अभिनेता धर्मेंद्र से जब उनकी बायोपिक बनाने का सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब में कहा कि 'बायोपिक क्या बनानी? मेरी बायोपिक के पन्ने तो हवा में उड़ रहे हैं।


मुंबई (ब्यूरो)। बायोपिक फिल्मों का चलन हिंदी सिनेमा में जोरों पर है। अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों की जिंदगी पर फिल्में बन रही हैं। बीते दिनों संजय दत्त की बायोपिक 'संजू' भी आई। वह हिंदी सिनेमा के पहले कलाकार हैं, जिनकी जिंदगी को सिल्वर स्क्रीन पर उतारा गया। मधुबाला और मीना कुमारी की जिंदगी पर भी बायोपिक बनाने की खबरें हैं। 

'यमला पगला दीवाना फिर से' में बेटों संग की एक्टिंग 

हिंदी सिनेमा में करीब छह दशक से सक्रिय धर्मेंद्र बीते दिनों रिलीज फिल्म 'यमला पगला दीवाना फिर से' में नजर आए। उन्होंने अपनी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। अपने फिल्मी सफर में 'शोले', 'यादों की बारात', 'चुपके-चुपके', 'धर्मवीर' समेत कई दर्जन हिट फिल्में दी हैं। उनके बेटे सनी और बॉबी देओल भी हिंदी सिनेमा में अपनी पहचान रखते हैं। दूसरी पत्नी हेमा मालिनी से उन्हें दो बेटियां हैं। 

'मेरी जिंदगी के पन्ने तो हवा में'

अपनी बायोपिक बनने के सवाल पर वह ज्यादा उत्साहित नहीं होते। वह कहते हैं, 'बायोपिक क्या बनानी? मेरी बायोपिक के पन्ने तो हवा में उड़ रहे हैं। कोई भी उन्हें कहीं भी पढ़ सकता है। मैंने अपनी जिंदगी को कभी राज बनाकर नहीं रखा। मेरी जिंदगी से सभी वाकिफ हैं। हम फिल्म को कमर्शियल बना नहीं सकते। हमें बिजनेस नहीं आता।'

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