- अब प्राइवेट डेवलपर्स ईडब्ल्यूएस, एलआईजी फ्लैट्स बनाने की बजाए जमा कर रहे हैं शेल्टर फीस

-पहले पास हुए मैप, लेआउट भी रिवाइज कराने में लगे डेवलपर्स

- प्राइवेट डेवलपर्स के शानदार प्रोजेक्ट्स में ईडब्ल्यूएस, एलआईजी प्लैट्स पाने का लोगो का सपना टूटा

vishnu.tiwari/

KANPUR: प्राइवेट डेवलपर्स की शानदार हाउसिंग स्कीम में 650 से कम लोगो को ही ईडब्ल्यूएस,एलआईजी फ्लैट्स मिल जाएंगे। इसके बाद अधिक उम्मीद न कीजिएगा, क्योंकि प्राइवेट डेवलपर्स अपने आलीशान ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में ईडब्ल्यूएस, एलआईजी फ्लैट बनाने से किनारा काट लिया। अब ग्रुप हाउसिंग के जो भी मैप पास हो रहे हैं। उन सभी ईडब्ल्यूएस, एलआईजी फ्लैट्स बनाने की बजाए शेल्टर फीस जमा करने को बिल्डर तवज्जों दे रहे है। यही नहीं ईडब्ल्यूएस, एलआईजी यूनिट्स के साथ मैप, लेआउट पास कराने वाले शासनादेश का फायदा उठाकर शेल्टर फीस जमा करके रिवाइज मैप केडीए से पास करा रहे हैं।

केडीए-बिल्डर्स की करतूत से नहीं मिला फायदा

26 सितंबर, 2011 को जारी शासनादेश में 3000 स्क्वॉयर मीटर से अधिक एरिया वाले प्राइवेट डेवलपर्स के हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में टोटल हाउसिंग यूनिट्स के 10 परसेंट ईडब्ल्यूएस और 10 परसेंट एलआईजी यूनिट बनाना

कंपलसरी कर दिया गया था। जिसके बाद लोगो में उम्मीद जगी थी कि प्राइवेट डेवलपर्स की शानदार प्रोजेक्ट्स में उन्हें भी कम कीमतों में ईडब्ल्यूएस, एलआईजी फ्लैट मिलेंगे, लेकिन शासनादेश के बावजूद भी केडीए की लापरवाही से इसका फायदा लोगों को नहीं मिला।

मिलकर डकार गए गरीबों के फ्लैट्स

केडीए ऑफिसर्स की मिलीभगत से वे ईडब्ल्यूएस, एलआईजी फ्लैट्स तैयार किए बगैर ही अपने शानदार ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स बनाने में कामयाब हो गए हैं। अभी तक केडीए केवल 5 प्राइवेट डेवलपर्स के हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में ईडब्ल्यूएस, एलआईजी फ्लैट तैयार कराने में कामयाब हो सका है। हालांकि इस बीच एक दर्जन के करीब ग्रुप हाउसिंग के प्रोजेक्ट पास हुए, लेकिन केडीए ऑफिसर्स और बिल्डर्स से मिलीभगत ने ऐसा कारनामा कि पांच के अलावा अन्य किसी में ईडब्ल्यूएस, एलआईजी फ्लैट ही नहीं बनाए गए। मामला पकड़ में आने पर केडीए इनसे पेनॉल्टी वसूलने की कार्रवाई जरूर कर रहा है। जिन पांच हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में ईडब्ल्यूएस, एलआईजी फ्लैट्स बनाए जा रहे हैं, उनमें ऐसे फ्लैट्स की टोटल संख्या 622 के करीब है। इनमें से 565 फ्लैट को एलॉटमेंट करने की योजना लांच कर सका है।

डेवलपर्स को मिला बचने का रास्ता

सिंतबर,2011 में 10-10 परसेंट ईडब्ल्यूएस, एलआईजी यूनिट्स बनाए जाने का शासनादेश जारी होने के बाद ही विरोध शुरू हो गया था। बिल्डर्स और डेवलपर्स के विरोध के बावजूद शासनादेश वापस तो नहीं हुआ। अलबत्ता 5 दिसंबर, 2013 को जारी हुए शासनादेश ने प्राइवेट डेवलपर्स ईडब्ल्यूएस, एलआईजी हाउसिंग यूनिट्स बनाने से बचने का रास्ता जरूर दे दिया। इस शासनादेश में 10-10 परसेंट ईडब्ल्यूएस, एलआईजी हाउसिंग यूनिट्स ने बनाने वालों प्राइवेट बिल्डर्स को इसकी एवज में संबंधित डेवलपमेंट अथॉरिटी में शेल्टर फीस जमा करने का आप्शन दे दिया गया। इसी शासनादेश का अब प्राइवेट डेवलपर्स फायदा उठा रहे है।

ईडब्ल्यूएस, एलआईजी यूनिट्स को बाय-बाय

दिसंबर 2013 में जारी शासनादेश के बाद अब 3000 स्क्वॉयर मीटर से अधिक एरिया और 4 हेक्टेयर से कम एरिया के हाउसिंग स्कीम के जो भी मैप, लेआउट पास हो रहे, उनमें डेवलपर्स ईडब्ल्यूएस, एलआईजी यूनिट्स की बजाए शेल्टर फीस को तरजीह दे रहे हैं। यही नहीं दिसंबर 2013 से पहले मैप, लेआउट पास कराने वाले डेवलपर ईडब्ल्यूएस, एलआईजी यूनिट बनाने से बचने के लिए मैप लेआउट रिवाइज करा रहे है। केडीए के टाउन प्लानर आशीष शिवपुरी ने बताया कि दिसंबर,2013 से अभी तक 3000 स्क्वॉयर मीटर से अधिक 4 हेक्टेयर से कम एरिया वाले ग्रुप हाउसिंग के 7-8 मैप, लेआउट पास किए गए है। संभवत: इन सभी हाउसिंग प्रोजेक्ट में प्राइवेट डेवलपर्स ईडब्ल्यूएस, एलआईजी यूनिट्स की बनाने के बदले शेल्टर फीस जमा करने का विकल्प अपनाया है।

-दिसंबर, 2013 को जारी हुए शासनादेश में 3000 स्क्वॉयर मीटर से अधिक और 4 हेक्टेयर से कम की हाउसिंग स्कीम्स ईडब्ल्यूएस, एलआईजी हाउसिंग यूनिट्स के अलावा शेल्टर फीस जमा करने का डेवलपर्स को आप्शन दिया गया है। इसी के तहत शेल्टर फीस जमा कराई जा रही है। इस शेल्टर फीस की धनराशि केडीए ईडब्ल्यूएस, एलआईजी मकान बनवाएगा। 4 हेक्टेयर से अधिक एरिया वाली हाउसिंग स्कीम के डेवलपर को ईडब्ल्यूएस,एलआईजी हाउसिंग यूनिट्स बनानी ही पड़ेगी- स्वराज गांगुली, चीफ टाउन प्लानर, केडीए

ईडब्ल्यूएस, एलआईजी की बजाए शेल्टर फीस का ऑप्शन चुना

डेवलपर्स-प्रोजेक्ट एरिया- शेल्टर फीस

क्- गैलेक्सी इस्टेट डेवलपर्स- सिंहपुर कछार- फ्क्.79 लाख रुपए शेल्टर फीस जमा की

ख्- अजय कुमार, नरेश कुमार द्विवेदी- बारासिरोही- ब्क्.भ्8 लाख रुपए शेल्टर फीस जमा की

फ्- आईकॉन डेवलपर्स- जूही कला- क्ख् ईडब्ल्यूएस,एलआईजी यूनिट के बदले शेल्टर फीस जमा करने का अनुरोध।

ब्- शरद अग्रवाल- बारासिरोही- ब्म्.08 लाख रुपए शेल्टर फीस जमा की।

भ्-एआर सिटी डेवलपर्स- विनायकपुर- ख्8.0भ् लाख शेल्टर फीस जमा की

Posted By: Inextlive