MEERUT : सुबह सात बजे रोज की तरह कैदियों की गिनती हो रही थी. बैरक नंबर 20 ए और 20 बी के कैदियों ने अपने एक साथी को हाई सिक्योरिटी बैरक में भेजने का विरोध किया.

सुबह सात बजे रोज की तरह कैदियों की गिनती हो रही थी। बैरक नंबर 20 ए और 20 बी के कैदियों ने अपने एक साथी को हाई सिक्योरिटी बैरक में भेजने का विरोध किया। डिप्टी जेलर और बंदी रक्षक ने इन्हें समझाने की कोशिश की। अचानक कैदियों ने डिप्टी जेलर और बंदीरक्षक पर हमला बोल दिया। दोनों बैरकों के कैदी हमलावर हो गए। डिप्टी जेलर आरके सचान की जमकर पिटाई कर दी। कट्टन और सरियों से बंदी रक्षकों पर हमला बोल दिया। जेल की सुरक्षा में तैनात अमला कुछ समझ पाता इससे पहले ही कैदियों ने 30 बैरकों के ताले तोडक़र 2300 कैदियों को आजाद करा दिया।

आग लगा दी
ये कैदी जेल के मैदान में आ गए। सबसे पहले मेस को कब्जे में किया। इसमें रखे सात-आठ सिलेंडरों में आग लगा दी। पूरी मेस को आग के हवाले कर दिया। सर्किल ऑफिसर के दफ्तर में भी आग लगा दी। कंट्रोल रूम फूंक दिया। मेस की दीवार तोडक़र सरिये और पत्थर इकट्ठा कर लिए। सभी कैदियों ने एक साथ नंबरदारों, बंदीरक्षकों, सिपाहियों और अधिकारियों पर हमला बोल दिया। पूरी जेल में तोडफ़ोड़ शुरू कर दी। जेल का अतिमहत्वपूर्ण रिकॉर्ड आग के हवाले कर दिया। जेल में लगे सभी शीशे तोड़ दिए।

चारदीवारी पर चढ़े
कैदी जेल के सुरक्षाकर्मियों के बस से बाहर हो चुके थे। करीब तीन सौ-चार सौ कैदी जेल की बाहरी चाहरदीवारी तक आ गए। वाच टावर नंबर दो और तीन के बीच में कई फुट ऊंची दीवार पर चढ़ गए। वाच टॉवर पर तैनात बंदूकधारी सिपाहियों ने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग ने कैदियों का हौसला कुछ पस्त किया। वहीं, सैकड़ों कैदी अंदर के दरवाजों के ताले तोड़ते हुए मेन गेट तक पहुंच गए।

भारी पुलिस बल
जेल में जंग की खबर बाहर तक पहुंच चुकी थी। करीब साढ़े सात बजे इधर से डीएम, एसएसपी, एसपी सिटी और अन्य अफसर जेल पहुंचे। इन्होंने जैसे ही मेन गेट से एंट्री की कैदियों ने इन पर पथराव कर दिया। अधिकारी उल्टे पांव वापस आ गए। इसके बाद भारी पुलिस बल जेल की तरफ बुलाया गया। आरएएफ, पुलिस की कई टुकडिय़ां जेल की तरफ दौड़ीं। दस फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां जेल में पहुंचीं। फिर पूरी तैयारी के साथ कप्तान ने मोर्चा संभाला। पुलिस बल ने कैदियों पर लाठीचार्ज कर दिया।

फायरिंग की
पुलिस बल ने कैदियों पर रबर की गोलियां चलाईं। करीब पचास राउंड हवाई फायरिंग हुई। अंदर जाकर कैदी और पुलिस बल आमने-सामने हो गए। कैदियों ने जेल में आग लगा रखी थी। इस वजह से पुलिस के लिए अंदर घुसना मुश्किल हो रहा था। दो फायर ब्रिगेड के साथ-साथ फोर्स ने अंदर कैदियों से मोर्चा लिया। आग पर काबू पाया गया। कैदी और फोर्स आमने-सामने आ गए। कैदी सरियों से लैस थे। कुछ ने कट्टन ले रखी थी। पुलिस पर पथराव कर दिया गया। करीब तीन घंटे चली इस जंग के बाद कैदियों पर काबू पाया गया। सभी कैदियों को वापस बैरकों में धकेला गया।

पहुंचाए अस्पताल
कैदियों के हमले में तीन डिप्टी जेलर, एक दर्जन पुलिस वाले और 40 बंदी रक्षक घायल हो गए। जबकि पुलिस लाठीचार्ज में करीब 250 कैदी घायल हुए हैं। गंभीर रूप से घायल कैदियों और पुलिस वालों को मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जबकि अन्य का जेल के अस्पताल में ही इलाज किया गया।

दो बंदियों की हालत नाजुक
पुलिस की पिटाई से दो बंदियों की हालत नाजुक हो गई है। बंदी मनीष को दिल्ली रेफर कर दिया गया है। जबकि मेराजुद्दीन को मेडिकल अस्पताल से आनंद अस्पताल में भेज दिया गया है। दोनों की हालत गंभीर बनी हुई है। मेडिकल अस्पताल में कुल 22 बंदी भर्ती हैं। रात तक नंबरदार नरेंद्र और बंदीरक्षक फाजिल को छुट्टी दे गई। सीएमओ अजित चौधरी ने बताया कि 13 बंदियों को इमरजेंसी से जनरल वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। मनीष की हालत गंभीर है। उसके मुंह से झाग निकल रहे थे। उसकी स्थिति मरणासन्न बनी हुई है।
पूरे मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। अब स्थिति नियंत्रण में है।
- विकास गोठलवाल, डीएम
ये कैदी जेल तोडक़र बाहर निकलने की फिराक में थे। पूरी जेल पर कब्जा कर लिया था। हम पर भी पथराव किया गया। जेल में जगह-जगह आग लगाई हुई थी। बमुश्किल इन पर काबू पाया गया।
- के सत्यनारायण, एसएसपी

Posted By: Inextlive