-चारबाग और आलमबाग बस अड्डे के सामने बने के foot overbridge को public नहीं करती इस्तेमाल-Divider की रेलिंग को फांद कर सड़क पार करने का लेते हैं risk-Dating और relaxing point बने overbridge


शहर में जगह-जगह बने फुट ओवर ब्रिज सड़क पार करने के काम भले ही ना आ रहे हो लेकिन इन पर पसरे सन्नाटे की वजह से यह जगह प्रेमियों को रास आ रही है। कॉलेज के ब्वायज और गल्र्स के यहां पर आने के कारण इन पुलों पर बुक स्टाल भी खुल गए हैं। इतना ही नहीं जिनकी ट्रेनें लेट होती हैं, उनके लिए यह वेटिंग रूम का काम कर रहा है। तमाम पैसेंजर्स आराम से यहां बैठकर टाइम पास करते हैं।
टाइम पास होता है यहां
सड़क पर लगने वाले जाम और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आलमबाग बस अड्डे के सामने और चारबाग में फुट ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया। लेकिन पैदल चलने वालों को रास्ता रास नहीं आ रहा है। वह मेनरोड की डिवाइडर को पार कर सड़क के उस पार जाना पसंद करते हैं। चारबाग में नत्था होटल से लेकर रवीन्द्रालय के सामने तक डिवाइडर लगाकर उस पर लोहे की रेलिंग लगा दी गई जिससे कि लोग मेनरोड से सड़क ना पार करें और फुट ओवर ब्रिज के माध्यम से ही रोड क्रास करे। इसके बावजूद लोग फुट ओवर ब्रिज से नहीं सड़क पर लगी रेलिंग पर चढ़कर या इसके बीच से निकल कर सड़क पार करते हुए देखे जा सकते हैं। पुल पर लगे जीने कोई भी चढऩा नहीं चाहता। फिर ब्रिज से सड़क पार करने में समय भी बहुत लगता है। लंबा चक्कर काटने के बजाय लोगों को शार्टकट रास आ रहा है। इसी कारण पुल पर सन्नाटा रहता है। लोगों के इस पर ना गुजरने के कारण प्रेमियों की लॉटरी लग गई है। अक्सर जोड़े यहां पर घंटों खड़े रहते हैं। स्टेशन निकट होने के कारण जिन पैसेंजर्स की ट्रेन लेट होती हैं, वह भी यहां टाइम पास करते हैं।
सामान के साथ चढऩा मुश्किल
यह नजारा सिर्फ चारबाग फुट ओवर ब्रिज यहीं नहीं आलमबाग बस अड्डे के निकट बने फुट ब्रिज ओवर का यही हाल है। यहां पर लोग आधी सड़क पार कर घंटों खड़े रहते हैं। फिर काफी देर बाद जगह मिलने पर आगे बढ़ते हैं। इसके चक्कर में यहां पर अक्सर जाम लग जाता है। चारबाग के एक व्यापारी राजू सिंह बताते हैं कि जल्दबाजी के कारण लोग इस ब्रिज का इस्तेमाल नहीं करते। पुल से आने पर रास्ता लंबा पड़ता है। ऐसे में किसी के पास अगर कोई भारी सामान है तब तो लोग इस चढऩा कतई पसंद नहीं करते। ये लोग रिस्क लेकर मेनरोड से सड़क पार करते हैं। बुजुर्ग तो चढऩा ही नहीं चाहते तो यंगस्टर्स को रेलिंग पर चढ़कर फांदना पसंद हैं। इसीलिए इनका कोई यूज नहीं हो रहा है।


चारबाग में फुट ओवर ब्रिज के नीचे से सड़क पार करना गलत है। लोगों को खुद सोचना चाहिए कि फुट ओवर ब्रिज का निर्माण लोगों की सुरक्षा के लिए किया गया है। मेनरोड से सड़क पार करने पर वह दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं। दुर्घटनाएं रोकने और जाम से निपटने के लिए ही फुट ओवर ब्रिज बनवाये गए हैं।
-साधना गोस्वामी
एएसपी ट्रैफिक


जिन स्थानों पर फुट ओवर ब्रिज बनवाए गए हैं, उन स्थानों पर एक्सीडेंट की संभावनाएं बहुत अधिक थी। इन्हें रोकने के लिए ही फुट ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया था। लेकिन जागरुकता के अभाव में लोग इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।
-एसएन त्रिपाठी
चीफ इंजीनियर
एलडीए

Posted By: Inextlive