1757 में आज ही के दिन यानी कि 2 जनवरी को अंग्रेजों ने कलकत्ता पर कब्जा किया था। ब्रिटिश प्रशासक रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में कलकत्ता पर अंग्रेजों ने कब्जा जमाया था।


कानपुर। इतिहास में भारत के लिए आज का दिन बेहद खराब रहा है क्योंकि इसी दिन अंग्रेजों ने  कलकत्ता (अब कोलकाता) पर कब्जा कर लिया था। इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2 जनवरी, 1757 को बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला ने एक संधि के तहत ब्रिटिश प्रशासक रॉबर्ट क्लाइव को कलकत्ता सौंपनी पड़ी थी। राबर्ट क्लाइव को भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का संस्थापक भी माना जाता है। बता दें कि नवाब ने जून 1756 में कलकत्ता पर कब्जा किया था लेकिन वह अफगानों द्वारा हमले के खतरे से अपने सम्राज्य को लेकर काफी चिंतित रहते थे, अंग्रेजों ने इसी बात का फायदा उठाकर कलकत्ता पर अपना कब्जा जमा लिया। सब कुछ चला गया अंग्रजों के हाथ


कलकत्ता पर कब्जे के बाद वहां की सारी संपत्ति, यहां तक किला और धन भी ईस्ट इंडिया कंपनी के हाथों चली गई थी। बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला का असली नाम मिर्जा मोहम्मद था। 1756 में सिराजुद्दौला अपने दादा, अली वर्दी खान की मौत के बाद बंगाल के नवाब बने थे। उनके शासन का अंत ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन की शुरुआत मानी जाती है।मुगल शासन खत्म करने में क्लाइव ने निभाई बड़ी भूमिका

बता दें कि रॉबर्ट क्लाइव पहले ब्रिटिश सेना में एक सैनिक था लेकिन अपनी समझदारी और बुद्धि से उसने बड़ा पद हासिल किया। क्लाइव का जन्म 29 सितम्बर, 1725 को हुआ था। क्लाइव ने अपनी समझदारी और कूटनीति से पूरे भारत को अंग्रेजों का गुलाम बनाने में खास भूमिका निभाई थी। उसने प्लासी और फिर बक्सर जैसे कई बड़े युद्धों को जीतकर भारत में ब्रिटिश शासन स्थापित कर दी थी। भारत में मुगलों का शासन भी समाप्त करने में क्लाइव ने बड़ी भूमिका निभाई।

Posted By: Mukul Kumar