- 6 माह से कर रहे थे धंधा

- 1 हजार को दिया जानलेवा ब्लड

- 5 सौ से 1000 रुपये देते थे नशेडि़यों को

- 2 से 3 यूनिट ब्लड तैयार करते थे

- 2 से 3 हजार में बेचते थे

- 3 पैथोलॉजी के कर्मचारी शक के घेरे में

- 2 को दबोचा गया

- आरोपितों ने घर पर खोला फर्जी ब्लड बैंक, सेलाइन से बनाते थे नकली ब्लड

- एसटीएफ की जांच में तीन पैथोलॉजी के कर्मचारी शक के घेरे में, दो अरेस्ट

LUCKNOW : एसटीएफ ने राजधानी में बीते छह महीनों से मरीजों को जानलेवा नकली ब्लड बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। आपको यह जानकर हैरत होगी कि मानवता को शर्मसार करने वाली इस हरकत की वजह से उन एक हजार से ज्यादा लोगों की जान खतरे में पड़ गयी, जिन्होंने इस गिरोह से ब्लड खरीदा था। यह गिरोह अपने घर में नशेडि़यों को पांच सौ से हजार रुपये देकर ब्लड निकालता था और एक यूनिट से दो या तीन यूनिट ब्लड तैयार कर उसे ट्रॉमा सेंटर सहित शहर के प्रमुख अस्पतालों के बाहर ब्लड की तलाश में भटक रहे मरीजों के तीमारदारों को बिना डोनर के दो से तीन हजार रुपये में बेचता था। इस काम में उनकी मदद एक पैथोलॉजी के दो कर्मचारी कर रहे थे जिन्हें एसटीएफ ने उनके तीन अन्य साथियों के साथ दबोच लिया है। उनके कब्जे से ब्लड पैक, स्टिकर के अलावा तमाम कूटरचित दस्तावेज भी बरामद हुए है।

सेलाइन वाटर मिलाकर बनाते थे ब्लड

एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने बताया कि एसटीएफ को राजधानी में नकली ब्लड बेचने वाले गिरोह के बारे में सूचना मिली थी जिसके बाद बीते एक महीने से इस गिरोह के सदस्यों की सुरागरसी की जा रही थी। इस दौरान जानकारी मिली कि यह गिरोह अवैध तरीके से नशेड़ी युवकों को बुलाकर उनका ब्लड निकाल कर उसको सेलाइन वाटर की मिलावट से दुगना कर बेचता है। सूचना पर एसटीएफ की टीम ने फूड सेफ्टी एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन के असिस्टेंट कमिश्नर लखनऊ डिवीजन पीके मोदी की टीम के साथ सीतापुर रोड के त्रिवेणीनगर स्थित बीएनके ब्लड बैंक एवं मेडिसिन ब्लड बैंक पर जांच पड़ताल की। वहीं मुखबिर से मिली सूचना पर इस गिरोह के सदस्य थाना मडि़यांव क्षेत्रान्तर्गत फैजुल्लागंज के एक मकान में छापा मारा जहां पर गिरोह के पांच सदस्य अवैध ब्लड बैग का कारोबार करने के विभिन्न सामान एवं फर्जी कागजात के साथ मिले। इनसे पूछताछ में पता चला कि इनके द्वारा एक अन्य स्थान मक्कागंज, सीतापुर रोड पर भी अवैध ब्लड का कारोबार किया जाता है। एसटीएफ ने वहां भी दबिश दी तो वहां पर भी अवैध सामान बड़ी मात्रा में प्राप्त हुआ। इसी तरह एक अन्य स्थान निशातगंज छठी गली में एक घर पर दबिश के दौरान नकली ब्लड का कारोबार करने के सुबूत मिले।

घर पर बनाते थे ब्लड

पूछताछ पर मुख्य आरोपी नसीम ने बताया कि मैं अपने घर पर ही प्रोफेशनल ब्लड डोनर जिनमें नशा करने वाले लोग शामिल हैं, उन्हें कुछ पैसों का लालच देकर ब्लड खुद ही निकाल लेता हूं तथा एक यूनिट ब्लड से दो यूनिट ब्लड बनाता हूं। ब्लड पूरा करने के लिए मैं नार्मल सेलाइन वॉटर मिलाता इसे होल ह्यूमन ब्लड को पीआरबीसी बताकर बेचता हूं क्योंकि इससे आसानी से दो यूनिट तैयार हो जाती है। मैं खुद ही विभिन्न ब्लड बैंक जैसे शेखर, ओपी चौधरी, मेडिसिन आदि के लेबल एवं कंपैटिबिलिटी फॉर्म को कूट रचना से तैयार कर देता हूं। पैसा बचाने के लिए इस ब्लड का किसी भी तरह का कोई टेस्ट जैसे एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी वायरस वीडीआरएल, मलेरियल पैरासाइट आदि की कोई जांच नहीं होती है। एसटीएफ के मुताबिक इस तरह बिना गंभीर बीमारियों के टेस्ट किए ब्लड चढ़ाने से पेशेंट को इन बीमारियों का संक्रमण हो सकता है तथा सेलाइन वॉटर को मिलाकर ब्लड का वॉल्यूम बढ़ाने से उसके अंदर उपस्थित आरबीसी ब्रोकन हो सकती है। जिससे पेशेंट को फीवर, चिल्स और हार्ट अटैक तक हो सकता है।

ब्लड बैंक के कर्मचारी शामिल

एसटीएफ के मुताबिक राशिद अली उर्फ आतिफ द्वारा मुख्य रूप से अवैध ब्लड डोनर का लाना एवं मिलावटी ब्लड बेचने का अपराध किया जाता है। वहीं राघवेंद्र प्रताप सिंह बीएनके ब्लड बैंक का लैब टेक्निशियन है जो ब्लड बैंग की अवैध सप्लाई करता है। पंकज कुमार त्रिपाठी बीएनके ब्लड बैंक में लैब अटेंडेंट है, जो ब्लड बैंक मे प्रोफेशनल डोनर से ब्लड निकाल कर नसीम को सप्लाई करता है तथा हनी निगम उर्फ रजनीश निगम ब्लड बैग के जाली स्टीकर एवं अन्य पेपर प्रिंट कराकर तैयार करता है तथा साथ ही ब्लड निकालना एवं ब्लड डोनर का इंतजाम करता है।

इन्हें किया गया गिरफ्तार

राशिद अली उर्फ आतिफ निवासी सहादतगंज, राघवेन्द्र प्रताप सिंह निवासी बाराबंकी, मो। नसीम निवासी हसनगंज, पंकज कुमार त्रिपाठी निवासी बहराइच हालपता त्रिवेणी नगर, हनी निगम उर्फ रजनीश निगम निवासी निशातगंज।

बरामदगी

35 ब्लड बैग इनवॉल, एक हजार ट्रिपल बैग सिस्टम, 11 सीपीपी प्लेटलेट बैग, तीन पैकेट क्लैंब ब्लू कलर, 30 एचआईवी किट, छह मलेरिया किट, नौ एचआईवी किट (रेकान), चार एचबीएस एजी किट (एसडी), सात एचसीवी (एलर), पांच एचवीएस एजी किट (एलर), एक एचसीवी किट (एसडी), दो मलेरिया एसडी, आठ सिफलिस किट, 12 प्लेन वायल, दो शीशी एंटी-ए, एक शीशी एंटी-डी, एक शीशी एंटी-बी, एक शीशी बोरो जेड एक्स, सात पैकेट ब्लड बैग (पॉलीमेड), 70 सिंगल ब्लड बैग, 14 खुले ब्लड बैग, तीन बोतल एनएस (नॉर्मल स्लाइन), 4500 जाली ब्लड बैग लेवल (ओपी चौधरी ब्लड बैंक), 3500 जाली ब्लड बैग लेवल (शेखर ब्लड बैंक), 3000 जाली फेस फ्रोजन प्लाजमा लेवल (मेडिसिन ब्लड बैंक), चार जाली स्टैंप।

Posted By: Inextlive