एक्सक्लूसिव

-टेंडर हुए फाइनल, नवंबर के आखिरी महीने से शुरू हो जाएगा कार्य, कुंभ के 1 महीने बाद तक चलेगा

-शहर में 6 नाले बायो-रैमेडिएशन तकनीक से होने हैं टैप, जलनिगम ने 3 करोड़ का बजट शासन को भेजा था

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KANPUR : जनवरी-2019 को होने वाले महाकुंभ में दिए गए बजट से ही कानपुर में नालों को बायो-रैमेडिएशन तकनीक से 'टैप' किया जाएगा। जल निगम ने टैप नहीं किए जा सके 6 नालों पर तकनीक का प्रयोग करने के लिए शासन को 3 करोड़ का बजट बनाकर भेजा था। लेकिन जल निगम को शासन से नया आदेश मिला है। इसके मुताबिक महाकुंभ के लिए दिए गए हजारों करोड़ के बजट से ही इसे टैप किया जाएगा। कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी सहित अन्य जिलों में भी महाकुंभ के बजट से ही अब नालों पर बायो-रैमिडिशन तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए इलाहाबाद में टेंडर भी प्रक्रिया में हैं। 5 अक्टूबर को टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

जल निगम को नहीं मिला बजट

जल निगम ने 2 अगस्त को ही 6 नालों पर बायो-रेमिडिएशन तकनीक से नाला सफाई का 3 करोड़ का प्रस्ताव भेजा था। अब नया फरमान शासन ने सुना दिया। जल निगम के जीएम आरके अग्रवाल ने बताया कि कुंभ के एक महीने पहले इस कार्य को शुरू किया जाना है और कुंभ के 1 महीने बाद तक कार्य किया जाएगा। अब इलाहाबाद में टेंडर के बाद चयनित होने वाली कंपनी ही गंगा में गिरने वाले नालों पर बायो-रैमिडिएशन तकनीक से कार्य करेगी।

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कारगर नहीं है तकनीक

बायो-रेमिडिएशन तकनीक कोई नई नहीं है। सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के आधार पर पहले भी सीसामऊ नाले पर इस तकनीक का प्रयोग किया जा चुका है। लेकिन इसका कोई प्रभाव देखने को मिला था। इस कारण से इस तकनीक का प्रयोग बंद कर दिया गया था। महाकुंभ में इस प्रयोग से अब गंगा कितनी साफ हो पाएगी, यह तो उस समय ही पता चल सकेगा।

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क्या है रेमिडिएशन तकनीक

रेमिडिएशन तकनीक के माध्यम से नाले में मौजूद सिल्ट में एंजाइम की डोजिंग कर रिएक्शन कराई जाती है। इससे सिल्ट में मौजूद गंदगी में बीओडी की मात्रा बढ़ जाती है। गंगा में गिरने से पहले नालों में स्लज को रोकने के लिए कई पॉन्ड बनाए जाएंगे और इसमें लिक्विड फॉर्म में मौजूद एंजाइम डाले जाएंगे। एंजाइम रिएक्शन से स्लज में बैक्टीरिया ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ा देता है। नाला जितना लंबा होगा, उससे रिएक्शन ज्यादा तेज होगी। इसका फायदा यह है कि गंगा में गिर रहे ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाया जा सकेगा, गंगा में मौजूदा मछलियों और अन्य जीव जंतुओं को इसका लाभ मिलेगा।

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इन नालों के लिए प्रस्ताव

कैंट के 3 नाले-

टबका नाला, गोलाघाट नाला, सत्तीचौरा नाला

सीसामऊ के 3 नाले-

शीतला बाजार, वाजिदपुर, बुढि़याघाट नाला

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ये नाले हो चुके हैं टैप

परमट नाला, टैफ्को नाला, जेल नाला, रानीघाट नाला,

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इन नालों को किया जा रहा टैप

परमिया नाला, नवाबगंज नाला, सीसामऊ नाला, गुप्तार घाट, म्योर मिल नाला

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आंकड़ों की जुबानी

-3 करोड़ से नालों में की जाएगी केमिकल रिएक्शन।

-2 अगस्त को शासन में भेजा गया प्रस्ताव।

-4 नाले में गंगा में गिरने से किए गए टैप।

-6 नालों को टैप करने का चल रहा है कार्य।

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कानपुर में गंगा में गिर रहे 6 नालों के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। लेकिन महाकुंभ के लिए अलॉट किए गए बजट से शहर में भी बायो-रैमिडिएशन तकनीक से नालों पर डोजिंग की जाएगी।

-आरके अग्रवाल, जीएम, जल निगम

Posted By: Inextlive