बजट ने इंडस्ट्री की उम्मीदों पर फेरा पानी
- एमएसएमई से लेकर बजट से निराश हुए बडे़ इंडस्ट्रीलिस्ट
Meerut । आम बजट ने उद्यमियों को निराश किया। बात सिर्फ उद्यमी की नहीं, छोटे व मध्यम वर्ग के व्यापारियों को भी इस बजट से कुछ राहत नही मिली। वहीं मेरठ के लिए एयरपोर्ट, मेगा फूड पार्क, एग्जीबिशन सेंटर, आईटी पार्क आदि की घोषणा न होने से उद्योगपति निराश हुए। 2 प्रतिशत छूट स्वागतआम बजट में एमएसएमई के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन बजट की आस में बैठे मेरठ के इंडस्ट्रलिस्ट को एक बार फिर बजट से निराशा हाथ लगी है। जैसा की उम्मीद की जा रही थी कि स्माल सेक्टर के उद्यमियों को उभारने के लिए निर्माण सेक्टर में अलग से एक खास बजट दिया जाएगा, ऐसी किसी प्रकार की घोषणा इस बजट में नही की गई। बजट न मिलने से आईटी पार्क, मेगा फूड पार्क, एग्जीविशन सेंटर, एमएसएमई यूनिट लीज से फ्री होल्ड की मांग, जैम पोर्टल पर भुगतान, मशीनों के अपडेटेश्न तक की उम्मीद पर पानी फिर गया है। इसके अलावा उद्योग पतियों ने एमएसएमई लोन पर 2 प्रतिशत की छूट और 59 मिनट में लोन की घोषणा स्वागत किया है लेकिन इसका आधारभूत तरीके से लागू करने की जरुरत बताया। इस बजट से मेरठ की इंडस्ट्रीज को जो गति मिलने की उम्मीद थी वह अधूरी रही है।
कोटस- एमएसएमई के विकास के लिए कोई डायरेक्ट घोषणा नही की गई। जो उम्मीद थी कि एमएसएमई के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन बजट मिलेगा लेकिन बजट नही मिला। केवल एमएसएमई को लोन में 2 प्रतिशत की छूट दी गई है वह स्वागत योग्य है। - पंकज गुप्ता, आईआईए अध्यक्ष मेरठ में एक्सप्रेस वे प्रस्तावित है जिस पर कई सालों से हम लोग एग्जीबिशन सेंटर की मांग कर रहे हैं। इस सेंटर में मेरठ में बनने वाले उत्पादों का डिस्पले देने से यहां के उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। उम्मीद थी कि इस प्रकार के सेंटर के लिए कुछ घोषणा होगी लेकिन नही हुआ। - निपुण जैन, चेयरमेन एक्स्पोर्ट कमेटी आईआईए 59 मिनट में 1 करोड़ का लोन पिछली बार भी डिक्लेयर हुआ था इसको सैद्धांतिक रुप से स्वीकृति मिली थी, लेकिन इसके बाद भी लोन पास होने में बैंक कई कई माह का समय लगा देते हैं यह प्रैक्टिकली सफल हो तब इसका फायदा मिले.- - अंकित सिंघल, सचिव आईआईएमेरठ इंडस्ट्रीज के एक्सपोर्ट को बेहतर बनाने के लिए उद्यमी काफी समय से मांग कर रहे हैं लेकिन यह मांग इस बार भी अधूरी रही। एक्सपोर्ट के लिए कोई घोषणा नही की गई। एयर कनेक्टीविटी में मेरठ फिर खाली रहा।
- अतुल भूषण गुप्ता, डिवीजनल चेयरमेन आईआईए एमएसएमई की लेबर रिफार्म के 44 नियमों की बजाए अब 4 नियम निर्धारित किए गए हैं। यह स्वागत योग्य है। लेकिन आज भी लेबर ऑनलाइन पेमेंट के बजाए कैश पैसा लेना पसंद करती है। ऐसे में इंडस्ट्रीज के लिए सभी प्रकार के लेन देन को ऑनलाइन करने की मंशा से उद्योगपतियों को लाभ नही मिलेगा। - अनुराग अग्रवाल