आगरा। छावनी परिषद में सीईओ और अन्य अधिकारियों के खिलाफ उपाध्यक्ष डॉ। पंकज महेंद्रू ने मोर्चा खोल दिया है। इस मोर्चे में उपाध्यक्ष के साथ में छह पार्षद भी हैं। मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया है कि छावनी परिषद के अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। पब्लिक के हितों की अनदेखी कर रहे हैं। जनसुविधाओं को लेकर कोई काम नहीं किया जा रहा है।

वित्तीय अनियमितताएं भी

छावनी परिषद के उपाध्यक्ष डॉ। पंकज महेंद्रू का कहना है कि छावनी परिषद के अधिकारी वित्तीय अनियमितताओं में लिप्त हैं। एंटी टैक्स के मामले में भी मनमानी की गई। बिना परिषद में डाले हुए ई-टेंडर ठेके बिना नॉ‌र्म्स पूरे किए ही पास ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि छावनी परिषद के चुने हुए प्रतिनिधियों और परिषद के सरकारी कार्यो के लिए परचेज की गई इनोवा सीईओ अपने यूज में लेती हैं। पर्सनल यूज के एक्सीडेंट कार लाखों रुपये खर्च ठीक कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि जनता के हित के लिए परचेज किए वाहन का कोई अधिकारी निजी कार्य के लिए प्रयोग नहीं कर सकता है। यह धन का दुरुपयोग है।

पार्षदों और जनता की अनदेखी

वार्ड-8 से जीते पार्षद दिलीप कनौजिया का कहना है कि परिषद में पार्षदों की सुनने वाला कोई नहीं। जनता की समस्याएं की भी अनदेखी की जा रही है। कोई काम नहीं हो रहे हैं। वार्ड-1 से पार्षद राजकुमारी ने बताया कि जनता ने वोट देकर हमें चुना है लेकिन, उसी जनता के काम परिषद द्वारा नहीं किए जा रहे हैं।

हो रही मनमानी, हर तरफ समस्याएं

रेनू महेंद्रू ने आरोप लगाया कि उपाध्यक्ष के प्रोटोकॉल का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। छावनी परिषद की ओर से जो कागज इश्यू हो रहे हैं, उनके डॉ। पंकज महेंद्रू को सिम्पल इलेक्टेड मेम्बर लिखा हुआ है जबकि वे उपाध्यक्ष हैं। यही नहीं छावनी परिषद की जनता की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि हर वार्ड में गंदगी का साम्राज्य है। पानी की समस्या है। लाइन पड़ी है लेकिन, सप्लाई नहीं है। लाइटिंग की समस्या से लोग परेशान हैं। कॉन्फ्रेंस के दौरान सीमा राजपूत, भूपेश राजपूत, विजय लक्ष्मी, परमजीत, प्रेमचन्द गुप्ता आदि भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

डरते हैं चुने हुए प्रतिनिधि

छावनी परिषद के उपाध्यक्ष डॉ। पंकज महेंद्रू का कहना है कि छावनी की सीईओ के रवैये से हर प्रतिनिधि डरा हुआ है। छावनी में जाने से पहले सौ बार उन्हें सोचना पड़ता है। डर सताता है कि कहीं किसी फर्जी मुकदमे में जेल न भिजवा दिया जाए।

Posted By: Inextlive