क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: लोकसभा चुनाव में इस बार दागियों की दाल गलने वाली नहीं है. चुनाव आयोग ने सभी आपराधिक प्रवृत्ति के कैंडिडेट्स पर लगाम कसने के लिए इस बार कड़े कदम उठाए हैं. एक तरफ जहां उन्हें नए फ ॉर्मेट में अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मामलों का हिसाब देना होगा, वहीं कैंडिडेचर फ ाइनल होने के बाद इसका इश्तेहार भी देना होगा कि मैं क्रिमिनल नहीं हूं. मेरे ऊपर कोई मुकदमा दर्ज नहीं है. यह सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि नॉमिनेशन से लेकर चुनाव की डेट के बीच तीन बार अखबार में विज्ञापन देना होगा. इससे अपराध करने के बाद भी सफेदपोश बने लोग बेनकाब होंगे और वोटर्स को भी सही कैंडिडेट चुनने में आसानी होगी.

सिर्फ कोरम पूरा नहीं करना है

आपराधिक छवि के कैंडिडेट्स पर इस बात की भी सख्ती होगी कि वह सिर्फ कोरम पूरा करने के लिए इश्तेहार नहीं दें. बल्कि उन्हें अपने एरिया के सबसे ज्यादा सर्कुलेशन वाले न्यूज पेपर को चुनना होगा, जहां से आम लोगों को उनके बारे में जानकारी मिल सके. यही नहीं, अगर उन्होंने इलेक्शन कमिशन के इस निर्देश का पालन नहीं किया, तो उनका कैंडिडेचर निरस्त भी हो सकता है. वहीं, अगर उन्होंने पहले गलत सूचना का एफि डेविट दिया है और उसे दुरुस्त कराना चाहते हैं, तो उन्हें फ ाइनल लिस्ट डिक्लेयर होने से पहले काउंटर एफि डेविट भी देना होगा. यह दोनों एफि डेविट चुनाव आयोग को भी भेजा जाएगा.

Posted By: Prabhat Gopal Jha