आरटीओ कार्यालय में लाइसेंस काउंटरों पर एजेंट्स संभाल रहे व्यवस्था

सीसीटीवी कैमरों की जद में भी नही आ रहे दलाल

Meerut. आरटीओ कार्यालय में आवेदकों को दलालों के चंगुल से बचाने के लिए भले ही विभाग का लाइसेंस संबंधी सभी काम ऑनलाइन कर दिया गया हो, लेकिन दलालों की आवाजाही पर फर्क नही पड़ रहा है. ऑनलाइन आवेदन के बाद आवेदक के फोटो और बायोमेट्रिक से लेकर ऑनलाइन टेस्ट तक सभी काम दलालों के कब्जे में हैं. हालत यह है कि अपने आवेदक का काम प्राथमिकता से कराने के लिए विभाग में काउंटर्स पर दलालों का कब्जा है. यह काम खुले आम विभाग में चल रहा है. बावजूद इसके आला अधिकारी आंखे बंद करके बैठे हैं.

काउंटर तक घुसपैठ

आरटीओ कार्यालय में सारथी भवन में ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित सभी काम होते हैं. इसमें आवेदकों के बायोमेट्रिक, फोटो और ऑनलाइन टेस्ट के लिए अलग-अलग काउंटर और रूम बने हैं. सारथी भवन के इन काउंटर पर स्मार्ट चिप कंपनी के कर्मचारी समेत एक एक सरकारी कर्मचारी की नियुक्ति है. लेकिन इसके बाद भी इन काउंटर्स पर बाहरी व्यक्तियों व दलालों की अंदर तक घुसपैठ बनी हुई है. काउंटर के अंदर टेबल पर बैठकर दलाल अपने आवेदकों के काम पहले कराते हैं.

यहां भी दलाल

सारथी भवन में ही ऑनलाइन टेस्ट रूम में दलालों का कब्जा है, जिन दलालों के आवेदकों को टेस्ट के लिए बुलाया जाता है. उनको बिना टेस्ट के ही पास कर दिया जाता है. केवल बायोमैट्रिक और फोटो लेकर भेज दिया जाता है.

सीसीटीवी बने शोपीस

सारथी भवन में दलालों की एंट्री पर नजर रखने के लिए विभाग द्वारा सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की गई थी लेकिन आज तक एक भी दलाल इन कैमरों की जद में नही आ पाया है. विभाग के पास इन कैमरों के रिकार्ड तक की व्यवस्था नही है.

स्टाफ को सख्त निर्देश दिए हुए हैं किसी भी दलाल या बाहरी शख्स को काउंटर के अंदर ना आने दे. कई बार दलालों को पकड़ा भी जा चुका है. यदि किसी कर्मचारी की मिलीभगत है तो चेकिंग कर एक्शन लिया जाएगा.

सीएल निगम, आरआई

एजेंट के बिना तो आप घंटो कतार में लगे रहो काम तो हो जाएगा पर टाइम बहुत लगेगा.

सुरेंद्र, आवेदक

हम जब से आए हैं लाइन में लगे हुए हैं बीच बीच में कोई भी एजेंट आकर अंदर केबिन से अपने लोगों के फोटो करा रहा है इससे अधिक टाइम लग रहा है.

एजाज, आवेदक

लाइसेंस के लिए आवेदन किया था लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया के चलते अब एजेंट से ही बनवाना पड़ता है. इतने सारे सवाल हैं कि समझ नही आता क्या क्या करें.

शेखर, आवेदक

Posted By: Lekhchand Singh