आमिर खान की फिल्म दंगल से करियर की शुरुआत करने वाली एक्ट्रेस सान्या मल्होत्रा ने एक पोस्ट में अपनी बॉलीवुड एंट्री को लेकर कुछ इंटरेस्टिंग राज खोले।


features@inext.co.inKANPUR : सान्या को बॉलीवुड में एंट्री के लिए एक ऐसा लॉन्चपैड मिला जिसका लोग सपना देखते हैं, वो है आमिर खान की फिल्म। अच्छी बात ये रही कि उनको अच्छी स्क्रीन स्पेस भी मिली और उनके काम को एप्रिशिएट भी किया गया। उनकी पिछली फिल्म अंधाधुन भी बॉक्स-ऑफिस पर सुपरहिट रही। लेकिन एक रीसेंट फेसबुक पोस्ट में उन्होंने बताया कि वह एक पैशनेट डांसर हैं। उन्होंने रिवील किया कि एक्चुअली वह डांसर ही बनना चाहती थीं लेकिन डांसर बनते-बनते वह एक्टर बन गईं। इतना ही नहीं, उन्होंने ये भी बताया कि फिल्मों में आने के लिए उन्हें अच्छा-खासा स्ट्रगल भी करना पड़ा।हर शादी में करती थीं डांस


इस पोस्ट की शुरुआत करते हुए सान्या ने लिखा, 'मैं ऐसी बच्ची थी जो हर शादी में डांस करती थी। मेरे पेरेंट्स मुझे हर शादी में ले जाते थे ताकि मैं दिल खोलकर डांस कर सकूं। मैं डांस कॉम्पिटीशंस में पार्ट लेती थी और जब मैं कॉलेज पहुंची तो कोरियोग्राफी सोसाइटी का हिस्सा भी बन गई। मैं डांस को लेकर बेहद पैशनेट थी लेकिन ये किसी को नहीं पता था कि मेरा असली सपना एक्टिंग करना था। लेकिन मैंने इस बारे में कभी किसी को नहीं बताया क्योंकि मुझे लगता था कि लोग ये सुनकर हंसेंगे। मैं सोचती थी कि शायद डांस के जरिए मैं एक्टिंग तक पहुंच सकूं।डांस में मिला रिजेक्शनसान्या ने आगे बताया कि उन्होंने रिएलिटी डांस शो डांस इंडिया डांस में भी पार्ट लिया था और टॉप 100 में सिलेक्ट भी हो गई थीं। लेकिन उन्हें सिर्फ इसलिए रिजेक्ट कर दिया गया क्योंकि उनकी बैकस्टोरी अच्छी नहीं थी। सान्या कहती हैं कि जब उन्हें रिजेक्ट किया गया तो उन्हें लगने लगा था कि शायद वह परफॉर्म करने के लिए बनी ही नहीं हैं। उन्होंने कहा, शो ने भले ही मुझे रिजेक्ट कर दिया हो लेकिन इसके जरिए मैं मुंबई आ गई।डैड ने किया सपोर्ट

सान्या ने आगे बताया, मैं मुंबई आ तो गई लेकिन मैंने सोचा कि कम से कम एक बार तो मुझे कोशिश करनी चाहिए और फिर मैंने एक्टिंग के बारे में अपने डैड को बताया। मैं सरप्राइज्ड थी कि डैड ने मेरा सपोर्ट किया। मैंने ऑडिशंस देना शुरू किया। लेकिन ये सब बहुत मुश्किल था। मैं छह लोगों के साथ रहती थी और ऐसा होता था कि सभी काम पर जाते थे और मैं घर पर बैठी रहती थी। मैं डीमोटिवेट होती थी और अक्सर सोचती थी कि भाग जाऊं लेकिन फिर मैं अपने सपने के बारे में सोचती थी। धीरे-धीरे मैंने बिजनेस को समझना शुरू किया और कास्टिंग डायरेक्टर्स के टच में आई। लंबे इंतजार के बाद मुझे एड मिलना शुरू हुए और फिर ऐसा भी वक्त आया कि मैंने साल में 10 एड किए।ऐसे मिला पहला रोलसान्या बताती हैं कि जब वह दंगल के ऑडिशन के लिए गई थीं तो उनके साथ 30 लड़कियां थीं। लेकिन वह कॉन्फिडेंट थीं कि रोल उनको ही मिलेगा और ऐसा ही हुआ भी। अपनी जर्नी के बारे में वह कहती हैं, मैंने अब तक जो भी रोल किए हैं उन्हें रेलिश किया है। अब मैं खुद पर डाउट नहीं करती। मैं सीख रही हूं। कोई भी परफेक्ट नहीं होता लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि हम कोशिश भी न करें।

Posted By: Satyendra Kumar Singh