कांग्रेस सरकार के मराठा आरक्षण के फैसले पर मुंबई हाईकोर्ट ने फ‍िलहाल स्‍टे लगा दिया है. गौरतलब है कि तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री पृथ्‍वीराज चौहान की कैबिनेट ने 9 जून को फैसला लिया था कि 16 प्रतिशत मराठा और 5 फीसदी मुस्लिमों को नौकरी और शिक्षा में आरक्षण दिया जाएगा. इसको संज्ञान में लेते हुए हाईकोर्ट ने फ‍िलहाल 5 फीसदी मुस्लिमों को पढ़ाई में रिजर्वेशन पर रोक नहीं लगाई है. जानकारी है कि मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी को होगी.

मराठा को आरक्षण खड़े करता है कई सवाल
ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस के लिए हाईकोर्ट का यह फैसला एक बड़ा झटका साबित होगा. जून में कांग्रेस की सरकार ने यह फैसला लिया था कि मराठा को सरकारी नौकरी और पढ़ाई में 16 फीसदी और मुस्लिमों को 5 फीसदी तक का आरक्षण मिले. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा कि मराठा को 16 फीसदी आरक्षण का सवाल और भी कई बड़े सवाल खड़ा करता है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि महाराष्ट्र में जो फैक्ट्रियां हैं, उसके 75 फीसदी मालिक तो मराठा ही हैं.
5 जनवरी की दी अगली तारीख
वहीं अगर गौर करें तो पूरे राज्य में मराठा काफी अच्छी पोजिशन पर हैं. उनकी स्थिति को देखें तो कहीं कोई कमी नजर नहीं आती. ऐसे में उन्हें 16 प्रतिशत  आरक्षण देना स्तर से भी बहुत ज्यादा हो जाता है. हालांकि मामले को लेकर कोर्ट ने अभी अपना अंतिम फैसला नहीं सुनाया है. फिलहाल कोर्ट की ओर से इस फैसले पर अभी स्टे लगाया गया है. अब कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 5 जनवरी की दी है और यह भी कहा है कि 5 जनवरी को केस पर जो भी निर्णय होगा वो हर सूरत में अंतिम होगा.
आखिरी तारीख पर टिकी होंगी नजरें
मराठा को आरक्षण को लेकर अब मुंबई हाईकोर्ट ने 5 जनवरी की तारीख दी है. साथ ही यह भी कहा है कि इस तारीख पर कोर्ट का दिया हुआ फैसला अंतिम फैसला होगा. ऐसे में कांग्रेस की नजरें अब इस तारीख पर टिक गई हैं और धड़कनें तेज हो गई हैं. मालूम हो कि कांग्रेस की ही सरकार ने सरकारी नौकरी और पढ़ाई में मुस्लिमों के साथ-साथ मराठा के लिए 16 प्रतिशत आरक्षण की आवाज उठाई थी.

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Posted By: Ruchi D Sharma