- ठंड के साथ गलन वाली हवाओं से बढ़ गए मरीज

- हड्डी के अस्पतालों में पचास प्रतिशत नए मरीज

- डॉक्टरों का कहना बरतें सावधानी

PATNA : ठंड के साथ हाड़ कपा देने वाली हवाएं हडिडयों को कमजोर कर सकती हैं। थोड़ी सी लापरवाही गंभीर बीमारी को जन्म दे सकती है। ऐसे ही मौसम में लोगों पर बर्फीली हवाओं का अटैक होता है जिसमें शरीर में दर्द के साथ अन्य कई परेशानी आ जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि तीन दिनों से तेज ठंड हवाएं चल रही हैं जिससे अचानक मरीजों की संख्या में पचास प्रतिशत से अधिक की बढ़ोत्तरी हो गई है।

- बर्फीली हवाओं से सेहत पर बड़ा अटैक

डॉक्टरों का कहना है कि ठंड के मौसम में जब गलन भरी हवाएं चलती हैं तो शरीर में कई विकार आ जाते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक ठंड के कारण नस सिकुड़ जाती है और जब हवाएं चलती हैं तो उसमें खून का संचार काफी कम हो जाता है। ऐसे में मांस पेसियों में काफी तेज दर्द होता है। मरीज परेशान हो जाते हैं और हडिडयों के टूटने जैसे दर्द को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं।

- धूप में हवाओं से होता है धोखा

जब धूप के साथ तेज हवाएं चलती हैं तो अक्सर लोग धोखा खा जाते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि धूप के कारण लोग कम कपड़ा पहनते हैं और ऐसे में जब गलन भरी हवाएं शरीर में लगती हैं तो काफी नुकसान करती हैं। थोड़ी ही देर में पूरा शरीर अकड़ जाता है और लगता है कि कहीं हडडी में फ्रैक्चर हो गया है। नस के सिकुड़ने से बुजुर्ग लोगो को काफी दिक्कत होती है। ऐसे में अधिक उम्र के लोगों के साथ बच्चों को लेकर काफी ध्यान देने की आवश्यकता है।

- हर तीसरा मरीज है पीडि़त

डॉक्टरों का कहना है कि हर तीसरा मरीज इन दिनों हडिडयों के रोग से परेशान हैं। ओपीडी मेुं सबसे अधिक मरीज सर्दी बुखार और उल्टी दस्त के हैं उसके बाद अर्थराइटिस के मरीजों की संख्या अधिक है। मौसम में थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो ऐसे रोग से आसानी से बचा जा सकता है।

- युवा अवस्था में जाम हो रही ज्वाइंट

डॉक्टरों का कहना है कि युवा अवस्था में ही युवाओं की गांठ जाम हो रही है। जब तेज हवाएं चलती हैं तो उनके अंदर ये समस्या बढ़ जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि ये चिंता की बात है। अगर युवा नियमित व्यायाम करें और खान पान सही रखें तो दिक्कत नहीं होगी। सावधानी से ही बचा जा सकता है।

ऐसे टिप्स से मिलेगी राहत

- धूप के साथ गलन वाली हवाओं से रहें सावधान

- धूप में भी निकले तो कपड़ा पूरा पहन कर ही निकलें

- दूध, ड्राई फ्रूट और गर्म चीजों का सेवन करें

- अर्थराइटिस के पेसेंट हैं तो नियमित दवाओं का इस्तेमाल करें

- कोई भी दिक्कत हो तो तत्काल डॉक्टर से सम्पर्क करें

- नियमित दवाओं का ठंड में बढ़ जाता है डोज

- मरहम और तेल का करें इस्तेमाल

- लाइफ स्टाइल बदल कर ठंड और बर्फीली हवाओं से होता है काबू

ठंड में गलन भरी हवाओं से अचानक मरीजों की संख्या पचास प्रतिशत से अधिक बढ़ गई है। मरीजों में युवाओं की संख्या अधिक है। ऐसे में लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता है।

- डॉ रमित गुंजन, आर्थो सर्जन

Posted By: Inextlive