बसपा सुप्रीमो मायावती ने भारत बंद के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की है। एेसा न होने पर उन्होंने समर्थन वापस लेने की चेतावनी भी दी है।


lucknow@inext.co.inLUCKNOW: बसपा सुप्रीमो मायावती ने विगत दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान निर्दोष लोगों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में नई बनी कांग्रेसी सरकारों ने अगर इस बाबत उचित कार्यवाही नहीं शुरू की तो बसपा को उनको बाहर से समर्थन देने के मामले में पुनर्विचार करना पड़ सकता है।  साथ ही मध्यप्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ आदि में कांग्रेस की नई सरकारों को बीजेपी की तरह ही किसानों व बेरोजगारों आदि से वादाखिलाफी नहीं करना चाहिये। उन्होंने कहा कि नये वर्ष में लोकसभा आमचुनाव से पहले कांग्रेस को यह चेतावनी इसलिये भी देना जरूरी है क्योंकि अब केवल घोषणाओं आदि से काम चलने वाला नहीं है। लोगों का मानना है कि कागजी घोषणाओं के मामले मे बीजेपी व कांग्रेस दोनों ही एक ही थाली के चट्टे-बट्टे रहे हैं।पुलिसकर्मियों की हत्या के लिए भाजपा जिम्मेदार
मायावती ने कहा कि यूपी में आम जनता ही नहीं बल्कि कानून के रखवालों के भी जान के लाले पडऩे लगे है। हाल ही में बुलंदशहर व गाजीपुर में पुलिसकर्मियों की मौत इसका उदाहरण है। इसके लिये कोई पेशेवर अपराधी व माफिया नहीं बल्कि बीजेपी आदि के सफेदपोश लोग ज्यादा जिम्मेदार हैं जो लोगों को हर प्रकार की अराजकता के लिये उकसाते रहते हैं और अपनी संकीर्ण राजनीतिक रोटी सेंकते रहने का अनुचित प्रयास करते रहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को अपना अडिय़ल व्यवहार त्यागकर 'तीन तलाक विधेयक-2018 को पहले 'संयुक्त संसदीय प्रवर समित' के पास विचार के लिए भेजे जाने की समूचे विपक्ष की मांग को स्वीकार कर लेना चाहिये। वहीं आम जनता, सैनिकों, पुलिसकर्मियों आदि को नववर्ष की बधाई देते हुए कहा कि वे इस चुनावी वर्ष में 2014 की गलती नहीं करें ताकि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा जबर्दस्ती थोपे गये अनेकों प्रकार के भयावह संकट समाप्त हो सके और जनहित, जनकल्याण व व्यापक देशहित में काम करने के लिये फिर सही सरकार केंद्र में आ सके।

मायावती इन दो मामलों का उदाहरण देते हुए बोलीं, प्रदेश में अपराधी बेखौफ

Posted By: Shweta Mishra