बस डिपो निर्माण से पहले ही डिपो की सफाई का टेंडर देने से उठे सवाल

निर्माणधीन बस अड्डे पर गंदगी का अंबार

Meerut। भैंसाली बस डिपो पर बीते डेढ़ साल से नवीनीकरण का काम चल रहा है। बस डिपो को तोड़कर आधुनिक बस अड्डा तैयार हो रहा है। ऐसे में सालभर से अधिक समय से जारी निर्माण कार्य के कारण बस डिपो पर जगह जगह अव्यवस्थाएं व गंदगी आम सी बात है, लेकिन इस बीच बस डिपो निर्माण से पहले ही डिपो की सफाई का टेंडर दे दिया गया। आनन फानन में हुए इस टेंडर की बिड भी गत वर्ष के टेंडर से काफी कम रखी गई। जिस कारण से टेंडर में घोटाले की संभावना जताई जा रही है। इस बाबत आरएम नीरज सक्सेना ने बताया कि सफाई का टेंडर पूर्व आरएम के समय में हुआ है इसकी जानकारी नही है यदि नियम से काम नही हो रहा है तो टेंडर निरस्त होगा।

नियमों की अनदेखी

दरअसल टेंडर के तहत पूरे रोडवेज परिसर समेत कार्यालय की सफाई के लिए तीन माह पहले विज्ञापन के माध्यम से आमंत्रण जारी किया गया था। इस आमंत्रण में कई शर्तो को रोडवेज परिसर की सफाई के टेंडर में शामिल किया गया था। लेकिन शिकायत की गई कि गत माह टेंडर स्वीकृत होने के बाद भी संबंधित एजेंसी एक भी शर्त के अनुसार काम नही कर रही है।

एमडी रोडवेज से शिकायत

इस संबंध में रोडवेज के ही कर्मचारियों ने एमडी रोडवेज से टेंडर के अनुसार परिसर की साफ सफाई को अनदेखा करने की शिकायत करते हुए टेंडर की जांच की मांग की है।

ये थी टेंडर की शर्ते

तीन शिफ्ट में होनी है बस डिपो परिसर की सफाई

सुबह 6 से 2, दोपहर 2 से 10 बजे और रात 10 से सुबह 6 बजे

परिसर की सफाई के लिए 8 कर्मचारियों की नियुक्ति

सफाई कर्मचारियों की तैनाती स्लेटी रंग की वर्दी समेत वर्दी पर एजेंसी के नाम की प्लेट लगी हो

रोडवेज परिसर समेत यात्री शेड, वेटिंग हॉल, ऑफिस फ्रंट की सफाई शामिल

कहां हो रही सफाई

सूत्रों की मानें तो पूर्व आरएम स्तर पर यह 49 हजार रुपए प्रतिमाह भुगतान पर जगदीश नाम की एजेंसी को यह टेंडर दिया गया है। परिसर की सफाई के लिए हर माह रोडवेज 49 हजार रुपए का भुगतान एजेंसी को करेगा। परिसर में अभी निर्माण कार्य चल रहा जोकि अगले छह माह तक भी पूरा होने की संभावना नही है ऐसे में किसी भी स्तर पर इन नियमों के अनुसार सफाई नही हो रही है। पूरे परिसर में कहीं भी वर्दीधारी सफाई कर्मचारी अभी तैनात नही हैं। परिसर में कूडे़दान तो दूर कूड़ा उठाने तक की व्यवस्था नही है। परिसर में जगह -जगह मिट्टी व कीचड़ का जमावड़ा है ऐसे में बरसात में बस डिपो में पैदल चलना तक दूभर हो जाता है। तो सफाई व्यवस्था किन स्तर पर हो रही है।

पहले भी हुआ था सफाई में घोटाला

गत वर्ष जनवरी माह में भैंसाली डिपो को तोड़ने का काम शुरु किया गया था। तब कार्यरत सफाई एजेंसी द्वारा भी प्रति माह सफाई के नाम पर 53 हजार रुपए प्रतिमाह का भुगतान किया जा रहा था। जबकि परिसर में जगह जगह मलबा और गंदगी के चलते कई कई सप्ताह तक सफाई नही हो रही थी। हालांकि इसकी शिकायत के बाद भी टेंडर का हवाला देकर प्रति माह भुगतान जारी रहा था अब दोबारा भी इसी प्रकार टेंडर अधूरे बस अडडे पर जारी कर दिया गया है।

Posted By: Inextlive