Allahabad : इलाहाबाद को वैसे भी एजुकेशन का हब माना जाता है. यहां दूर-दूर से स्टूडेंट्स स्टडी के लिए आते हैं तो भला नेशनल बुक फेयर इससे कैसे अछूता रह सकता था? जीजीआईसी ग्राउंड में लगे बुक फेयर में एक कोना उन स्टूडेंट्स के लिए भी है जो काम्पिटीशन की तैयारी कर रहे हैं. यहां काम्पिटीटिव स्टूडेंट्स के लिए कुछ ऐसी बुक्स अवलेबल हैं जिन्हें अभी तक स्टूडेंट्स को बाहर से मंगवाने की जद््दोहद करनी पड़ती थी. ऐसी बुक्स को रियायती दर पर लेने के लिए पूरे दिन आने वाले स्टूडेंट्स में भारी उत्साह देखा जा रहा है...


सॉलव्ड पेपर  के साथ प्रैक्टिस  भीकाम्पिटीशन की बुक्स के लिए लगे स्टाल में हर तरह के काम्पिटीटिव एग्जाम्स की बुक्स अवलेबल हैं। जिसमें स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी), उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीपीएससी), यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी), बैंक, यूजीसी नेट, स्लेट, टीजीटी, पीजीटी, टीईटी, रेलवे आदि की बुक्स शामिल हैं। इसके अलावा अदर स्टेट से जुड़े कमीशन की परीक्षाओं की किताबें भी मौजूद हैं। पब्लिकेशन हाऊस से जुड़े संजीव वर्मा बताते हैं कि ये सभी बुक्स मार्केट में अवेलेबल बुक से काफी कम प्राइज पर मिल सकती हैं। इनमें उन राइटर्स की बुक्स भी शामिल हैं जो आसानी से इलाहाबाद में नहीं मिलती हैं। इनमें वीएल फाडिय़ा, डॉ। सरदार सिंह, डॉ। अशोक तिवारी, एमके अहियापुरी जैसे कुछ मुख्य राइटर्स हैं। कई बुक के साथ प्रैक्टिस बुक, अनसॉल्वड पेपर आदि भी फ्री में दिए जा रहे हैं। आसानी से मिल जाएंगे जनगणना के डाटा
जनगणना कार्य निदेशालय उत्तर प्रदेश लखनऊ के स्टाल पर भी स्टूडेंट्स की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिल रही है। विशेषकर रिसर्च स्टूडेंट्स की जिन्हें बड़ी आसानी से जनगणना 2011 से जुड़े देश, प्रदेश, जिला, गांव और वार्ड तक के आंकड़े देखने मिल रहे हैं। निदेशालय के डीईओ सत्यनारायण सिंह ने बताया कि इनमें पापुलेशन, सेक्स रेसियो, मेल, फिमेल, बच्चों की जनसंख्या आदि से जुड़ें डाटा हैं। ये डाटा बुक्स के अलावा सीडी में भी दिए जा रहे हैं। लुभा रहीं हैं ये पुस्तकें मेले में एक विशेष प्रकाशन की पुस्तकें लोगों के अट्रैक्शन का सेंटर प्वाइंट बनी हुई है। गेट से घुसते ही सामने मौजूद इस पब्लिशर की बुक पर लोगों के जमा होने की वजह स्त्री विमर्श, उपन्यास, कहानी, शायरी, गजल, विज्ञान, मीडिया, इतिहास, आदिवासी क्षेत्र से जुड़ी पुस्तकें हैं। इस पब्लिकेशन हाऊस के राजेश गौर ने बताया कि ग्राहकों की मुख्य डिमांड में प्रभा खेतान की उपनिवेश में स्त्री, रेखा कस्तवार की स्त्री चिंतन की चुनौतियां, राजेन्द्र यादव की सारा आकाश, श्री लाल शुक्ल की राग दरबारी, भगवती चरण वर्मा की चित्रलेखा, फणिश्वर नाथ रेणु की मैला आंचल, श्री प्रकाश मिश्र की जो भुला दिए गए, महादेवी वर्मा की सात भूमिकाएं आदि हैं।

Posted By: Inextlive