- हाईकोर्ट बेंच के लिए चलाए जा रहे आंदोलन को मिला बल

- पहले भी बेंच मसले पर आगरा के की जनता के साथ रहे हैं सांसद कठेरिया

AGRA भाजपा पर आगरा वालों ने भरोसा जताया है। प्रोफेसर कठेरिया के दोबारा सांसद बनने से हाईकोर्ट बेंच स्थापना की भी अब उम्मीद काफी बढ़ गयी है। एडवोकेट्स को अब इंतजार है तो बस सांसद प्रोफेसर कठेरिया के मंत्री बनाए जाने का।

साथ रहे हैं बेंच आन्दोलन में

आगरा में हाईकोर्ट बेंच की डिमांड के फेवर में सांसद कठेरिया पिछले पांच साल एक्टिव रहे। इस दौरान जब-जब आगरा में आन्दोलन हुआ तो एडवोकेट्स के साथ ही साथ कंधे से कंधा मिलाकर सांसद प्रोफेसर राम शंकर कठेरिया भी साथ रहे। प्रोफेसर कठेरिया ने वकीलों के साथ मींटिग्स में हिस्सा लेने से लेकर सड़क तक संघर्ष में साथ नहीं छोड़ा।

सांसद ने रोकी थी रेल

ख्म् सितम्बर ख्009 को सांसद प्रोफेसर कठेरिया ने हाईकोर्ट बेंच के मसले पर चक्का जाम आन्दोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। कमान संभालते हुए खुद सांसद प्रोफेसर कठेरिया ने राजामंडी रेलवे स्टेशन पर रेलवे पटरी पर रेल के पहियों का थामा था।

वाइफ भी साथ थी रेल रोकने में

सैकड़ों के समर्थन के साथ सांसद प्रोफेसर कठेरिया रेलवे पटरी पर उतरे थे। वी वांट हाईकोर्ट का नारा बुलंद करते हुए रेल को आगे नहीं बढ़ने दिया था। इस दौरान सांसद की वाइफ मृदुला कठेरिया भी महिला मोर्चा को साथ लेकर खुद रेलवे पटरी पर बैठ गईं थीं। सांसद प्रोफेसर कठेरिया के नेतृत्व में काफी देर तक आगराइट्स ने रेल को दिल्ली की दिशा में आगे नहीं बढ़ने दिया था।

अब आवाज को मिली दम

हाईकोर्ट बेंच स्थापना संघर्ष समिति के सेक्रेट्री अरुण सोलंकी का कहना है कि बेंच स्थापना के लिए चलाए जा रहे आन्दोलन को सांसद कठेरिया का पूरा समर्थन मिला है। अपने पिछले कार्यकाल में सांसद कठेरिया बेंच के आन्दोलन में वकीलों के साथ रहे। इस बार फिर कठेरिया सांसद चुने गए हैं। आगरा की जनता ने उन्हें भारी बहुमत से चुनकर संसद में भेजा है। केंद्र में सरकार भी बीजेपी की बनी है.आगरा की जनता को पूरा भरोसा है कि सांसद कठेरिया को मोदी मंत्रिमंडल में जरूर मिनिस्टर बनाया जाएगा। सांसद कठेरिया की पार्टी की केंद्र में सरकार बनने से अब ना केवल हाईकोर्ट बेंच स्थापना की डिमांड को लेकर उठाई जा रही आवाज को बल मिला है। बल्कि, केंद्र सरकार से बेंच स्थापना की पहल को लेकर भी आगरा की जनता को काफी उम्मीद है।

चार दशक से चल रहा है आंदोलन बताते चलें कि हाईकोर्ट बेंच स्थापना की डिमांड के लिए तकरीबन चार दशक से भी अधिक टाइम से आन्दोलन चल रहा है। पश्चिमी उप्र में हाईकोर्ट बेंच स्थापना को लेकर यूपी गवर्नमेंट की तरफ से लिखित रिक्वेस्ट की गई थी। लेकिन, पश्चिमी उप्र में बेंच के लिए सही स्थान क्या होना चाहिए, इसके निर्धारण के लिए तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने जस्टिस जसवंत सिंह कमीशन का गठन किया था।

केंद्र सरकार को सौंपी थी संतुति

सालों-साल जांच के बाद जस्टिस जसवंत सिंह ने पश्चिमी उप्र में बेंच के लिए आगरा को उपयुक्त स्थान बताते हुए अपनी संस्तुति केंद्र सरकार को सौंप दी थी। तब से लेकर आज तक बेंच मसले पर कोई फैसला नहीं लिया जा सका। केंद्र सरकार की ओर से इसके लिए राज्य सरकार की ओर और राज्य की ओर से केंद्र सरकार के पाले में गेंद लुढ़काई जाती रही है। जबकि बेंच स्थापना के लिए असल रोल केंद्र सरकार का ही है।

हुआ था अधिवेशन

ख्009 में बेंच स्थापना के लिए आगरा में मंडलीय अधिवेशन हुआ था। इसमें सभी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे। सभी की मौजूदगी बेंच स्थापना आन्दोलन की सक्रियता को बढ़ाते हुए मंजिल तक पहुंचाने के लिए सर्व सम्मति से आगरा जन संघर्ष समिति बनाए गई थी। इसके अध्यक्ष बीजेपी वरिष्ठ नेता राजकुमार सामा हैं। सेक्रेट्री सांसद कठेरिया बनाए गए। इसीलिए भी आगरा की जनता को अपना हक बेंच मिलने की काफी उम्मीद जागी है।

सांसद प्रोफेसर को फिर से सांसद बनने पर बधाई। बेंच स्थापना के आंदोलन में सांसद से पूरी उम्मीद है। आशा है कि आगरा में बेंच स्थापना में सांसद पूरा योगदान देंगे।

केडी शर्मा, संयोजक हाईकोर्ट बेंच स्थापना संघर्ष समिति

हाईकोर्ट बेंच आंदोलन में सांसद कठेरिया पिछले पांचों साल से काफी सक्रिय रहे हैं। इस बार भी आगरा से सांसद चुने गए हैं। पूरा भरोसा है कि सांसद आगरा को बेंच के रूप में उसका हक दिलाकर रहेंगे।

हेमंत भारद्वाज, मीडिया प्रभारी संघर्ष समिति

आगरा में हाईकोर्ट बेंच स्थापना के लिए मैं संघर्ष करता रहा हूं। आगे भी करता रहूंगा। आगरा की जनता को उसका हक दिलाने में मैं कभी ना पहले पीछे था। ना भविष्य में कभी पीछे रहूंगा।

प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया, सांसद

Posted By: Inextlive