Agra:लोग बीमा को लाइफ सिक्योर कराने के लिए कराते हैं. लेकिन कुछ ऐजेंट्स लोगों को बोनस का प्रलोभन देकर ठगी कर रहे हैं. फोन करके कोई अननोन कॉलर नई पॉलिसी लेने पर एक्स्ट्रा बोनस देने का प्रलोभन देता है. इस तरह का लालच देकर अननोन पॉलिसी एजेंट या कंपनियां आपको ठगी का शिकार बना सकते हैं. वहीं एलआईसी के जानकारों का कहना है कि प्राइवेट कंपनीज और उनके एजेंट्स ने अपनी पॉलिसीज कराने के लिए नया तरीका अपना लिया है. इसके तहत वे बोनस का लालच देकर कस्टमर्स से दूसरी पॉलिसी करा रहे हैं.

प्लानिंग के तहत होता काम
यह जाल बुना जाता है फेक फोन कॉल्स के जरिए। इन कॉल्र्स पर कस्टमर्स को प्रलोभन भरे ऑफर्स के बारे में बताकर झांसे में लाने की कोशिश की जाती है। फोन पर कस्टमर्स को बताया जाता है कि पॉलिसी लेने के लिए आपको कहीं भटकने की जरुरत नहीं होगी। इसके लिए एजेंट खुद आप के दरवाजे तक पहुंच जाएंगे। यही नहीं, फोन पर एजेंट  से ज्यादा क्वेश्चन नहीं पूछने की भी हिदायत दी जाती है। उन्हें कहा जाता है कि एजेंट से ज्यादा सवाल-जवाब करने की जगह यस-यस ही कीजिएगा। इसके बाद बताया जाता है कि पसंद आई हुई पॉलिसी का चेक दें। ऐसे ऑफर्स में नए खरीदे जा रहे बीमा की प्रीमियम 25 हजार एनुअल या उससे भी ज्यादा होती है। इसके बदले कस्टमर को दूसरी कंपनी की पॉलिसी खरीदने और किसी से चर्चा नहीं करने के लिए कहा जाता है।
नाम लेते ही फोन कट
ऐसी कॉल को फेस कर चुके अशोक कुमार का कहना है कि जब उन्हें ऐसा फोन आया तो उन्होंने कहा कि वह अपने पॉलिसी के ऑफिस में बात करके बताएंगे। इतना कहने पर ही बोनस का ऑफर देने वाला फोन अपने आप कट हो जाता है। जब रिटर्न कॉल किया जाता है तो फोन उठता नहीं है या फिर स्विच ऑफ हो जाता है। इसकी सच्चाई तब सामने आती है जब पॉलिस ऑनर अपने एजेंट से संपर्क करता है या फिर फोन पॉलिसी कंपनी से जुड़े पर्सन के पास जाता है। पॉलिसी एजेंट रघुवीर सिंह ने बताया कि उन्हें भी इस तरह काफोन आया तो उन्होंने ऑफर देने वाले से सवाल पूछना शुरू कर दिया, इतने में ही लेकिन दूसरी ओर से फोन काट दिया गया।  
ये है बोनस की कहानी
दरअसल, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने वालों को दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ के नंबरों ज्यादा फोन कॉल्स आते हैं। फोन करने वाले लोग खुद को इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट आथॉरिटी (आईआरडीए) के प्रतिनिधि बताते हैं और पॉलिसी होल्डर्स को बोनस, एक्स्ट्रा प्वॉइंट्स और दूसरे किस्म के कमीशन देने की बात कहते हैं। वे कस्टमर को बताते हैं कि हमारे और आपकी पॉलिसी की कंपनी के बीच टाइअप हुआ है। हम आपके एकाउंट में बोनस की रकम शिफ्ट करने वाले हैं। इसके लिए आपको हमारी कंपनी की पॉलिसी लेनी होगी। बोनस के प्रलोभन में आकर लोग नई पॉलिसी ले तो लेते हैं लेकिन, उन्हें दोतरफा नुकसान होता है। एक तो नई पॉलिसी का प्रीमियम भरना पड़ता है दूसरा बोनस भी नहीं मिलता।

ऐसे काम करती है लालच की चेन

बीमा होल्डर्स को ठगने के लिए रची गई साजिश में कई लोग काम करते हैं। जो एजेंट्स नया बीमा करते हैं या पॉलिसी बेचते हैं उन्हें बीमा कंपनी से कमीशन मिलता है। वहीं, जो लोग फोन पर ऑफर देते हैं उन्हें क्लाइंट बनाने का कमीशन मिलता है। वे जितने क्लाइंट बनाते हैं उन्हें बीमा कंपनी या एजेंट्स से कमीशन का लालच होता है। जबकि जो लोग नया बीमा खरीद लेते हैैं उन्हें बोनस का लालच होता है। संभव है कि ऐसे फोन कॉल्स को लेकर बीमा कंपनियों को जानकारी भी नहीं हो और एजेंट्स अपनी ओर से इस तरह के काम को अंजाम दे रहे हों।
ऐसे भी होती है ठगी
आलरेडी पॉलिसी होल्डर्स को दूसरी कंपनी की पॉलिसी बेचने के लिए इंश्योरेंस एजेंट्स ने नायाब तरीका अपना लिया है। वे कस्टमर को बोनस की बात कहकर फोन करते हैं और अपने आपको इंश्योरेंस रेगुलेटरी अथॉरिटी (आईआरडीए) का प्रतिनिधि बताते हैं।

केस-1
एलआईसी के क्लब एजेंट अखिलेश अग्र्रवाल ने बताया कि उनके पास ऐसे कई बार कॉल्स आ चुके हैं। वे कस्टमर को अनक्लेम बोनस इकट्ठा होने की बात कहते हैं और इसे पाने के लिए एक फिक्स्ड अमाउंट एक खाता नंबर में डालने को कहते हैं। इसके साथ ही कुछ कॉल्स पर यह भी कहा जाता है कि आपके एजेंट ने काम बंद कर दिया है, लिहाजा उन्हें जाने वाला कमीशन आपको दिया जा रहा है। इस तरह के लालच में आकर पालिसी धारक धोखे का शिकार हो जाते हैं।
केस -2
पॉलिसी ओनर मांगे लाल शर्मा ने बताया कि उन्हें कुछ दिन पहले 120-4931224 नंबर से फोन आया था। कॉल करने वाले ने अपना नाम विकास अरोड़ा बताते हुए कहा कि वो आईआरडीए का प्रतिनिधि है। उसने बताया कि आपका बोनस आया है। जो आपकी पॉलिसी एकाउंट में जमा कर दिया जाएगा। लेकिन इससे पहले आपको अदर पॉलिसी करानी होगी। जो 25 हजार रुपए की होगी। जब मैंने कहा कि मेरे पास तो ऑलरेडी पॉलिसी पहले से है। इस पर कहने लगा कि बोनस के लिए ये कंपनी की शर्त है। अगर पॉलिसी नहीं कराई तो बोनस नहीं मिलेगा।


फोन पर बोनस की बात करने वाले धोखेबाज होते हैं। किसी भी पॉलिसी पर बोनस तभी मिलता है जब मेच्योरिटी हो, सरेंडर या फिर डेथ हो। किसी दूसरी कंपनी की पॉलिसी खरीदने से एक कंपनी की पॉलिसी का कोई संबंध नहीं होता है।
संजय जैन, बीएम, एलआईसी, एमजी रोड ब्रांच

 

 

 

 

Report by: Sharma.neeraj@inext.co.in

Posted By: Inextlive