- 'बजट संहिता' पुस्तिका के विमोचन मौके पर स्टेट के फाइनांस मिनिस्टर विजेन्द्र यादव ने कहा

PATNA: बिहार सरकार बजट निर्माण की प्रक्रिया बदलने जा रही है। इसकी निर्माण प्रक्रिया की विसंगतियां दूर की जाएंगी। इसे दायित्वपूर्ण बनाया जाएगा। बजट निर्माण की प्रक्रिया का नियम आजादी के तत्काल बाद क्9भ्फ् में बना था। नए परिप्रेक्ष्य में इसमें बदलाव जरूरी है। ये कहा फाइनांस मिनिस्टर विजेन्द्र यादव ने। वे गुरुवार को जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान में रिसर्च फेलो डॉ वीणा सिंह की पुस्तिका 'बजट संहिता' के विमोचन समारोह में बोल रहे थे।

लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे

विजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि बजट सरकार की दृष्टि का आईना है। यह अर्थव्यस्था का एक अंग है। इससे सरकार की नीयत का भी पता चलता है। लोक कल्याणकारी राज्य के बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर होना चाहिए। विकास का लाभ समाज के अंतिम पायदान पर खड़े आदमी तक पहुंचना चाहिए। बजट वार्षिक लेखा-जोखा से ज्यादा एक पॉलिटिकल डॉक्यूमेंट है। यह आर्थिक नीतियों का औजार है। एक निश्चित अवधि के लिए प्राप्ति एवं व्यय के साथ-साथ यह सरकार की नीति-दृष्टि को भी बखूबी प्रतिबिंबित करता है। ये बातें वित्तीय मामलों के विशेषज्ञों ने कही।

जेंडर बजट भी जरूरी

राज्य योजना पर्षद् के सदस्य एस। गुलरेज होदा ने कहा कि जैसे एजुकेशन डिपार्टमेंट का बजट कुल बजट का ख्0 परसेंट है तो इससे पता चलता है कि स्टेट गवर्नमेंट एजुकेशन को प्राथमिकता में रख रही है। जेंडर बजट भी जरूरी है ताकि महिलाओं के लिए कल्याणकारी योजनाएं भी प्राथमिकता में आ सके। उन्होंने कहा कि बजट एकाउटिंग से ज्यादा पॉलिटिकल डॉक्यूमेंट है और इसे ऐसा होना भी चाहिए।

छोटी पुस्तकों का प्रकाशन हो

बजट सलाहकार तिलक राज गौरी ने बजट को परिभाषित करते हुए कहा कि यह एक निश्चित अवधि के लिए प्राप्ति और व्यय का अनुमान है। यह शब्द क्77फ् से प्रचलन में है। संस्थान के डायरेक्टर श्रीकांत ने कहा कि हमारी योजना है कि सरल भाषा में छोटी-छोटी पुस्तकों का लेखन और प्रकाशन लगातार हो, जो आम पाठक तक सस्ती कीमत में पहुंच सके। सीनियर जर्नलिस्ट जुगनू शारदेय ने भी अपने विचार व्यक्तकिए। अवसर पर विधान पार्षद डॉ रामवचन राय, कथाकार शेखर, पत्रकार हेमंत कुमार आदि मौजूद रहे। संचालन डॉ। मनोरमा सिंह और धन्यवाद ज्ञापन अरुण कुमार सिंह ने किया।

Posted By: Inextlive