- कांशीराम से लेकर बाबा अंबेडकर नहीं बिके पोस्टर

- महात्मा बुध और शाहू जी महाराज पर सिर्फ उड़ती रही धूल

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Meerut : घोसीपुर के मैदान में जोर-जोर से बीएसपी के नेता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर, छत्रपति शाहूजी महाराज, कांशीराम और पार्टी सुप्रीमों के नारे लगाए रहे थे। वहीं पब्लिक भी उन नारों के समर्थन में काफी जोश दिखा रही थी, लेकिन बाहर इन्हीं महापुरुषों और खुद मायावती का कोई खरीदार नहीं था। बाहर गाडि़यों से उड़ रही धूल उन पर पड़ रही थी। आगे की कहानी, पोस्टर्स बेच रहे त्रिलोक की जुबानी

दस पोस्टर ही बिके

मैं रैली शुरू होने के दो घंटे पहले ही आ गया था। लोग आने शुरू हो गए थे। मैंने गेट के बाहर इसलिए फड़ लगाया था, ताकि पब्लिक आसानी के साथ बहनजी तथा अन्य लोकप्रिय नेताओं व महापुरुषों के पोस्टर आसानी के साथ खरीद सके। लेकिन अंदर जाते वक्त किसी ने भी इन पर गौर नहीं किया। देख लीजिए, सुबह 9 से दोपहर दो बजे तक कांशीराम का सिर्फ एक पोस्टर ही बिका था। वो भी दस रुपए का। किसी ने मायावती का पोस्टर नहीं खरीदा। जब लोग वापस गए तो पटरी के आगे भीड़ भी जमा हुई, लेकिन 9भ् फीसदी लोगों ने सिर्फ पोस्टरों को निहारा और भ् फीसदी ने दाम पूछे। शाम फ् बजे तक क्0 ही पोस्टर बिके।

नहीं बिके रविदास और शाहू जी

मैं कांशीराम, भीमराव अंबेडकर, संत रविदास, महात्मा बुद्ध, छत्रपति शाहूजी, महाराज ज्योतिबाफूले और मायावती के ब्0-ब्0 पोस्टर लेकर आया था। संत रविदास, महात्मा बुद्ध, छत्रपति शाहूजी महाराज, ज्योतिबाफूले का एक भी पोस्टर नहीं बिका। बाकी लोगों के पोस्टर से ज्यादा नहीं बिके। जिस तरह मैं जयजयकार सुन रहा था मुझे लग रहा था कि सभी पोस्टर बिक जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

सबसे महंगी मायावती

बुलंदशहर से आकर रजपुरा में रह रहा हूं। यही काम करता हूं। एक मायावती के पोस्टर को छोड़कर सभी पोस्टर क्0-क्0 रुपए के हैं। जबकि मायावती का पोस्टर ख्0 रुपए का है। मायावती का पोस्टर इसलिए महंगा है कि उनका पोस्टर बाकी लोगों से बड़ा है। मुझे तो यहां पटरी ही लगाना महंगा पड़ गया। क्योंकि जितना मेरा किराया और समय लगा उतना कारोबार ही नहीं हो सका।

Posted By: Inextlive