गोदाम में किताबें पड़ी देख बिफरीं सीडीओ
सीडीओ ने बीएसए कार्यालय का किया निरीक्षण, किताबों का नहीं हुआ वितरण
बीएसए को चेतावनी देकर छोड़ा, पटल सहायक को एडवर्स एंट्री Meerut। जो किताबें प्राइमरी स्कूलों के नौनिहालों के हाथों में होनी चाहिए, वह बीएसए कार्यालय के एक गोदाम में पड़ी हैं। शनिवार को बीएसए कार्यालय में औचक निरीक्षण पर पहुंची सीडीओ आर्यका अखौरी ने जब यह नजारा देखा तो वे सन्न रह गई। सीडीओ ने बीएसए सतेंद्र ढाका को कड़ी चेतावनी दी तो वहीं पटल सहायक को किताबों को स्कूल में न भेजने पर एडवर्स एंट्री दे डाली। कार्यालय में मिलीं किताबेंजनपद के प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को किताबें उपलब्ध न होने की शिकायतें बराबर जनप्रतिनिधियों द्वारा की जा रही थी। जिसका संज्ञान लेते हुए शनिवार को सीडीओ ने बीएसए कार्यालय का निरीक्षण किया। शासन द्वारा वितरण के लिए दी गई किताबें बीएसए कार्यालय में बने एक गोदामनुमा कमरे में पड़ी थीं। पूछे जाने पर बीएसए ने बताया कि किताबें उपलब्ध होने के बाद इसका सत्यापन कमेटी करती है, उसके बाद ही किताबें बीआरसी को भेजी जाती है। इसके बाद बीआरसी द्वारा संबंधित विद्यालयों में किताबों का वितरण कराया जाता है।
नहीं मिले अभिलेखनिरीक्षण के दौरान उपलब्ध किताबों के संबंध में कार्यालय सहायक भारत के पास कोई जानकारी नहीं मिली। जिसके बाद सीडीओ ने लापरवाही एवं उदासीनता के लिए वरिष्ठ सहायक को प्रतिकूल प्रविष्टि देने और उन्हें तत्काल पटल से हटाने के निर्देश बीएसए को दिए। सीडीओ ने बताया कि मेरठ नगर की 10658 मेरठ विकास खंड की 2817, हस्तिनापुर ब्लाक की 7027 और जिला विद्यालय निरीक्षक की 9508 कुल 30010 किताबें बिना वितरण कराए कार्यालय में मिलीं। परियोजना निदेशक भानु प्रताप सिंह इस दौरान मौजूद रहे।