बुलंदशहर कांड : अब एसआईटी देगी हर सवाल का जवाब, डीजीपी मुख्यालय ने साधी चुप्पी
lucknow@inext.co.in
LUCKNOW: मंगलवार दोपहर डीजीपी मुख्यालय में मीडिया ने घटना को लेकर कुछ सवाल पूछने की कोशिश की तो डीजीपी ओपी सिंह मुंह फेर कर चले गये। इसके बाद मीडिया को ब्रीफ करने आए एडीजी एलओ आनंद कुमार ने घटना को लेकर दर्ज दो मुकदमों और गिरफ्तारियों की जानकारी तो दी पर बाकी सवालों पर उन्होंने कहा कि इसका जवाब एसआईटी देगी।
हमारे लिए इंस्पेक्टर शहीद
हालांकि पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि भीड़ के हमले में मारे गये इंस्पेक्टर सुबोध सिंह को शहीद का दर्जा दिया जाएगा कि नहीं, एडीजी ने कहा कि वह हमारे लिए शहीद ही हैं। उनके शव को पूरे राजकीय सम्मान के साथ गृह जनपद भेजा गया है। उन्होंने बताया कि भीड़ ने पहले चौकी पर हमला बोला जिसमें इंस्पेक्टर के सिर पर किसी नुकीली वस्तु से चोट लग गयी। उन्हें बाकी पुलिसकर्मियों ने किसी तरह वाहन में लादकर अस्पताल ले जाने की कोशिश की तो कुछ दूरी पर कुछ युवकों ने उन्हें फिर घेर लिया और संभवत: उसी दौरान उन्हें गोली मारी गयी। उन्होंने कहा कि बुलंदशहर में हुए उपद्रव के तमाम वीडियो का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है ताकि हमलावरों को चिन्हित किया जा सके।
किसी संगठन का नाम नहीं लेंगे
इंस्पेक्टर पर हमला करने वाले युवक किस संगठन से ताल्लुक रखते थे, यह पूछे जाने पर एडीजी ने कहा कि फिलहाल किसी भी संगठन का नाम लेना उचित नहीं है। एसआईटी की जांच में इसका उल्लेख हो सकता है। घटना शुरू होने के बाद स्याना पुलिस द्वारा अतिरिक्त फोर्स मांगे जाने पर बोले कि यह पहलू भी एसआईटी जांच में शामिल है। उन्होंने बताया कि स्थानीय युवक सुमित की गोली लगने से मौत की पुष्टि हो गयी है। उसके शव से निकली गोली को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि यह पता चल सके कि वह किस बोर की है।
गोकशी में गिरफ्तारी नहीं
वहीं बुलंदशहर में गोकशी को लेकर बजरंग दल के नेता योगेश राज द्वारा दर्ज कराए गये मुकदमे में फिलहाल किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। एडीजी ने कहा कि इस मामले की जांच भी एसआईटी करेगी। वहीं इंस्पेक्टर की हत्या में नामजद योगेश की गिरफ्तारी से उन्होंने इंकार कर दिया। उन्होंने बताया कि अब तक नामजद हुए चमन, रामबल, आशीष चौहान और सतीश को गिरफ्तार किया गया है। बाकियों की तलाश में पुलिस की छह टीमें लगातार दबिश दे रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस की कोशिश है कि किसी निर्दोष को इस मामले में गिरफ्तार नहीं किया जाए।