>-अकबरपुर लोकसभा सीट से बीजेपी कैंडीडेट के सामने उनकी पत्नी लड़ रहीं चुनाव

-गुपचुप कराया था प्रेमशीला ने नामांकन, नामांकन पत्र की डिटेल से हुआ खुलासा

- चुनाव आयोग की बंदिशों को तोड़ने का जुगाड़ निकालने के लिए दिखावटी घमासान का आरोप

KANPUR: चुनाव में प्रत्याशी कोई आचार संहिता न तोड़ पाएं और गाइडलाइंस के दायरे में ही प्रचार करें, इसके लिए चुनाव आयोग ने हर संभव कदम उठाए हैं। कैंडीडेट्स पर नजर रखने के पुख्ता इंतजाम किए हैं। लेकिन कैंडीडेट इतने भी भोले नहीं कि इसका तोड़ न निकाल पाएं। अब अकबरपुर सीट का ही हाल देख लीजिए यहां बीजेपी कैंडीडेट देवेंद्र सिंह भोले जीत के लिए एक-एक वोट की जुगत लगा रहे हैं। दूसरी ओर उनकी पत्नी प्रेमशीला सिंह उनके खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। इसका खुलासा दोनों प्रत्याशियों की ओर से नामांकन में दिए गए शपथपत्र से हुआ है। हालांकि नामांकन भरने में कोशिश पूरी की गई है कि कहीं ये पता न चल पाए कि दोनों कैंडीडेट्स का क्या रिश्ता है। अब सवाल ये है कि एक ही घर में रहने वाले बीजेपी कैंडीडेट और उनकी पत्नी एक-दूसरे के खिलाफ क्यों चुनाव लड़ रहे है? क्या चुनाव आयोग की आंख में धूल झोंकने की कोशिश है? क्या चुनावी खर्च की सीमा को पार करने का जुगाड़ है ये? क्योंकि ऐसे ही कैंडीडेट्स की वजह से हर पोलिंग बूथ पर दो ईवीएम लगानी पड़ती हैं जिससे करोड़ों का ख्ार्च बढ़ जाता है।

चुनावी खर्च सीमा का तोड़

देवेंद्र सिंह भोले और उनकी पत्नी प्रेमशीला के एक ही लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की वजह क्या है? इसकी जानकारी अभी तक नहीं हो सकी है। भोले सिंह की पत्नी ने कारण बताने से साफ इंकार कर दिया। लेकिन ये जरूर है कि वे एक ही मकान में रह रहे हैं। ऐसा इन दोनो लोगों के शपथ पत्र को देखने से स्पष्ट है। पति, पत्नी ने शपथ-पत्र में एक ही मकान नम्बर, एक दूसरे के पैन नम्बर, एक-दूसरे के द्वारा फाइल किए इनकम टैक्स में दिखाई गई आय, नकदी, बैंक में जमा पैसा, प्रॉपर्टी ही नहीं बल्कि एक दूसरे के पास मौजूद गोल्ड, सिल्वर ज्वेलरी सहित अन्य डिटेल शपथपत्र में दिखाई है। जिससे हर किसी के जुबान पर यही चर्चा है कि एक-दूसरे की सहमति से चुनाव लड़ा जा रहा है। अगर एक-दूसरे से सहमति है तो वे चुनाव मैदान में क्यों आमने-सामने हैं। सोर्सेज का कहना है कि ये केवल चुनावी फायदे के लिए किया जा रहा है। चुनाव आयोग की बंदिशों को तोड़ने का जुगाड़ है ये। यानि पत्नी के लिए मिलने वाले पोलिंग एजेंट्स, प्रचार वाहन और चुनाव खर्च का यूज बीजेपी कैंडीडेट खुद कर सकते हैं।

पत्नी बीमार, पति कर रहे प्रचार

मंडे की शाम भोले सिंह को उनके सेलफोन नम्बर 9515942384 पर आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने कॉल की। कॉल रिसीव करने वाले ने अपना नाम पकंज सिंह बताते हुए कहा कि भोले सिंह शिशुपुर में पब्लिक मीटिंग कर रहे है। इससे पहले उनकी पत्नी प्रेमशीला के सेलफोन नम्बर 9839142904 पर भी रिपोर्टर ने कॉल की। प्रेमशीला ने बताया कि तबियत सही ना होने के कारण वे घर पर ही हैं। चुनाव प्रचार के लिए नहीं निकल पा रही हैं। ये पूछने पर कि वो अपने ही पति के खिलाफ चुनाव में क्यों खड़ी हैं, उन्होंने जवाब देने से इंकार कर दिया। ये इंकार ही बहुत से खामोश सवालों का जवाब दे गया।

अभी बात नहीं हो सकती

बीजेपी कैंडीडेट और उनकी पत्नी जरूर चुनाव मैदान में है। लेकिन उनका बेटा विकास पिता के लिए प्रचार कर रहा है। लोगों से मिलकर वोट मांग रहा है। मंडे की शाम अपने पिता के लिए अवधपुरी, लखनपुर में लोगों से मिलकर वोट मांगे। विकास के सेलफोन नम्बर 9415133311 पर कॉल किया तो फोन मोनू सिंह ने रिसीव किया। उसने बताया कि विकास से अभी बात नहीं हो सकती है, वहां पिता के लिए लोगों से मिलकर वोट मांग रहे हैं।

लेकिन खुल गया राज

देवेन्द्र सिंह भोले ने अकबरपुर लोकसभा सीट से 2 व 4 अप्रैल को नॉमिनेशन सेट दाखिल किए थे। उनकी पत्नी प्रेमशीला ने नॉमिनेशन के आखिरी दिन गुपचुप तरीके निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन कराया। इसमें भी प्रयास रहा कि किसी को पता ना चल सके कि वे देवेंन्द्र सिंह उर्फ भोले सिंह की पत्नी है। इसीलिए नामांकन पत्र के साथ लगाए गए शपथ पत्र में अपना नाम हर जगह केवल प्रेमशीला (सिंह नहीं लिखा)। इसी तरह पति का नाम केवल देवेंद्र (सिंह और उर्फ भोले सिंह नहीं ) लिखा उन्होंने सिग्नेचर जरूर प्रेमशीला सिंह के नाम से किए हैं।

चर्चा तो ये भी है

बीजेपी कैंडीडेट की पत्नी के नामांकन को लेकर कई चर्चाएं है। जिसमें एक ये है कि नॉमिनेशन प्रॉसेज के दौरान बीजेपी कैंडीडेट की टिकट कटने की अटकलें जोर-शोर से गर्म थी। इन अटकलों के बीच नामांकन के आखिरी दिन प्रेमशीला ने नामांकन कराया था। लोगों का कहना है कि शायद इसी वजह से नामांकन कराया गया था कि अगर भोले सिंह का टिकट कट भी जाए तो उनकी पत्नी को पूरी दमखम के साथ चुनाव लड़ाया जा सके। डमी कैंडीडेट के तौर पर तो किसी भी को उतारा जा सकता था।

डमी कैंडीडेट उतारने का फायदा

कुछ कैंडीडेट जानबूझकर डमी कैंडीडेट्स को चुनाव मैदान में उतार देते हैं। डमी कैंडीडेट को मिलने वाली सुविधाओं जैसे पोलिंग एजेंट, काउंटिंग एजेंट, गाडि़यों के पास आदि का फायदा उठाते हैं। कई बार नामांकन पत्र खारिज होने के डर से भी डमी कैंडीडेट उतारा जाता है। जिससे कि नामांकन निरस्त होने पर डमी कैंडीडेट का समर्थन कर उसे चुनाव लड़ाया जा सके।

-क्यों खड़े हैं इसका कारण नहीं बता सकते हैं। आप जो समझें समझ लीजिए। तबियत ठीक नहीं है, इसलिए अभी प्रचार नहीं कर रही हूं। तबियत ठीक होने के बाद प्रचार के लिए निकलेंगें।

-- प्रेमशीला, निर्दलीय प्रत्याशी

-ये सही है देवेंद्र सिंह भोले और उनकी पत्नी नेअकबरपुर लोकसभा से नामांकन कराया है। दोनों के नामांकन पत्र जांच में सही पाए गए हैं। अगर वे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करते हैं तो उन पर कार्रवाई भी की जाएगी। दोनों के चुनाव प्रचार पर नजर रखी जाएगी।

- राजेन्द्र सिंह, सीडीओ व रिटर्निग ऑफिसर अकबरपुर लोकसभा

प्रत्याशी का नाम- देवेन्द्र सिंह उर्फ भोले

पार्टी- बीजेपी

पता- 343, रानेपुर रसूलाबाद

पोस्ट- बान

तहसील-डेरापुर

जिला- कानपुर देहात

पत्नी का नाम- प्रेमशीला सिंह

फाइल की गई इनकम टैक्स डिटेल

नाम- पैन नम्बर- टोटल आय

देवेन्द्र - AQAPS70577F - 5,64,035

प्रेमशीला- ATXPS9093फ्B- 3,88,608

वोटरलिस्ट में डिटेल

विधानसभा- 205 रसूलाबाद (अ.जा.)

भाग संख्या- 247

क्रम संख्या- 839

(डिटेल देवेंद्र सिंह उर्फ भोले सिंह द्वारा नामांकन के दौरान दाखिल किए हलफनामा के मुताबिक)

प्रत्याशी का नाम- प्रेमशीला

पार्टी- निर्दलीय

पता- 343, रानेपुर रसूलाबाद

पोस्ट- बान

तहसील- डेरापुर

जिला- कानपुर

पति का नाम- देवेन्द्र

फाइल की गई इनकम टैक्स डिटेल

नाम- पैन नम्बर- टोटल आय

प्रेमशीला- ATXPS9093फ्B- 3,88,608

देवेन्द्र - AQAPS70577F - भ्,म्ब्,0फ्भ्

वोटर लिस्ट में डिटेल

विधानसभा- ख्0भ् रसूलाबाद (अ.जा.)

नाम(भाग) संख्या- ख्ब्7

क्रम संख्या- 8ब्0

(डिटेल प्रेमशीला द्वारा नामांकन के दौरान दाखिल किए हलफनामा के मुताबिक है)

बॉक्स

7 कैंडीडेट के नामांकन निरस्त,क्9 बचे

अकबरपुर लोकसभा सीट के नामांकन पत्रों की मंडे को जांच हुई। जांच में रामेश्वर, बुद्धप्रिय शंखवार, डा। विजय नारायण, कु। सरस्वती, इकबाल अहमद, नीता देवी सचान और शिव वीर सिंह के नामांकन खारिज कर दिए गए। नामांकन निरस्त किए जाने पर नीता देवी ने जमकर हंगामा काटा। लेकिन हंगामा काम नहीं आया। रिटर्निग ऑफिसर राजेन्द्र सिंह के मुताबिक शपथपत्र अपूर्ण, नामांकन शुल्क जमा ना करने, प्रस्तावकों के हस्ताक्षर न होने आदि वजहों से नामांकन पत्र निरस्त किए गए है। इस तरह अकबरपुर लोकसभा के चुनाव मैदान में अब कैंडीडेट्स की संख्या क्9 रह गई है। जिनमें बीजेपी कैंडीडेट देवेंद्र सिंह उर्फ भोले सिंह व उनकी पत्नी प्रेमशीला सिंह भी शामिल हैं। 9 अप्रैल को नाम वापसी है। 9 अप्रैल को ही पता चलेगा कि इस लोकसभा के चुनाव में दूसरी ईवीएम(बैलेट यूनिट) लगानी पड़ेगी या नहीं। ये तभी संभव है जब ब् कैंडीडेट ने नाम वापस ले और चुनाव मैदान में केवल क्भ् कैंडीडेट ही बचें।

Posted By: Inextlive