Allahabad : सोना डंप होने से महंगाई बढ़ रही है. ज्वैलरी खरीदने पर रोक नहीं है लेकिन सिक्के ज्यादातर घरों में डंप होकर रह जाते हैं. इसलिए इसकी बिक्री न ही हो तो बेहतर. फाइनेंस मिनिस्टर की कुछ इसी सोच के चलते इस बार धनतेरस के मौके पर गोल्ड क्वाइंस न मिलें तो चौंके नहीं. वैसे बैंक सिर्फ स्टॉक में फंसे गोल्ड क्वाइंस ही बेचेंगे.


सेंट्रल गवर्नमेंट ने लगाई रोक

 दीपावली पर गोल्ड क्वॉइन, बिस्किट या बार परचेज करने की प्लानिंग तो नहीं कर रहे हैं। ऐसा है तो इसे अवॉयड कर दीजिए। क्योंकि, सेंट्रल गवर्नमेंट ने इनकी जमाखोरी से बचने के लिए इन आइटम्स की सेलिंग पर रोक लगा दी है। खुद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इससे रिलेटेड गाइड लाइन जारी कर दी है। इसे देखते हुए ब्रांडेड ज्वैलरी कंपनीज और बैंकों ने भी अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। ऐन फेस्टिवल के मौके पर गवर्नमेंट ने क्यों उठाया ऐसा कदम? इसका मार्केट पर क्या होगा इफेक्ट और क्या कहते हैं एक्सपर्ट? आप भी जानिए

धनतेरस पर लगेगा झटका

धनतेरस के मौके पर सबसे ज्यादा गोल्ड क्वाइन और बिस्किट की सेल होती है। लोग इन्वेस्टमेंट प्वाइंट ऑफ व्यू से इनकी परचेजिंग करते हैं। बट इस बार ऐसा नहीं होगा। ज्वैलरी शॉप्स पर गहने तो मिल जाएंगे लेकिन क्वाइन नहीं मिलने से कस्टमर्स की थिंकिंग और प्लानिंग को झटका लग सकता है। वैसे पिछले सालों का ट्रैक रिकॉर्ड देखा जाए तो धनतेरस के मौके पर हजारों-लाखों की संख्या में क्वाइन सिटी में सेल होते हैं.

शॉप ओनर्स ने खड़े किए हाथ
गवर्नमेंट की गाइड लाइन को फॉलो करते हुए केवल ब्रांडेड ही नहीं बल्कि नॉर्मल ज्वैलरी शॉप्स ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। इनके यहां हल्के मेकिंग चार्जेस पर एक से बढ़कर एक शानदार ज्वैलरी आइटम्स मिल जाएंगे। शॉप ओनर्स बताते हैं कि इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ जाने की वजह से सप्लायर्स उन्हें माल नहीं दे पा रहे हैं इसलिए हम भ्ीा मजबूर हैं। इसके अलावा गवर्नमेंट की गाइड लाइन भी फॉलो करना जरूरी है.

पुराना स्टॉक ही बैंकों में मौजूद
दीपावली के मौके पर ज्वैलरी शॉप ही नही बल्कि  प्राइवेट व सरकारी बैंक भी गोल्ड क्वाइन सेल करते हैं। इस बार उन्हीं बैंकों में क्वॉइन मौजूद है जहां पुराना स्टॉक बचा हुआ है। वह स्टॉक डम्प करके घाटा नहीं उठाना चाहते हैं। एग्जाम्पल के तौर पर आईसीआईसीआई और एसबीआई तो सेलिंग कर रहे हैं लेकिन इलाहाबाद बैंक के पास यह ऑप्शन मौजूद नहीं है। इलाहाबाद बैंक के ऑफिसर कहते हैं कि लास्ट इयर हमने 1700 क्वाइन बेचे थे। इस साल गोल्ड रेट में लगातार होने वाले वैरिएशन को लेकर भी बैंक काफी एलर्ट हैं। उनके पास नया स्टॉक इस साल नहीं आया है.


इसलिए लगाई गई है रोक
इन्वेस्टमेंट के लिहाज से क्वाइन, बिस्किट और बार बेटर ऑप्शन माने जाते हैं। गवर्नमेंट नहीं चाहती कि फेस्टिवल पर लोग इन्हें स्टोर करके गोल्ड इम्पोर्ट को बढ़ावा दें। वैसे भी इम्पोर्ट ड्यूटी में लगातार हो रहे इजाफे ने बिजनेसमैन के कान खड़े कर दिए हैं। गवर्नमेंट ने यह भी शर्त रखी है कि गोल्ड इम्पोर्ट करने वाली कंपनियों को बदले में 20 परसेंट गोल्ड आइटम्स को भी एक्सपोर्ट करना होगा। ऐसे में जो फर्म इम्पोर्ट करती थीं वह पीछे हट गई हैं। इसके बदले में गोल्ड ज्वैलरी बेचने की परमिशन दी गई है। ताकि, फेस्टिवल पर सोने की कम से कम खपत हो और जमाखोरी से राहत मिल सके.


राहत भी मिलेगी
जो बैंक पुराना स्टॉक सेल कर रहे हैं उन्होंने इस बार गोल्ड क्वॉइन पर काफी राहत दे दी है। एसबीआई मेन ब्रांच के ज्वाइंट कस्टोडियन प्रभात कुमार बताते हैं कि लास्ट इयर खुले मार्केट के मुकाबले उनके यहां के सिक्कों के रेट में एक हजार रुपए तक का फर्क था लेकिन इस बार यह घटकर दो से तीन सौ रुपए रह गया है। फिलहाल कस्टमर्स से एक परसेंट ही टैक्स लिया जा रहा है.

सिक्कों की रेट लिस्ट
दो ग्राम- 6411 रुपए
चार ग्राम- 12647 रुपए
पांच ग्राम- 15765 रुपए
आठ ग्राम- 25240 रुपए
दस ग्राम- 31506 रुपए
बीस ग्राम- 65758 रुपए
पचास ग्राम- 156212 रुपए


हो जाइए होशियार
गवर्नमेंट के इस कदम से उन लोगों को नुकसान उठाना पड़ सकता है जिन्होंने हर साल दीपावली पर क्वाइन खरीदने का नियम बना रखा है। अब जबकि गवर्नमेंट सोने के इम्पोर्ट पर रोक लगाने पर आमादा है, ऐसे लोगों को मिलावटी सोना भी मिल सकता है। छोटे ज्वैलरी शॉप गारंटेड सोना नहीं मिलने पर मार्केट में रॉ मॅटिरियल खपाने की कोशिश करेंगे। एक्सपट्र्स का मानना है कि कस्टमर्स भी अवेयर हो जाएं और हॉलमार्क वाली ज्वैलरी या क्वॉइन ही खरीदें.

एक्सपर्ट कमेंट
अगर आप दीपावली पर वेहिकल खरीदते हैं या घर खरीदते हैं तो फ्यूचर में इनकी रिपेयरिंग तो कराएंगे ही। ऐसे में गवर्नमेंट की उत्पादन क्षमता लगातार बरकरार रहेगी। लेकिन, लोगों की ऐसी मानसिकता है वह सोना खरीदकर उसे तिजोरी में सेफ रख देते हैं। उनकी इस हैबिट को ध्यान में रखते हुए गवर्नमेंट ने यह कदम उठाया है। गवर्नमेंट हर हाल में गोल्ड कंजम्प्शन को कम करने में लगी हुई है। ताकि आयात को बढ़ावा मिलने से रोका जा सके। इससे शॉपओनर्स को नुकसान नहीं है बल्कि उन कस्टमर्स को दिक्कत हो सकती है जो दीपावली पर क्वॉइन खरीदने की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें सोच समझकर ही परचेजिंग करनी होगी.
प्रो। एमएम कृष्णा,
इकोनॉमी डिपार्टमेंट, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी

Reported by vineet tiwari

Posted By: Inextlive