देहरादून: विधानसभा में सरकार ने 13 विभागों का बजट प्रस्तुत करते हुए इन विभागों का रोडमैप सदन में रखा। वहीं, विपक्ष ने सरकार का ध्यान इन विभागों की कमियों की ओर इंगित कराया और इनमें सुधार का सुझाव दिया।

गुरुवार को सदन में विभागीय मांगें प्रस्तुत की गई। निर्वाचन विभाग और वित्त, कर, नियोजन, सचिवालय व अन्य भत्ते की अनुदान मांगें सर्वसम्मति से पारित की गई। आबकारी विभाग, सहकारिता, सिंचाई, पर्यटन विभाग, पेयजल, कृषि, परिवहन, समाज कल्याण, पशुपालन व श्रम एवं रोजगार विभाग की अनुदान मांगों पर विपक्ष ने कटौती प्रस्ताव प्रस्तुत किए। इस दौरान उन्होंने इन सभी विभागों में सामने आ रही समस्याओं को उठाते हुए सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया। इस दौरान विपक्ष ने अवैध शराब की बिक्री, केदारनाथ पुननिर्माण, प्रदेश के नए पर्यटन स्थलों, कृषि योजनाओं, पेयजल की किल्लत, पंपिंग योजनाओं, ट्यूबवेल में गिरते जलस्तर, जानवरों को पालने में आ रही दिक्कतों व श्रमिक समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया।

इससे पूर्व उत्तराखंड लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गाें के लिए आरक्षण) विधेयक और उत्तराखंड (संयुक्त प्रांत आबकारी अधिनियम 1910) (संशोधन) विधेयक सदन में पेश किए गए। इसके अलावा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और उत्तराखंड अनुसूचित जनजाति आयोग के वार्षिक प्रतिवेदन भी सदन के पटल पर रखे गए। भोजनावकाश के बाद सोसायटी रजिस्ट्रेशन (उत्तराखंड संशोधन) विधेयक और उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959) (संशोधन) विधेयक पारित किया गया।

इन विभागों का बजट हुआ पारित

- निर्वाचन - 1289262 हजार रुपये

- वित्त, कर, नियोजन - 94711108 हजार रुपये

- आबकारी - 296339 हजार रुपये

- सहकारिता - 1828571 हजार रुपये

- सिंचाई - 9978462 हजार रुपये

- पर्यटन - 2007523 हजार रुपये

- पेयजल - 17400796 हजार रुपये

- कृषि - 11654060 हजार रुपये

- परिवहन - 2582111 हजार रुपये

- समाज कल्याण- 14059740 हजार रुपये

- अनुसूचित-जनजाति कल्याण - 4699309 हार रुपये

- पशुपालन - 3508307 हजार रुपये

- श्रम एवं रोजगार - 4020294 हजार रुपये

Posted By: Inextlive