डिजिटलाइजेशन में शहर की पुलिस फिसड्डी, मुरादाबाद से सीखे स्मार्ट वर्किंग
-हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत सभी केस कम्प्यूटर पर ही फीड किए जाने हैं
-एसएसपी से मांगा स्पष्टीकरण और ऑपरेटर को दंडित करने को कहाबरेली- हाथ से लिखी केस डायरी में राइटिंग की प्रॉब्लम के चलते कोर्ट की वर्किंग में प्रॉब्लम होती है। इसके लिए हाईकोर्ट ने सभी थानों में केस डायरी को ऑनलाइन करने के निर्देश दिए थे, लेकिन शहर की पुलिस इसे अभी भी फॉलो नहीं कर रही है। इसे लागू हुए लगभग ढाई महीना बीत चुका है, लेकिन बरेली जिले के थानों में अब तक 2910 में सिर्फ 107 केस डायरी डिजिटल हुईं हैं। डीजीपी ऑफिस से मिले निर्देर्शो में यहां तक कह दिया गया कि मुरादाबाद पुलिस से सभी जिलों की पुलिस सीख ले। डीजीपी ऑफिस से एडीजी जोन को निर्देश दिया है कि अच्छा काम करने वाले जिलों की समीक्षा करें और काम न करने वाले कम्प्यूटर ऑपरेटर को दंडित करें। एसएसपी से स्पष्टीकरण लेकर रिपोर्ट भेजने को कहा है।
50 परसेंट से अधिक केस डायरीहाईकोर्ट के आदेश पर अक्टूबर 2018 में सभी जिलों को सीसीटीएनएस के तहत केस डायरी कोर अप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (सीएएसस) पर काटने के निर्देश दिए थे और पहली दिसंबर से इसे लागू कर दिया गया। सीसीटीएनएस हेड ऑफिस से जब सभी जिलों की समीक्षा की गई तो सामने आया कि 50 परसेंट से अधिक केस डायरी काटने वाले जिलों में सिर्फ मुरादाबाद, मैनपुरी, भदोही और एटा हैं। बरेली समेत अन्य जिले इसमें फिसड्डी हैं।
बरेली जोन के जिलों का हाल डिस्ट्रिक्ट एफआईआर केस डायरी ऑन सीसीटीएनएस परसेंटेज बरेली 2910 107 4 शाहजहांपुर 2297 392 17्रपीलीभीत 963 58 6
बदायूं 1372 44 3 मुरादाबाद 1820 1611 89जेपी नगर 815 88 11
रामपुर 1940 119 6 बिजनौर 1491 59 4संभल 864 15 2
नोट- 1 दिसंबर से 9 फरवरी तक के रिकार्ड