415 करोड़ रुपए का रिवाइज एस्टीमेट भेजा इनर रिंग रोड के लिए

महत्वपूर्ण परियोजना पर शासन की फंडिंग के बाद आरंभ हो सकेगा निर्माण कार्य

लगातार टल रही परियोजना पर जनप्रतिनिधियों की कमजोर पैरवी पड़ रही भारी

Meerut। मेरठ की महत्वपूर्ण इनर रिंग रोड परियोजना को लेकर उहापोह की स्थिति बरकरार है। कमिश्नर अनीता सी मेश्राम के निर्देश के बाद पीडब्ल्यूडी ने एक बार फिर रिवाइज एस्टीमेट शासन को भेज दिया है। करीब 10.950 किमी लंबी और 45 चौड़ी सड़क के निर्माण के लिए 415 करोड़ रुपए का संशोधित एस्टीमेट सरकार को भेजा गया है।

प्रोजेक्ट को मिलेगी संजीवनी

मेरठ में ट्रैफिक के लिए महत्वपूर्ण इनर रिंग रोड परियोजना पर लंबे समय से आशंकाओं के बादल छाए हुए हैं। पीडब्ल्यूडी द्वारा बजट का रोना रोते हुए परियोजना से पूर्व में हाथ खींच लिए गए तो वहीं सरकार की सख्ती के बाद एक बार फिर एक साल बाद रिवाइज एस्टीमेट मुख्यालय को भेजा गया है। गौरतलब है कि पूर्व सपा कार्यकाल के दौरान इस परियोजना को मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा बनाया जाना था जिसे बाद में योगी सरकार ने पीडब्ल्यूडी को सौंप दिया। फिलहाल रिवाइज एस्टीमेट से दम तोड़ रहे प्रोजेक्ट को संजीवनी मिली है।

एक नजर में

10.950 किमी-इनर रिंग रोड की कुल लंबाई

5.450 किमी-निर्माण के लिए सड़क की लंबाई

5.550 किमी-पूर्व में निर्मित सड़क, जिसकी सुदृढीकरण करना है

45 मीटर-सड़क की चौड़ाई

4-लेन

कमजोर पैरवी का खामियाजा

इनर रिंग रोड को लेकर मेरठ की ओर से कमजोर पैरवी हमेशा शासन में आड़े आई है। इस बार भी जनप्रतिनिधियों को लेकर सख्त पैरवी न करने से प्रोजेक्ट का दोबारा एस्टीमेट बनाने की नौबत आ गई। जबकि इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार को मौजूदा वित्तीय वर्ष में फंड रिलीज करना था। इनर रिंग रोड परियोजना केंद्र और राज्य सरकार की प्राथमिकता में महज सियासी मंच तक की शामिल है। लगातार हीलाहवाली का नतीजा यह है कि शहर की सड़कों पर जाम लग रहा है तो वहीं रिंग रोड के न होने से आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं।

इनर रिंग रोड परियोजना के लिए 415 करोड़ रुपए का रिवाइज एस्टीमेट मुख्यालय को भेजा गया है। प्रोजेक्ट को लेकर पूर्व में भी एस्टीमेट भेजा गया था जिसे अवधि बीत जाने के बाद निरस्त कर दिया गया था।

प्रताप सिंह, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी, मेरठ

मेरठ के विकास के लिए इनर रिंग परियोजना बेहद महत्वपूर्ण है। लंबे समय से इस योजना के लिए सरकार में पैरवी की जा रही है। लोकसभा चुनाव की अधिसूचना से पहले इस प्रोजेक्ट को सरकार से अप्रूव कराकर फंड रिलीज कराने का प्रयास किया जाएगा।

राजेंद्र अग्रवाल, सांसद, मेरठ

Posted By: Inextlive