साॅफ्टवेयर टेंपरिंग कर पेट्रेल पंपों पर हो हो रही चोरी पकड़ी गई तो 51 पंप सील कर दिए गए। बांट माप विभाग ने शासन को रिपोर्ट भेजी और एसटीएफ को जांच सौंपी गई।


lucknow@inext.co.inLUCKNOW : सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ करके पेट्रोल पंपों में पेट्रोल चोरी की जा रही है। हापुड़ में मामला सामने आने के बाद राजधानी सहित प्रदेश भर में हाईटेक चोरी से हड़कंप मच गया है। बांट और माप विभाग को पेट्रोल और डीजल चोरी का ये खेल लखनऊ, बाराबंकी, मुजफ्फरनगर सहित अन्य कई जिलों में चलने की जानकारी मिली है। फिलहाल इस पूरे मामले की रिपोर्ट बाट माप नियंत्रक सुनील कुमार वर्मा ने शासन को भेज दी है। मामले की जांच एसटीएफ को भी सौंप दी गई है। साथ ही बाट माप विभाग और आईओसी, एचपी के अधिकारियों, आईटी व लीगल सेल की टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें राजधानी समेत, बाराबंकी और आसपास के इलाकों के पेट्रोल पंपों में जांच करेंगी।बनाई गई टीम
बांट माप विभाग की ओर से अलीगढ़, मुरादाबाद संभाग के सहायक नियंत्रक सत्येंद्र नारायण सिंह को कमेटी का अध्यक्ष, राजेंद्र प्रसाद वरिष्ठ निरीक्षक गाजियाबाद, जीपी द्विवेदी वरिष्ठ निरीक्षक हापुड़ व युधिष्ठिïर बघेल निरीक्षक मेरठ को सदस्य बनाया गया है। यह टीम पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जांच करेगी। साथ में आयल कंपनियों के अधिकारी, ऑयल कंपनियों की आईटी सेल व लीगल सेल के विशेषज्ञ भी होंगे। राजधानी लखनऊ में भी जिन पेट्रोल पंपों पर पहले छापेमारी की गई या फिर संदेह है उन सभी की जांच की जाएगी।पिछले साल कई मामले आये थे सामनेपिछले साल लखनऊ सहित प्रदेश भर में जांच के दौरान पेट्रोल पंपों में पेट्रोल और डीजल की घटतौली के कई मामले सामने आए थे। उस समय तेल कम माप कर दिया जा रहा था। हापुड़ में जहां पर यह मामला पकड़ में आया उसमें दो लाख रुपए में सॉफ्टवेयर कंपनी के इंजीनियर सॉफ्टवेयर में बदलाव कर देते थे। इसका मतलब है कि इस चोरी में पेट्रोल पंप मालिक और कर्मचारी सीधे तौर पर मिले होते हैं। आईओसी के अधिकारियों ने बताया कि असल में इस घोटाले में डिस्पेंसिंग यूनिट सप्लाई करने वाली कंपनी जीवीआर और मिडको के दो इंजीनियर शामिल हैं।ऐसे पकड़ी गड़बड़ी


अधिकारियों के अनुसार लखनऊ में बांट माप विभाग को सूचना मिली थी कि राज्य के कई हिस्सों में पेट्रोल पंपों में पेट्रोल डालने वाली मशीन के साफ्टवेयर की टेंपरिंग कर तेल चोरी किया जा रहा है। जांच के लिए एक टीम हापुड़ के पेट्रोल पंप पर पहुंची। टीम ने पेट्रोल पंप मालिक को विश्वास में लेकर गिरोह के सदस्यों को बुलाया। जांच टीम के सदस्यों के लिए भी बताया गया कि इनका पेट्रोल पंप है और सॉफ्टवेयर खरीदना है। जिसके बाद उन्होंने उसी पेट्रोल पंप पर डेमो दे दिया। जिससे दोनों इंजीनियर पकड़ गए।54 पंपों पर मिली थी चिपलखनऊ में ङ्क्षहदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम, इंडियन आयल के पेट्रोल पंपों पर जांच में भारी गड़बड़ी मिली थी। लखनऊ में करीब 202 पेट्रोल पंप हैं। 2016 को 27 अप्रैल को एसटीएफ ने पेट्रोल पंपों पर चिप लगाकर घटतौली का मामला पकड़ा इसके बाद 51 पंपों को बंद किया गया था। इनमें से 27 आईओसीएल, 12 एचपीसीएल, 10 बीपीसीएल और 2 एस्सार कंपनी के हैं। इनमें रिमोट द्वारा गड़बड़ी के आरोप लगे थे।आवारा कुत्ते-बिल्लियों को दाना डालने पर महिला के साथ छेड़छाड़इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में मर्डर : अभिषेक ने खोला रोहित की हत्या का पूरा सच!आईओसी की ओर से आईटी सेल, लीगल सेल व अधिकारियों की टीमों ने जांच शुरू कर दी है। पश्चिमी यूपी के साथ ही लखनऊ, आसपास के जिलों में भी जांच की जा रही है। दोषी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।- एके गंजू, तेल कंपनियों के राज्य समन्वयक

Posted By: Vandana Sharma