पिता को देख मेडिकल फील्ड में करियर बनाने का देखा था सपना

ALLAHABAD: मेडिकल कालेज में दाखिले के लिए आयोजित नेशनल एलिजबिलिटी कम इंट्रेस टेस्ट का परिणाम सोमवार को जारी हो गया। इसमें सिटी के मेधावियों ने भी अपना परचम बुलंद रखा। नीट में शानदार सफलता हासिल करने वाले पृथु जैन का करियर को लेकर लक्ष्य शुरू से ही क्लीयर था। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से बातचीत में उन्होंने बताया कि बचपन से ही पिता डॉ। जितेन्द्र जैन को देखकर मेडिकल फील्ड में ही करियर बनाने का सपना था। पिता और माता वारीद जैन की देखरेख में तैयारियों में जुटे रहे। 12वीं की परीक्षा दिल्ली के एक स्कूल से की। इसके बाद तैयारी के लिए कोटा चले गए। वहां एक साल की तैयारी के बाद नीट में शामिल हुए और ऑल इंडिया 625वीं रैंक हासिल की।

4 घंटे नियमित करते थे सेल्फ स्टडी

नीट में शानदार सफलता हासिल करने वाले पृथु जैन ने बताया कि वह कोचिंग के आलावा तैयारी के लिए नियमित रूप से चार घंटे सेल्फ स्टडी जरूर करते थे। इसके साथ ही तैयारी में एनसीईआरटी पैटर्न का सहारा लिया और उसी से तैयारी की। पृथु का सपना मौलाना आजाद मेडिकल कालेज में दाखिले का है। वह कहते हैं कि कोशिश तो यही रहेगी कि इसी कालेज में दाखिला मिले, लेकिन अगर रैंक के कारण कोई दिक्कत होती है तो वह अन्य किसी बेहतर मेडिकल कालेज में दाखिला लेंगे। तैयारियों को लेकर बताया कि घर में पैरेंट्स का पूरा सपोर्ट मिला। कोटा में तैयारी के दौरान पिता डॉ। जितेन्द्र जैन के साथ ही साथ मां वारीद जैन भी अक्सर उनके पास रुकती थीं।

इतने अच्छे रैंक का नहीं था भरोसा

नीट में शामिल होने के दौरान पृथु को इस बात का अंदाजा नहीं था कि इतनी अच्छी रैंक मिलेगी। वह बताते हैं कि यह तो उम्मीद थी कि अच्छी रैंक हासिल होगी, लेकिन इतना बेहतर रिजल्ट रहेगा इसे लेकर कांफिडेंस नहीं था। तैयारी के दौरान उन्होंने सबसे ज्यादा फोकस बायो पर किया। करियर को लेकर बताते हैं कि पहले तो वह पिता की तरह ही आर्थोपैडिक फील्ड में एडमिशन लेना चाहेगे। अगर रैंक के कारण अच्छा कालेज नहीं मिला तो न्यूरो की फील्ड में बेहतर कालेज का विकल्प जरूर ढूढ़ेंगे।

Posted By: Inextlive