मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक से खून की दलाली कर रहे तीन युवक गिरफ्तार

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Posted By: Inextlive