- रिम्स में मिलेंगी निजी अस्पतालों की तरह सुविधाएं, पेइंग वार्ड का हुआ उद्घाटन

- नियमित टीकाकरण में शामिल करनेवाला 16वां राज्य बना झारखंड

- पारा मेडिकल काउंसिल तथा संस्थान के भवनों का उद्घाटन

रांची : राज्य के 1.17 करोड़ के बच्चों-किशोरों को मिजिल्स (खसरा) के साथ-साथ रूबेला बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान गुरुवार को शुरू हो गया। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रिम्स ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में अभियान की लांचिंग की। उनकी उपस्थिति में कुछ बच्चियों को टीका भी दिया गया। इसी के साथ नियमित टीकाकरण में इस टीके को शामिल करनेवाला झारखंड 16वां राज्य बन गया। मुख्यमंत्री ने इससे पहले रिम्स में पेइंग वार्ड का उद्घाटन किया। वहीं, कार्यक्रम में राजकीय पारा मेडिकल संस्थान तथा झारखंड राज्य पारा मेडिकल परिषद के भवनों का ऑनलाइन उद्घाटन किया।

ब्रांड एंबेसडर सौरभ तिवारी

मौके पर स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, अभियान के ब्रांड एंबेसडर क्रिकेटर सौरभ तिवारी, विधायक जीतूचरण राम आदि भी उपस्थित थे। रिम्स में पेइंग वार्ड बनने से यहां निजी अस्पतालों की तरह मरीजों की सुविधाएं मिल सकेंगी। बदले में उन्हें कुछ शुल्क चुकाना होगा। इस वार्ड में बने 100 कमरों वाले पेइंग वार्ड में फिलहाल 40 कमरों में सेवा शुरू की जाएगी। एक कमरे के लिए मरीजों को एक हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से शुल्क देना होगा। इसमें डॉक्टरों के विजिट चार्ज, नर्स की सेवा और खाने का शुल्क शामिल है।

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पीएमओ से हो रही मानीट¨रग : चंद्रवंशी

स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने मिजिल्स-रूबेला टीकाकरण अभियान शुरू होने को बड़ा कदम बताते हुए कहा कि इस अभियान की मानीट¨रग प्रधानमंत्री कार्यालय से हो रही है।

गर्भपात और दिव्यांगता पर लगेगी रोक : निधि

स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने कहा कि रूबेला बीमारी का सबसे अधिक प्रभाव गर्भवतियों पर पड़ता है। इस बीमारी से गर्भपात, मृत या दिव्यांग बच्चे के जन्म का खतरा रहता है। इस टीके से इस समस्या पर रोक लगेगी। उनके अनुसार, यह टीका नौ माह के बच्चे से लेकर 15 साल के किशोरों को दिया जाएगा।

अब निमोनिया से प्रतिरक्षण की तैयारी : कृपानंद

अभियान निदेशक कृपानंद झा ने कहा कि राज्य सरकार का अगला लक्ष्य निमोनिया के टीके न्यूमोकोकल को नियमित टीकाकरण में शामिल करने का लक्ष्य है। इसे लेकर केंद्र सरकार से बात चल रही है।

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Posted By: Inextlive